घाटों के बीच टूटा संपर्क अभी तक बना हुआ है. केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा खंड कार्यालय के अनुसार गुरुवार की सुबह आठ बजे राजघाट पर गंगा का जलस्तर 62.83 मीटर रिकार्ड किया गया जो शाम के छह बजे तक 10 घंटों में केवल चार सेमी बढ़कर 62.87 मीटर तक पहुंचा था. बुधवार की रात 10 बजे गंगा का जलस्तर 62.75 मीटर था जो सुबह आठ बजे यानी 10 घंटों में आठ सेमी ही बढ़ सका था.

वाराणसी (ब्यूरो)। गंगा के जलस्तर में वृद्धि की दर थम गई है। बुधवार की रात आठ बजे से गुरुवार की शाम छह बजे तक 20 घंटे में 12 सेमी पानी बढऩे के बाद जलस्तर स्थिर हो गया है। हालांकि, घाट की सीढिय़ों पर जमा पानी अभी तक लगा हुआ है। घाटों के बीच टूटा संपर्क अभी तक बना हुआ है। केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा खंड कार्यालय के अनुसार गुरुवार की सुबह आठ बजे राजघाट पर गंगा का जलस्तर 62.83 मीटर रिकार्ड किया गया जो शाम के छह बजे तक 10 घंटों में केवल चार सेमी बढ़कर 62.87 मीटर तक पहुंचा था। बुधवार की रात 10 बजे गंगा का जलस्तर 62.75 मीटर था, जो सुबह आठ बजे यानी 10 घंटों में आठ सेमी ही बढ़ सका था।

बीते दिनों में गंगा के जलस्तर में तेजी से हुई वृद्धि ने घाटों की सीढिय़ों, प्लेटफार्म सहित अनेक मंदिरों व जेटी स्थल तक को डुबा दिया था। पानी बढऩे से लगभग छह घाटों के बीच आपसी संपर्क टूट गया था। जलस्तर में हुई वृद्धि से उपजी ये दुश्वारियां अभी तक कायम हैं। अनेक घाटों के बीच संपर्क भंग की स्थिति अभी भी स्नानार्थियों व घाटवाक करने वालों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं। गंगा में बहाव तेज है। इसके चलते प्रशासन ने छोटी नावों के संचालन पर रोक लगा रखी है। फिलहाल जलस्तर स्थिर होने पर तटवासियों ने राहत की सांस ली है।

Posted By: Inextlive