Varanasi news: बीएचयू में डिजिटल उपवास का भी चलेगा क्लास, फोन से बढ़ रही बीमारी को देखते हुए लिया गया है फैसला
वाराणसी (ब्यूरो)। देश दुनिया में मोबाइल व अन्य डिजिटल डिवाइस के आदी हो चुके युवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे न सिर्फ युवा अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि कई बीमारियों के शिकार भी हो रहे हैं। इस समस्या को समझते हुए बीएचयू ने एक अहम कदम उठाया है। दरअसल, बीएचयू के काउंसलर स्टूडेंट के फोन का स्क्रीन टाइम कम करवाएंगे। काउंसलर का मानना है कि ज्यादा फोन के यूज से यूथ हाइपरटेंशन, एंजाइटी जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। इसलिए अब जल्द ही बीएचयू में डिजिटल उपवास के क्लासेस शुरू होने वाले हैं।
बीएचयू की पहलस्टूडेंट का स्क्रीन टाइम कम करने के लिए बीएचयू के काउंसलर आगे आए हैं। वह जल्द ही बीएचयू में पढ़ रहे स्टूडेंट के लिए डिजिटल उपवास की क्लासेस चलाएंगे। इसमें बच्चे अपने स्क्रीन टाइम को कैसे कम कर सकते हैं, इसके बारे में बताया जाएगा। योग व अन्य अभ्यास करा कर ज्यादा फोन न चलाने की आदत डलवाई जाएगी। साथ ही ज्यादा फोन चलाने से किस किस बीमारी के शिकार होंगे, इसके बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
फोन के बाहर भी है दुनियास्टूडेंट को बीएचयू के काउंसलर ये बताएंगे कि फोन के बाहर भी एक दुनिया है। इसलिए कमरे में खुद को बंद करके फोन यूज करने से बेहतर है कि आप अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ समय को बिताएं। इससे स्टूडेंट मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे। डिजिटल उपवास क्लास में बच्चों को योग द्वारा फोन से दूरी रखने के भी टिप्स दिए जाएंगे।
इन टिप्स को करें फॉलो -अनावश्यक नोटिफिकेशन बंद कर दें। नोटिफिकेशन देख कर फोन यूज करने का मन करता है। -भोजन करते समय फोन दूर रखें। -डिजिटल डिवाइस से हर दिन दूरी रखने का समय तय करें। -अपनी मनपसंद किताबों को पढ़ें। -फोन यूज करने से अच्छा है कि आप कुछ देर म्यूजिक भी सुन सकते हैं। -ब्लॉगिंग एप इंस्टॉल करें और उसमें कुछ लिखें। -फोन से दूरी रखने के लिए योग का सहारा लें। इससे आपका मन शांत रहेगा। फोन से बनाएं दूरी बीएचयू काउंसलर नित्यानंद तिवारी ने बताया कि कुछ साल पहले तक फोन का यूज केवल बातचीत करने के लिए किया जाता था। लेकिन, जबसे देश में इंटरनेट की क्रांति हुई, तभी से इसका यूज बातचीत के साथ एंटरटेनमेंट के लिए भी होने लगा। बहुत से युवा ऐसे भी हैं जो 14 -14 घंटे तक फोन को यूज करते हैं। आंख होती कमजोरस्मार्टफोन का ज्यादा यूज कई बार हानिकारक साबित हो सकता है। फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट से आंख तो कमजोर होती ही है, साथ में एंग्जायटी और एग्रेशन जैसी कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। अगर कोई यूजर ज्यादा मोबाइल यूज करता है तो उसका किसी भी काम पर फोकस नहीं रह पाता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मोबाइल पर बार-बार नोटिफिकेशन आने से यूजर्स नोटिफिकेशन को देखने के लिए स्मार्टफोन ऑन को करते रहते हैं। ऐसे में ज्यादा स्मार्टफोन यूज करने से आप किसी भी काम को एकाग्र होकर पूरा नहीं कर सकते। वहीं, ज्यादा स्मार्टफोन यूज करने वाले यूजर्स में देखा गया है कि उन्हें एंग्जायटी और डिप्रेशन की अक्सर शिकायत रहती है। स्मार्टफोन को ज्यादा इस्तेमाल करने से स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ सकता है। ऐसे में आप बात-बात पर लोगों पर गुस्सा करना शुरू कर देते हैं।
फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट से आंख तो कमजोर होती ही है, साथ में एंग्जायटी और एग्रेशन जैसी कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए स्टूडेंट के लिए डिजिटल उपवास की क्लासेस शुरू होने वाली है। नित्यानंद तिवारी, बीएचयू काउंसलर