छिटपुट बूंदाबांदी को छोड़ दें तो सावन का पहला सप्ताह लगभग सूखा ही गया. उमस भरी गर्मी बादलों की ओट से तीखी चिलचिलाती धूप ने लोगों को बेहाल कर रखा है. मानसूनी द्रोणिका बादल भरपूर आद्र्रता पुरवा हवा यानी सारी परिस्थतियां अनुकूल होते हुए भी सावनी घटाओं झमाझम की वर्षा नहीं दिखी.

वाराणसी (ब्यूरो)। छिटपुट बूंदाबांदी को छोड़ दें तो सावन का पहला सप्ताह लगभग सूखा ही गया। उमस भरी गर्मी, बादलों की ओट से तीखी चिलचिलाती धूप ने लोगों को बेहाल कर रखा है। मानसूनी द्रोणिका, बादल, भरपूर आद्र्रता, पुरवा हवा यानी सारी परिस्थतियां अनुकूल होते हुए भी सावनी घटाओं झमाझम की वर्षा नहीं दिखी। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि अब अगले सप्ताह सोमवार के बाद ही शायद मेघ कुछ सावनी ²श्य उपस्थित कर सकें।

सावन के प्रथम सप्ताह के पांचवें दिन शुक्रवार को भी अधिकतम तापमान में बीते 24 घंटों की अपेक्षा एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई और यह सामान्य से 3.7 डिग्री सेल्सियस अधिक 37 डिग्री रहा। न्यूनतम तापमान में भी ग्रामीण क्षेत्रों में दो डिग्री तो शहर में एक डिग्री की वृद्धि हुई और यह भी सामान्य से 2.3 डिग्री अधिक 28.6 डिग्री सेल्सियस पर रहा। इस बीच 83 स 70 प्रतिशत के बीच आद्र्रता बनी रही। चिलचिलाती धूप और उमस भरे पसीने वाली गर्मी पूरे दिन परेशान करती रही।

बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो। मनोज कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि मानसूनी द्रोणिका की विरलता के चलते ऐसा हो रहा है। संभावना है कि द्रोणिका आगामी सप्ताह के सोमवार के बाद कुछ मजबूत स्थिति में आए और सावन की घटाएं झूमकर बरसें। वह बताते हैं कि ङ्क्षवध्याचल के दक्षिण में मध्य प्रदेश की सीमा में पानी वाले बादल हैं, बस इधर नहीं आ पा रहे। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो। एसएन पांडेय का कहना है कि बनारस हीट आइलैंड बना हुआ है, इसलिए सारी परिस्थितियां अनूकूल होते हुए भी यहां वर्षा नहीं हो पा रही है। अब अगले सप्ताह की ही उम्मीद की जा सकती है।

Posted By: Inextlive