बनारस शहर में सोमवार को सड़कों का नजारा बदला-बदला दिखा. लगभग हर मार्ग पर ई-रिक्शा की संख्या बहुत कम दिखी. अधिकतर मार्गों पर ई-रिक्शा की जगह ऑटो ही दिख रहे थे. ई-बसें भी खूब दौड़ रही थीं. जो भी ई-रिक्शा चालक सवारी लेकर जा रहे थे तो उन्हें हड़ताल के समर्थन में रास्ते में ही रोका जा रहा था

वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस शहर में सोमवार को सड़कों का नजारा बदला-बदला दिखा। लगभग हर मार्ग पर ई-रिक्शा की संख्या बहुत कम दिखी। अधिकतर मार्गों पर ई-रिक्शा की जगह ऑटो ही दिख रहे थे। ई-बसें भी खूब दौड़ रही थीं। जो भी ई-रिक्शा चालक सवारी लेकर जा रहे थे तो उन्हें हड़ताल के समर्थन में रास्ते में ही रोका जा रहा था। हालांकि मंडुवाडीह, लंका, भेलूपुर समेत कई थाना क्षेत्रों में जिस भी रोड पर पुलिस फोर्स गश्त करते दिखी, हड़ताल के समर्थन में ई-रिक्शा को नहीं रोका गया। बड़ी संख्या में ई-रिक्शा नहीं चलने से सुबह के समय शहर के अधिकतर सड़कों पर टै्रफिक सामान्य रूप से चलती दिखी। कहीं भी जाम की स्थिति नहीं पैदा हुई।

निकाल दी हवा तो हुई नोकझोंक

हड़ताल के समर्थन में ई-रिक्शा चालकों के कुछ समूह ने सोमवार को शहर की सड़कों पर सवारी ढोने की बजाय अपने वाहनों को पूरे दिन खड़ा रखा। हड़ताल में ई-रिक्शा चालकों के कई समूह के शामिल न होने और लगभग सभी मार्गों पर ऑटो के चलने से हड़ताल का खास असर नहीं रहा। ई-बसों से भी सवारियों को काफी सहूलियत हुई। इससे नाराज हड़ताल करने वाले ई-रिक्शा चालक ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। यूनियन से जुड़े सदस्यों ने कई ई-रिक्शा की हवा निकाल दी तो लाठी-डंडों से लैस कईयों ने ई-रिक्शा को चलने से रोका। कई वाहनों से सवारियों को नीचे भी उतार दिया। इसे लेकर कई कुछ जगहों पर नोकझोंक भी हुई।

स्नान करने वाले श्रद्धालु परेशान

पूर्व घोषित हड़ताल के समर्थन में ई- रिक्शा चालकों के कुछ समूह सोमवार सुबह से ही सक्रिय रहे। अपने वाहनों पर हड़ताल की सूचना लगाकर सवारी नहीं ढो रहे थे। वाराणसी सिटी स्टेशन, बनारस स्टेशन, आशापुर बस स्टैंड समेत अन्य स्थानों से सवारी ढोने वाले ऑटो व ई-रिक्शा चालकों को हड़ताल में शामिल होने के लिए कहते रहे। इसके चलते यात्रियों को पैदल चलने को भी मजबूर होना पड़ा। लोलार्क कुंड में स्नान के लिए जाने वाले कुछ ज्यादा ही परेशान हुए। वहीं कैंट से लंका तक चलने वाली ई-बस के फेरे बढ़ा दिए गए, जिसकी वजह से इस रूट पर चलने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत मिली। वहीं सड़क पर ई-रिक्शा की संख्या कम होने से यातायात काफी सुगम रहा। ऑटो व ई-बस आसानी से लोगों को एक से दूसरी जगह पर पहुंचाते रहे। कुछ आटो चालकों ने इसका फायदा भी उठाया और निर्धारित से अधिक किराया वसूल किया।

ई रिक्शा पर आज लगेगा क्यूआर कोड

ई रिक्शा के निर्धारित रूट पर चलने के लिए जरूरी कागजातों की जांच कर क्यू्आर कोड व कलर पट्टी लगाने के लिए यातायात पुलिस लाइन में शिविर का आयोजन मंगलवार को किया जाएगा। शिविर का उद्घाटन पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल करेंगे।

काशी जोन में चार रूट निर्धारित

शहर के प्रमुख मार्गों पर निर्धारित संख्या में ई-रिक्शा संचालन के लिए काशी जोन को चार रूट में बांटा गया है। जिन ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन जिस रूट के पते पर किया गया है, वह उसी रूट पर चलेंगे। इसकी पहचान के लिए उन्हें क्यूआर कोड व निर्धारित रंग की पट्टी लगानी होगी। ई रिक्शा पर क्यूआर कोड व रंगीन पट्टी लगाने के लिए आयोजित शिविर में ई रिक्शा चालक वाहन का आरसी, इंश्योरेंस, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस प्रमाण पत्र लेकर आएंगे। शिविर में कागजातों की जांच के बाद उन्हें रंगीन पट्टी व क्यूआर कोड दिया जाएगा।

कल पीएम कार्यालय जाकर सौंपेंगे ई-रिक्शा की चॉबी

शास्त्री घाट पर पांचवें दिन भी अखिल भारतीय ई-रिक्शा चालकों का अनशन जारी रहा। दो दिवसीय हड़ताल को लेकर ई-रिक्शा चालकों ने धरना-प्रदर्शन किया। यूनियन अध्यक्ष प्रवीण काशी ने कहा कि 11 सितंबर को शास्त्री घाट से हजारों की तादाद में प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर ई रिक्शा की चॉबी सौंपी जाएगी। ई-रिक्शा चालकों का कहना था कि अगर क्यूआर कोड लगवा दिया गया तो गलियों और मुहल्लों मे गाड़ी चलानी पड़ेगी। अनशन स्थल पर जिलाध्यक्ष बबलू अग्रहरि, शशिकांत, सोनू गौतम, त्रिलोकी विश्वकर्मा, किशन, सुनील, राहुल, श्याम, रोमी पाठक, अमित, रामबाबू सेठ, ज्ञानू, विजय जायसवाल, डब्ल्यू यादव, प्रशांत मिस्र, खान बाबा, सुभाष मौर्या, मेवा लाल पटेल, आजाद, दीपक यादव, वसीम, सुबास यादव, मनीष गुप्ता आदि मौजूद थे।

Posted By: Inextlive