Varanasi news: बनारस में गंगा का जलस्तर बढऩे से कई घाटों के संपर्क टूटे, कई मंदिर डूबे, कुछ में घुसा पानी
वाराणसी (ब्यूरो)। गंगा सहित सहायक नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि से सोमवार की शाम तक शहर में गंगा के कई घाटों का संपर्क आपस में भंग हो गया। अनेक घाटों का संपर्क आसपास के घाटों से टूटने की ओर था, तो किनारों पर स्थित कई मंदिर डूब गए, कुछ में पानी प्रवेश कर गया। पानी बढऩे से अहिल्याबाई घाट का प्राचीन शिव मंदिर में पूरी तरह से पानी प्रवेश कर गया है। इसमें स्थापित शिवङ्क्षलग जलमग्न हो गया है तो हनुमानजी की प्रतिमा के कांधे तक गंगा का पानी पहुंच गया है। प्रयागघाट का जुगल रुक्मिणी मंदिर पूरी तरह से डूब गया है। दशाश्वमेध घाट का प्लेटफार्म व नमो घाट का रैंप जलमग्न हो चुके हैं। भदैनी घाट व जैन घाट का आपस में संपर्क टूट गया है तो शिवाला घाट व हनुमान घाट के बीच भी संपर्क भंग हो चुका है। केदारघाट की तीन सीढिय़ां बची हैं, ये भी डूबीं तो इस घाट पर भी अन्य घाटों से पहुंचना मुश्किल हो जाएगा।
घाटों की सीढिय़ां डूबींइसके पूर्व रविवार की शाम तक तक ही अनेक घाटों पर सीढिय़ां डूब चुकी थीं और पानी और भी सीढिय़ों को डुबाने के लिए ऊपर की ओर बढ़ रहा था। मणिकर्णिका घाट पर रत्नेश्वर महादेव मंदिर, ललिता घाट पर बनी जेटी, दशाश्वमेध घाट पर बना गंगा आरती का प्लेटफार्म आदि पानी में डूब चुके थे। बढ़ते पानी का प्रवाह और गति देख आशंकित मान मंदिर पर तीर्थ पुरोहित अपनी चौकियां हटा चुके हैं तो दशाश्वमेध पर लगी झंडियां भी आरती समिति के स्वयंसेवकों ने उतार लिए हैं।
शाम तक जलप्रवाह में आई कमी राहत की बात यह कि रविवार की सुबह तक काफी तेजी से बढ़े पानी के वेग में शाम से कमी आना आरंभ हुई तो सोमवार की शाम चार बजे तक यह दो सेमी प्रति घंटा पर आ गई जबकि सुबह आठ बजे पानी बढऩे का वेग पांच सेमी प्रति घंटा दर्ज किया गया था। केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा खंड कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राजघाट पर सुबह आठ बजे तक 61.79 मीटर तक पहुंचा जलस्तर शाम के चार बजे तक 62.02 मीटर पर पहुंच गया था। यानी आठ घंटों में इसमें 23 सेमी की वृद्धि हुई थी। श्रम मंत्री ने अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के साथ की बैठकबाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सभी लोग, जनप्रतिनिधि और अधिकारी-कर्मचारी सजग रहें। साथ ही सहयोग करें तो इस समस्या का पूरी तरह सामना किया जा सकता है। इससे जन-धन की हानि कम होगी। यह बातें श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने सोमवार को चिरईगांव विकास खंड मुख्यालय सभागार में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों आदि के साथ बैठक में कहीं। उन्होंने राहत पहुंचाने के लिए अब तक हुई तैयारियों और सुझावों के संबंध में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जनप्रतिनिधियों, पार्टी कार्यकर्ताओं से जानकारी हासिल की। समीक्षा बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व वंदिता श्रीवास्तव ने कहा कि गंगा में अभी पानी की स्थिति चेतावनी बिंदु से काफी नीचे है। इसके बावजूद बाढ़ प्रभावित गांवों के जनप्रतिनिधि, आपदा मित्र विभागीय अधिकारियों से सहयोग कर प्रभावितों की सूची तैयार करवाएं। उसमें सूखा राशन, लंच पैकेट की सूची अलग-अलग हो। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूर्ण हो चुकी है। पशुओं के चारे के लिए पशुपालन विभाग से समन्वय, बाढ़ राहत चौकियों पर कृषि, स्वास्थ्य, राजस्व, पंचायत, विकास, आपूर्ति आदि विभागों के कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई गई है। मोकलपुर के भईयालाल ने सर्पदंश, भूसा वितरण की समस्या बताई। बभनपुरा के देवमणि त्रिपाठी ने लेखपालों की मनमानी और शिवदशा के पूर्व ग्राम प्रधान ने बाढ़ के समय नावों की समस्या उठाई। इस पर एडीएम ने ऐसी समस्या नहीं होने को आश्वस्त किया। कंट्रोल रूम का नंबर नोट कराया। इसमें सीडीओ हिमांशु नागपाल, एसडीएम सदर सार्थक अग्रवाल, सुधीर सिंह, कमलेश मौर्य, गौरव आदि उपस्थित रहे।