दशाश्वमेध थाना एरिया में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से शीतला गली में गंगा दर्शनम गेस्ट हाउस की लिफ्ट में फंसने से उड़ीसा निवासी महिला तीर्थ यात्री की मौत हो गई. पुलिस घटना की जांच कर रही है. मृत महिला का बेटा पोस्टमार्टम के बाद बॉडी लेकर उड़ीसा रवाना हो गया. उसने पुलिस को कोई कंप्लेन भी नहीं दी.

वाराणसी (ब्यूरो)। दशाश्वमेध थाना एरिया में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से शीतला गली में गंगा दर्शनम गेस्ट हाउस की लिफ्ट में फंसने से उड़ीसा निवासी महिला तीर्थ यात्री की मौत हो गई। पुलिस घटना की जांच कर रही है। मृत महिला का बेटा पोस्टमार्टम के बाद बॉडी लेकर उड़ीसा रवाना हो गया। उसने पुलिस को कोई कंप्लेन भी नहीं दी।

दशाश्वमेध इंस्पेक्टर प्रमोद पांडेय के अनुसार ओडिशा के कटक की रहने वाली अहिल्या साहू (50 वर्ष) बेटे साधीन समेत 14 लोगों के साथ धार्मिक यात्रा पर 14 अगस्त को काशी पहुंचीं थीं। तीन दिन के लिए अयोध्या चली गईं, फिर बीते शनिवार को वापस इसी गेस्ट हाउस में आकर तीसरे मंजिल पर स्थित कमरे में ठहरी थीं। सोमवार को विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। साथ आए कुछ लोग ओडिशा चले गए थे।

सुबह पकडऩी थी भुवनेश्वर की फ्लाइट

अहिल्या, उनके बेटे समेत आठ लोगों को रविवार को बाबतपुर हवाई अड्डे से 11.40 पर भुवनेश्वर जाने वाली फ्लाइट से वापस जाना था। इसके लिए सभी सुबह गेस्ट हाउस से बाहर आकर वाहन में सवार हो गए थे। इसी दौरान अहिल्या साहू ने शौचालय जाने की बात कही और रिसेप्शन के पास बैग रखकर तीसरे मंजिल पर स्थित कमरे की चॉबी लेकर चली गईं। उन्हें आने में देर हुई तो बेटे व अन्य लोगों को ङ्क्षचता हुई। गेस्ट हाउस में जाकर तलाश किया तो अहिल्या के लिफ्ट में फंसे होने की जानकारी मिली। मैकेनिक को बुलाकर किसी तरह से लिफ्ट को खुलवाकर उन्हें बाहर निकालकर आनन-फानन में मंडलीय हास्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

थर्ड फ्लोर पर ठहरी थी महिला

काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के गंगा दर्शनम गेस्ट हाउस को रवि नाम का व्यक्ति संचालित करता है। उसका कहना है कि शौचालय गेस्ट हाउस में नीचे भी है, लेकिन महिला ने तीसरे मंजिल पर स्थित उस रूम में ही जाने की बात कही जिसमें ठहरी थी। महिला के लिफ्ट में होने की जानकारी पर कर्मचारियों ने सक्रियता दिखाई और बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।

लिफ्ट के रखरखाव में लापरवाही

घटना में गेस्ट हाउस प्रबंधन की लापवाही की बातें भी होती रहीं। यह खुलासा गेस्ट हाउस में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से हुआ। पुलिस की मानें तो महिला ने कमरे से बाहर निकलने के बाद लिफ्ट का बटन दबाया। लिफ्ट की लाइट भी जल रही थी। लिफ्ट देख कर महिला ने चैनल खोला। लेकिन इस बीच लिफ्ट ऊपर की ओर बढ़ गई। चैनल खुलने के बाद महिला को ऐसा लगा कि लिफ्ट उनके सामने है। पैर आगे बढ़ाते वह नीचे गिर गई। पुलिस का मानना है कि लिफ्ट के रखरखाव में लापरवाही बरती गई है।

पहले भी हुए हादसे

27 अगस्त 2019 को कैंट एरिया के महावीर मंदिर क्षेत्र स्थित महावीर ग्रीन अपार्टमेंट की लिफ्ट के दरवाजे में फंसकर 10 वर्षीय छोटू की मौत हो गई। छोटू दीनदयाल उपाध्याय राजकीय जिला अस्पताल के सर्जन के घर पर काम करता था।

27 मार्च 2024 को दशाश्वमेध एरिय के बड़ादेव स्थित भवन की लिफ्ट में फंसने से इलेक्ट्रॉनिक दुकान का कर्मचारी घायल हो गया। जख्मी युवक को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में एडमिट कराया गया था।

जरूरी है रखरखाव

1. एक लिफ्ट की औसत आयु 20-25 वर्ष ही हो सकती है, वह भी तब जब उसकी मरम्मत का ध्यान रखा जाए।

2. नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के मुताबिक 15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाली इमारत के लिए लिफ्ट अनिवार्य है और 30 मीटर से ऊंची बिल्डिंग के लिए स्ट्रेचर लिफ्ट भी अनिवार्य है।

लिफ्ट के लिए निश्चित अंतराल पर मरम्मत जरूरी है। अगर यह होता रहे तो दुर्घटना कि आशंका बहुत कम हो जाती है।

Posted By: Inextlive