एक बार फिर गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. वहीं दूसरी ओर वरुणा नदी में भी पानी बढ़ रहा है. शनिवार शाम तक वरुणा का पानी स्थिर था लेकिन रविवार सुबह जब लोग उठे तो वरुणा का कहर देखकर लोग सहम गए. फिर क्या कमर भर पानी में कोई सिर पर ग_र लिए तो कोई हाथ में खाने-पीने का सामन लेकर तो कोई हाथ में बक्शा लिए ठिकाने की तलाश में भटकता रहा.

वाराणसी (ब्यूरो)। एक बार फिर गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। वहीं, दूसरी ओर वरुणा नदी में भी पानी बढ़ रहा है। शनिवार शाम तक वरुणा का पानी स्थिर था, लेकिन रविवार सुबह जब लोग उठे तो वरुणा का कहर देखकर लोग सहम गए। फिर क्या कमर भर पानी में कोई सिर पर ग_र लिए तो कोई हाथ में खाने-पीने का सामन लेकर तो कोई हाथ में बक्शा लिए ठिकाने की तलाश में भटकता रहा। कई तो अपने नजदीकी रिश्तेदार, नातेदार के यहां ठहर गया तो कोई किराये पर ठहरने के लिए रूम की तलाश के लिए दर-दर भटकता रहा।

लाखों के सामान का नुकसान

वरुणा किनारे अचानक बाढ़ का पानी भर गया। बाढ़ के पानी के साथ जलकुंभी भी कई मोहल्लों की गलियों में पहुंच गई। इसके चलते लोगों को बाढ़ के पानी में तैर कर जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। घरों में पानी घुसने की वजह से लाखों रुपए का सामान खराब हो गया।

तटवासियों में हड़कंप

गंगा का जलस्तर बढऩे की वजह तटवासियों में हड़कंप मच गया। गंगा का जलस्तर 4 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार की बढऩे की वजह से अस्सी की गलियों में नाव चलने लगी है। दोपहिया वाहन से चार वाहनों का आवागमन ठप है। यही सीन सामने घाट भी देखने को मिला। बाढ़ का पानी सामने घाट की कॉलोनियों में घुस गया।

चेतावनी बिंदु के पार

चार सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। शाम तक चेतावनी बिंदु से गंगा पार हो चुकी है। रिहायशी इलाकों में पानी घुसने लगा है। इसके चलते लोगों में हड़कंप मच गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार रविवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर जहां 70.130 मीटर था तो दोपहर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर को पार करते हुए 70.310 पर पहुंच गया। पश्चिमी यूपी और पर्वतीय इलाकों में भारी बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में शनिवार से काफी तेजी से पानी बढऩे लगा।

लोगों की दुश्वारियां बढ़ीं

गंगा और वरुणा का जलस्तर बढऩे के साथ ही लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ती जा रही हैं। लगातार 6 बार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, परंतु इस बार जलस्तर सबसे तेज बढ़ा है। शनिवार को 18 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर बढ़ा, जो अब तक सबसे तेज बढ़ाने की गति दर्ज की गयी है। दो दिनों में देखते ही देखते जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया।

काशी के घाट डूबे

दशाश्वमेध, अस्सी, मणिकर्णिका, नमो घाट समेत काशी के अधिकांश घाट जलमग्न हो चुके हैं। वहीं पानी धीरे-धीरे मोहल्लों की ओर रुख कर रहा है। गंगा का जलस्तर बढऩे के चलते घाट और मंदिर डूब गए हैं। वहीं, तटवर्ती इलाकों में भीषण बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

आईआईटी कॉलेज में शरण

वरुणा किनारे बाढ़ का पानी बढऩे की वजह से सैकड़ों लोगों ने अपना घर, मकान छोड़कर आईआईटी कॉलेज में शरण ले रखी है। प्रशासन की तरफ से भी कैंप लगाया गया है। इस कैंप में दर्जनों परिवार ने शरण ली है। उनके ठहरने, खाने-पीने तक की व्यवस्था की गयी है। बाढ़ के पानी को देखते हुए कर्मचारियों की डयूटी बढ़ा दी गयी है। जल पुलिस भी बोट से मूवमेंट कर रही है।

कोनिया घाट किनारे वरुणा का पानी सैकड़ों घरों में घुस गया है। लोग सामन लेकर दूसरे जगह पलायन करने लगे हैं।

नीरज पाण्डेय, कोनिया

रातों रात वरुणा का पानी बढऩे के वजह से लोगों में हड़कंप मच गया है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि अपना मकान छोड़कर किधर जाएं।

भरत कुमार, धोबी घाट

गंगा के जलस्तर बढऩे के साथ ही वरुणा का पानी भी तेजी से बढऩे लगा है। काफी नुकसान हो रहा है। कमर भर पानी कई मोहल्ले में लग गया है।

सूरज कुमार, ढेलवरिया

तटीय इलाकों में कई फसल खराब हो चुकी है। बाढ़ के पानी फसल डूब जाने से सड़ जाएगी। इसके चलते काफी नुकसान हो रहा है।

विनोद गिरी, कोनिया सट्टी

Posted By: Inextlive