Varanasi News: बनारस की गंगा आरती अद्भुत और अलौकिक है. इसकी अनुभूति करने के लिए रोजाना दुनियाभर से हजारों की भीड़ दशाश्वमेध समेत विभिन्न घाटों पर उमड़ती है. इतनी संख्या नावों पर भी रहती है. वैसे तो लंबे समय से गंगा आरती घाट किनारे हो रही है लेकिन पर्यटकों से धन उगाही के लिए कुछ लोगों ने सीएनजी नावों पर आरती का खेल शुरू कर दिया है.

वाराणसी (ब्यूरो)। Varanasi News: बनारस की गंगा आरती अद्भुत और अलौकिक है। इसकी अनुभूति करने के लिए रोजाना दुनियाभर से हजारों की भीड़ दशाश्वमेध समेत विभिन्न घाटों पर उमड़ती है। इतनी संख्या नावों पर भी रहती है। वैसे तो लंबे समय से गंगा आरती घाट किनारे हो रही है, लेकिन पर्यटकों से धन उगाही के लिए कुछ लोगों ने सीएनजी नावों पर आरती का खेल शुरू कर दिया है। इसके चलते किसी भी दिन सीएनजी टैंक फट सकता है। आग भी लग सकती है। आरती लेने की होड़ में किसी महिला की साड़ी में भयानक आग पकड़ सकती है। यही नहीं, गंगा आरती दिखाने के नाम पर ऑनलाइन टिकट का फ्रॉड भी शुरू हो चुका है। घाटों और बोट से फ्री में देखी जाने वाली गंगा आरती के लिए देसी-विदेशी पर्यटकों से 2100 से 4200 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। वीआईपी सीट और प्रसाद दिलाने के नाम पर भी पर्यटकों से ठगी हो रही है।

श्रद्धालुओं से वसूला जाता है 200 से 1000 रुपये
दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति की ओर से प्रतिदिन गंगा आरती का संचालन किया जाता है। उसमें कुछ अराजक तत्वों द्वारा आरती की नकली थाली बनाकर नावों पर जबरदस्ती ले जाकर दिखाया जाता है। आरती की थाली में आग की लपट काफी ज्यादा उठती है। इसके लिए श्रद्धालुओं से 200 से 1000 रुपये वसूला जाता है। गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए सभी नावें सीएनजी से संचालित हो रही हैं। इससे सीएनजी से संचालित नावों पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

2100 से 4200 में हो रही गंगा आरती की बुकिंग
काशी में विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती दिखाने के नाम पर ऑनलाइन टिकट का फ्रॉड भी शुरू हो चुका है। घाटों और बोट से फ्री में देखी जाने वाली गंगा आरती के लिए देसी-विदेशी पर्यटकों से 2100 से 4200 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। वीआईपी सीट और प्रसाद दिलाने के नाम पर पर्यटकों से ऑनलाइन फ्रॉड किया जा रहा है। पर्यटक वेबसाइट और एप से टिकट बुक करते हैं। मौके पर पहुंचते हैं तो एजेंट का फोन ही नहीं लगता या फिर उन्हें दशाश्वमेध घाट के आसपास कहीं जगह दे दी जाती है। कभी-कभी मेन आरती के बजाय दूसरी किसी गंगा आरती में कहीं पर भी बिठा दिया जाता है।

फर्जी वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग
काशी अर्चनम नाम की वेबसाइट पर 2100 रुपये में आरती बुकिंग होती है। इसमें दो लोग आरती देख सकते हैं। दूसरी वेबसाइट विएटर है। यहां पर गंगा आरती का रेट 4100 और 4200 रुपये है। इसे वाराणसी इवनिंग गंगा आरती टूर का नाम दिया गया है। दशाश्वमेध घाट पर आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने इसे फर्जी वेबसाइट बताया है।

800 कुर्सियां श्रद्धालुओं के लिए फ्री
सुशांत मिश्र ने कहा कि फर्जी बुकिंग वाले श्रद्धालु भटकते रहते हैं। यहां बैठने के लिए पहले आओ पहले पाओ वाला नियम है। घाट पर 800 कुर्सियां लगाईं जाती हैं। सभी फ्री में होती हैं। वहीं, लगभग 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु गंगा आरती में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ दिनों से फर्जी तरह से ऑनलाइन बुकिंग का काम चल रहा है। शिकायतें खूब आ रहीं हैं।

नावों पर आरती की परम्परा गलत है। सीएनजी से संचालित होने वाली नावों पर किसी दिन भी हादसा हो सकता है। स्थानीय लोगों की ओर से शिकायत आई है। इसे तत्काल बंद कराया जाएगा।
- साधुवन राम गौतम, प्रभारी, जल पुलिस


गंगा आरती के दौरान श्रद्धालुओं से धन उगाही के लिए कुछ लोगों ने सीएनजी नावों पर डमी आरती शुरू कर दी है। इसकी शिकायत पुलिस से की गई है। इसके अलावा रोजाना आरती से पहले श्रद्धालुओं को अलर्ट किया जाता है।
-सुशांत मिश्रा, अध्यक्ष, गंगा सेवा निधि

Posted By: Inextlive