दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी की आबोहवा अच्छी रखने के लिए परिवहन निगम ने शहर में ही नहीं बल्कि लंबे रूट पर इलेक्ट्रिक बस चलाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसकी शुरुआत पीएम के शहर वाराणसी से सीएम के शहर गोरखपुर से होगी. गोरखपुर से अयोध्या और वाराणसी के लिए इलेक्ट्रिक बसें भी चलेंगी.

वाराणसी (ब्यूरो)। दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी की आबोहवा अच्छी रखने के लिए परिवहन निगम ने शहर में ही नहीं, बल्कि लंबे रूट पर इलेक्ट्रिक बस चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत पीएम के शहर वाराणसी से सीएम के शहर गोरखपुर से होगी। गोरखपुर से अयोध्या और वाराणसी के लिए इलेक्ट्रिक बसें भी चलेंगी। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा 20 इलेक्ट्रिक बसों के भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। दिसंबर में इन बसों के आने की उम्मीद जताई जा रही है।

नौ रूटों पर चलाया जाएगा

परिवहन निगम के अनुसार इलेक्ट्रिक बसों को नौ रूटों पर चलाया जाएगा। सभी इलेक्ट्रिक बसें गोरखपुर से ही चलेंगी। अभी तक परिवहन की साधारण बसों से लोग अयोध्या, वाराणसी आदि जगहों की यात्रा करते थे। इन बसों के आ जाने से लोगों के पास एसी इलेक्ट्रिक बसों का विकल्प भी मिल जाएगा। यह बसें लोगों का सोनौली, आजमगढ़, गाजीपुर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, पडरौना, तमकुही रोड, देवरिया व भागलपुर से जोड़ेंगी। इलेक्ट्रिक बसें दिसंबर से सड़कों पर फर्राटा भरने लगेंगी।

महिला के लिए सेफ है ई-बस

बनारस शहर में दौड़ रही 50 ई-बसों ने महिलाओं के सफर को बेहद आरामदायक और सुरक्षित बना दिया है। इन बसों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन जैसी सुविधाएं शामिल हैं, जो यात्रियों, विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफी अहम हैं। महिला सुविधा के लिए बसों में आरक्षित सीटें भी रखी गई हैं, ताकि उनका सफर सुरक्षित हो। किराया भी कम है। साफ-सफाई का खास ख्याल रखा गया है, जिससे यात्रा के दौरान लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

बसों में ये हैं फेसिलिटी

- पॉस बटन

- पैनिक बटन

- पीआईएस सुविधा

- प्रोजेक्टर डिस्पले

- सीसीटीवी कैमरा और साउंड रिकॉरडिंग सुविधा

- माइक सिस्टम, जो सीधा कंट्रोल रूम से कनेक्ट है

- महिला के लिए आठ रिजर्व सीट

किस रूट पर कितनी बसें

कैंट से एयरपोर्ट के लिए 4 ई-बसें

कैंट से बाबतपुर चौराहा के लिए 8 ई-बसें

कैंट से लंका के लिए 6 ई-बसें

कैंट से रामनगर के लिए 4 ई-बसेेंं

कैंट से सिंधोरा के लिए 6 ई-बसें

कैंट से मार्कण्डेय महादेव के लिए 7 ई-बसें

सारनाथ-कैंट-लंका के लिए 6 ई-बसें

कैंट से नमो घाट -मुगलसराय के लिए 8 बसें

ई-बस में सफर काफी आरामदायक और सुविधाजनक है। टैक्सी और ऑटो से किराया भी कम है। महिला सेफ्टी प्वाइंट से यह काफी सुरक्षित है। गर्मी के दिनों में इसकी ठंडक से सफर अच्छा हो जाता है।

- सुदेश मिश्रा, राजातालाब

शहर में संचालित ई-बस से यह लगता है कि वाराणसी वाकई स्मार्ट सिटी है। जब से शहर में ई-बस चल रही है, मैं तो इसी में सफर कर रही हूं। गर्मी से राहत और धूल-धकड़ से निजात मिल जाती है। काशी में जो भी हमारे नाते-रिश्तेदार आते हैं, तो उन्हें मैं ई-बस से सफर कराती हूं।

- प्रेरणा कुमारी, मोहनसराय

ई-बस में यात्री की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। खासकर महिला सेफ्टी के कई फीचर भी हैं। महिलाओं के लिए आठ सीटें भी रिजर्व रहती हैं। अगर कोई इमरजेंसी हुई तो उसके लिए पैनिक बटन है, जो मिर्जामुराद से कंट्रोल होता है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 500 रुपए में बनारस के सभी धार्मिक स्थल तक लेने जाने की सुविधा भी उपलब्ध है।

गौरव वर्मा, आरएम रोडवेज

Posted By: Inextlive