बारिश शुरू होते ही मच्छरजनित बीमारियों की आशंका बढ़ गई है. डेंगू की रोकथाम के लिए शासन-प्रशासन के अफसरों ने एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया है. इसके बाद भी मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं. जहां-जहां बारिश का पानी एकत्रित हुआ. वहां पर लार्वा नजर आने लगा है.

वाराणसी (ब्यूरो)। बारिश शुरू होते ही मच्छरजनित बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। डेंगू की रोकथाम के लिए शासन-प्रशासन के अफसरों ने एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया है। इसके बाद भी मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं। जहां-जहां बारिश का पानी एकत्रित हुआ। वहां पर लार्वा नजर आने लगा है। इसको देखते हुए नगर निगम ने सिटी में 77 हॉट-स्पॉट एरिया को चिह्नित किया है। इसके अलावा हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी आसपास के एरिया में 101 हॉट-स्पॉट को चिन्हित किया है। इनमें खाली प्लॉट, जमीन में गड्ढा, घाट का किनारा, झाड़-झंखाड़ शामिल हैं। दोनों ही विभाग को पता है कि शहर में मच्छरों का प्रकोप जारी है। इसके बाद भी मच्छरों से राहत देने के लिए को ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। फॉगिंग भी समुचित नहीं हो पा रही है। पब्लिक को बार-बार कंट्रोल रूम में कॉल करनी पड़ रही है।

छिड़काव का दावा

नगर निगम और हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से हॉटस्पॉट एरिया में छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही डेंगू से बचाव के लिए भी प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। लोगों के घर-घर जाकर अवेयर किया जा रहा है। घरों में पानी न इक_ा हो, झाड़-झंखाड़ की सफाई करते रहें। जहां पानी इक_ा हो, वहां पर सफाई करें। समय-समय पर इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग भी करते रहें।

इतने मिले पेशेंट्स

जिला मलेरिया अधिकारी एससी पांडेय के अनुसार साफ-सफाई का विशेष ज़ोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में मलेरिया के 78, वर्ष 2023 में 27 रोगी पाये गए। जबकि वर्ष 2022 में डेंगू के 562 व वर्ष 2023 में 451 रोगी पाये गए। वर्ष 2022 में चिकनगुनिया के 45 और वर्ष 2023 में 124 रोगी पाये गए। वहीं इस साल अब तक डेंगू के 2 और चिकनगुनिया के 6 रोगी मिले हैं। मलेरिया के एक भी रोगी नहीं पाये गए। जहां-जहां हॉट-स्पॉट बनाया गया है वहां पर प्रतिदिन छिड़काव किया जा रहा है।

सिटी के हॉट स्पॉट एरिया

अशोक विहार फेज-1, सारंग तालाब, गनपत नगर, नक्खी घाट, दनियालपुर, छोटी पियरी, काशीपुरा, सरायनंदन, भोगावीर, तेलियाबाग, घसियारी टोला, बड़ी गैबी, जलालीपुरा, बसही, शिवपुर, महमूरगंज, ककरमत्ता, सुंदरपुर, छोटा लालपुर, अकथा, सुदामापुर, शक्तिनगर कालोनी, इन्द्रपुर, लक्सा, सारनाथ, काशीपुरा, बीएलडब्लयू, सोएपुर, लोहता, शीतलानगर, कोटवा, सराय मोहाना, परशुरामपुर, कपीलेश्वरधाम कालोनी समेत 70 ऐसे हॉट स्पॉट हैं, जहां मच्छरों का लार्वा पनप रहा है।

आसपास के सेंसेटिव एरिया

करघाना, बैरवा, जगतपुर, देवचंदपुर, सिसवा, बीकापुर, उमरा, बरइर्, मोकलपुर, छितौनी,जालूपुरा, जगदीशपुर, सहडी, मवैया, धरसौना, राजापुर, औरा, मुरादाहा, कोईरान, सेमलपुर, कुरोटा, बचाव, कुरहुवा, जमापुर, थाथरा और कपसेठी।

डेंगू के पेशेंट

2017- 722

2018-881

2019-522

2020-13

2021-458

2022-562

2023-451

2024- 06

(नोट: आंकड़े मलेरिया विभाग के अनुसार हैं। 2024 के आंकड़े 5 जुलाई तक के हैं.)

फैक्ट एंड फीगर

77 से अधिक लार्वा के स्पॉट

2600 टीमें रोकथाम के लिए

16 टीम लार्वा सर्विलांस के लिए

52 सुपरवाइजर, पर्यवेक्षक, मलेरिया निरीक्षक व कर्मचारी तैनात

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निगम का दावा

- हॉट-स्पॉट वाले एरिया में प्रॉपर छिड़काव किया जा रहा।

- खाली प्लॉट, जमीन जहां पानी लगा है वहां पर प्लाट की सफाई के लिए नोटिस चस्पा किया गया।

- 10 टीम को लगाकर प्रॉपर लार्वा स्पॉट की मानीटरिंग की जा रही है।

- सभी वार्डों व मोहल्लों में शाम के समय कराई जा रही फॉगिंग

मच्छरों के सफाया के लिए हर वार्ड में फॉगिंग की जा रही है। खासकर जहां स्पॉट बनाए गए हैं, वहां पर छिड़काव किया जा रहा है। इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा रही है।

डॉ। पीके शर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

हॉट-स्पॉट वाले क्षेत्र में अभियान चलाकर सफाई का कार्य कराया जा रहा है। जहां-जहां सूचना मिल रही है, वहां पर भी टीम जाकर छिड़काव कर रही है। अभी तक एक भी मरीज मलेरिया के नहीं मिले हैं।

डॉ। एसएस कन्नौजिया, डिप्टी सीएमओ

पब्लिक कमेंट

मच्छरों के आतंक से नींंद हराम है। मच्छरों को मारने के लिए सारा उपाय कर लिया गया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। नगर निगम की तरफ से फॉगिंग बहुत कम हो रही है।

विनोद यादव, मैदागिन

फॉगिंग न होने से काफी परेशानी हो रही है। अखबारों में प्रतिदिन पढ़ते हैं कि शहर में फागिंग हो रही है लेकिन हमारे मोहल्ले में दिखता नहीं है।

राधेश्याम गौड़, भोजूबीर

पूरे शहर में मच्छरों का प्रकोप जारी है। इसकी जानकारी नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग दोनों को है। जब मामला बढ़ जाता है तो फॉंिगंग के नाम पर खानापूर्ति शुरू हो जाती है।

प्रवीण मेहता, सारनाथ

छित्तूपुर एरिया में साफ-सफाई न होने से बारिश के मौसम में दिक्कत होती है। दो साल में मेरे परिवार के तीन लोगों को डेंगू हो चुका है।

श्वेता त्रिपाठी, छित्तूपुर

Posted By: Inextlive