Varanasi Crime News: दुबई में बैठे साइबर क्रिमिनल ही वाराणसी के लोगों को डिजिटल अरेस्ट करते हैं और पैसा गुजरात और बनारस के एकाउंट में मंगाते हैं. यह सारा खेल बैंक खाता ब्रोकर गैंग के जरिए होता था. साइबर क्राइम पुलिस ने गैंग के सरगना सहित चार शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिसिया पूछताछ में यह चौंकाने वाली जानकारी गैंग के सरगना ने दी.

वाराणसी (ब्यूरो)। Varanasi Crime News: दुबई में बैठे साइबर क्रिमिनल ही वाराणसी के लोगों को डिजिटल अरेस्ट करते हैं और पैसा गुजरात और बनारस के एकाउंट में मंगाते हैं। यह सारा खेल बैंक खाता ब्रोकर गैंग के जरिए होता था। साइबर क्राइम पुलिस ने गैंग के सरगना सहित चार शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिसिया पूछताछ में यह चौंकाने वाली जानकारी गैंग के सरगना ने दी। पकड़े गए चार अपराधियों में दो गुजरात, एक बनारस और एक भदोही का रहने वाला है, इन्हीं लोगों की मदद से दुबई में बैठे साइबर क्रिमिनल बड़ी से बड़ी घटना को अंजाम देते हैं।

झांसा देकर खुलवा लिया एकाउंट

हरहुआ निवासी विशाल सिंह ने थाना साइबर क्राइम को लिखित सूचना दी। बताया कि बैंक खाता ब्रोकर गैंग ने बिजनेस इंवेस्टमेंट का फर्जी झांसा देकर विभिन्न बैंकों में उनका एकाउंट खुलवा दिया। एक-दो दिन बाद उक्त एकाउंट में भारी मात्रा में ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। पुलिस ने तुरंत ही उक्त एकाउंट फ्रीज कर दिया। आईटी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू दी।

गैंग तक ऐसे पहुंची पुलिस

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के निर्देशन में एडीसीपी अपराध श्रुति श्रीवास्तव, एसीपी गौरव कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई। विवेचना, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, डिजिटल फुटप्रिंट व जमीनी सर्विलांस आदि का इस्तेमाल करते हुए टीम सबसे पहले सत्यम मिश्रा निवासी मंगारी गांव थाना फूलपुर वाराणसी के पास पहुंची। पूछताछ में सत्यम ने नितिन पांडेय निवासी भदोही का नाम बताया। पुलिस उसके घर पहुंची। उसने पुलिस को बताया कि बैंक खाता ब्रोकर गैंग का मुख्य सरगना पाटेलिया दिशांत और उसके साथ दीपक दिनेश भाई निवासी जामनगर गुजरात ही है। साइबर क्राइम पुलिस ने गुजरात में दबिश देकर अंतर्राष्ट्रीय सरगना सहित चार साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार कर लिया।

अपराध करने का तरीका

पूछताछ में गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने कई चौकाने वाला खुलासा किया। बताया कि डिजिटल हाउस अरेस्टिंग गैंग, इन्वेस्टमेंट स्कैम गैंग दुबई में बैठा है। गैंग को चलाने के लिए सरगना को दुबई में बुलाकर ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद वाट्सएप गु्रप पर अक्सर मीटिंग होती थी। इस दौरान हाई लिमिट वाले बैंक खाते, इंटरनेशनल एक्टिव एटीएम कार्ड, खातों में पंजीकृत सिमकार्ड आदि उपलब्ध कराने की डीलिंग होती थी। इसके बाद दुबई में बैठे साइबर क्रिमिनल डिजिटल अरेस्ट की घटना को अंजाम देते हैं।

पैसे का लेनदेन कराने पर मिलता था 30 प्रतिशत हिस्सा

दुबई में बैठे साइबर क्रिमिनल के इशारे में गुजरात, भदोही और वाराणसी में अपना सिंडिकेट तैयार किया। इसके बाद स्थानीय लोगों को बिजनेस, इन्वेस्टमेंट स्कैम आदि का झांसा देकर अवैध तरीके से विभिन्न बैंकों में बैंक एकाउंट खुलवाया। फिर उन खातों मे इन्टरनेट बैंकिग सेट कर व डेबिट कार्ड को इंटरनेशनल एक्टिव व उसकी लिमिट बढ़ाकर दुबई भेज दिया जाता है। फिर दुबई में बैठे साइबर अपराधियों द्वारा आम जनमानस के साथ डिजिटल हाउस अरेस्टिंग तथा इन्वेस्टमेंट स्कैम जैसे अपराध कारित कर पैसे मंगाये जाते हैं। आगे उन पैसों की डीलिंग क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से कर यह लोग पैसा अपने निजी बैंक खातों मे प्राप्त कर लेते हैं। इस कार्य के लिए पूरे पैसे का 30 प्रतिशत हिस्सा मिलता था।

वाराणसी में खुलवाए हैं 125 बैंक खाते

पुलिस को जानकारी मिली कि साइबर ठगों ने वाराणसी में 125 बैंक खातों को खुलवाए हैं। ठगी के रुपये मंगाने के लिए इन खातों को खुलवाया गया है। इनमें से कुछ खातों में रुपये मंगाकर उन्हें बंद कर दिया गया है। कई खाते सक्रिय हैं जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है।

तीन हजार रुपये के चक्कर में पकड़े गए

तीन हजार रुपये के चक्कर में साइबर ठग पकड़ लिए गए। विशाल ङ्क्षसह ने पुलिस को बताया कि बाबतपुर कर्मी गांव के आदर्श ने सत्यम मिश्रा से उसकी मुलाकात कराई थी। उसने बताया कि अपने नाम से बैंक खाता खोलने पर प्रति खाता एक हजार रुपये मिलेगा। साथ ही खातों के जरिए होने वाले बिजनेस का एक प्रतिशत भी मिलेगा। इसके बाद गुजरात के पाटेलिया दिशांत व दीपक दिनेश भाई से मुलाकात कराया। तीनों ने केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक में उसका खाता खुलवाया। इसके बदले उसे तीन हजार रुपये दो दिनों में देने के लिए कहा। तीन महीने बाद भी रुपये नहीं मिलने पर विशाल ने बैंक में जाकर पता किया तो जानकारी मिली की उसके खाते में काफी रुपये आए और निकाल लिए गए। बैंक खाता सीज हो गया और मुकदमा भी दर्ज है। उसने तत्काल पुलिस के पास पहुंचकर इसकी जानकारी दी। पुलिस ने सत्यम को पकड़ा और उसके जरिए अन्य साइबर ठगों को पकड़ लिया।

बैंक खाता ब्रोकर गैंग के सदस्य

1. पाटेलिया दिशांत किरीटभाई (32) पुत्र किरीटभाई निवासी श्रीनाथ जी मंदिर स्ट्रीट महालक्ष्मी चौक थाना सिटी ए डिविजन जामनगर गुजरात।

2. दीपक दिनेश भाई जोगिया (32) पुत्र दिनेश भाई निवासी लुहारसर भाटफली थाना सिटी ए डिविजन जामनगर गुजरात।

3. सत्यम मिश्रा (19) पुत्र राजेश मिश्रा निवासी कर्मी मंगारी थाना फूलपुर वाराणसी।

4. नितिन पांडेय पुत्र आषीश निवासी पुरेमुडिया थाना औराई भदोही।

साइबर ठगी में शामिल बैंक खाता ब्रोकर गैंग को पकड़ा गया है, जो डिजिटल अरेस्ट जैसी घटना में लिप्त है। हालांकि मास्टरमाइंड राजेश दुबई में है, उसी के इशारे पर यह गैंग काम करता था। वाराणसी में 125 से अधिक लोगों के खाते खुलवाए थे, जिसमें ठगी के पैसे का ट्रांजेक्जन पाया गया है। सभी खातों की गहनता से जांच चल रही है।

प्रमोद कुमार, डीसीपी क्राइम

Posted By: Inextlive