आपके बच्चे जिन बसों से स्कूल जाते हैं. जरा उनका हाल जान लीजिए. स्कूली बस यूपी65जेटी0744 में पैनिक बटन नहीं थी. कई सीटें हिल रही थीं. फस्र्ट एड बाक्स भी नहीं था. दूसरी बस यूपी65सीटी4912 की भी स्थिति खराब थी. इसमें कई सीटें खराब थीं. साथ ही फायर फाइटिंग के इंतजाम नहीं थे

वाराणसी (ब्यूरो)। आपके बच्चे जिन बसों से स्कूल जाते हैं। जरा उनका हाल जान लीजिए। स्कूली बस (यूपी65जेटी0744) में पैनिक बटन नहीं थी। कई सीटें हिल रही थीं। फस्र्ट एड बाक्स भी नहीं था। दूसरी बस (यूपी65सीटी4912) की भी स्थिति खराब थी। इसमें कई सीटें खराब थीं। साथ ही फायर फाइटिंग के इंतजाम नहीं थे। आरटीओ की जांच में पकड़ कर लाई गईं बसों की पड़ताल में यह बात सामने आई। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने स्कूली बसों की पड़ताल की तो वहां न तो फस्र्ट एड बाक्स मिला और न ही सीट ढंग की पाई गई। यही नहीं बसों में अलार्म के साथ पैनिक बटन तक नहीं मिले।

बॉडी जर्जर, इंजन भी खराब

बता दें, आरटीओ में रजिस्टर्ड 1938 स्कूली बसों में से 500 बस कंडम हैं। इनके इंजन खराब हंै, बॉडी भी जर्जर है। टायर घिस चुका है, फिर भी स्कूल संचालक रंग-रोगन कर कंडम बस से ही बच्चों को ले जाने और ले आने का कार्य कर रहे हैं।

सुरक्षा से खिलवाड़

बाहर से बसें दिखने में अच्छी लगती हैं, लेकिन अंदर चेक करने पर खामियां ही खामियां मिलती हैं। सीट तो हिलती रहती हैं। कई जगह तो खिड़की की पाइप भी डैमेज पाई गई, जिसे बच्चे पकड़कर घर को जाते हैं। कई वाहनों के पीछे ड्राइवर का नाम नहीं लिखा था तो कई वाहनों के पीछे लिखा था तो आधा मिट गया था। मोबाइल नंबर भी नहीं पाया गया।

50 बसों के इंश्योरेंस नहीं

प्रदेश सरकार के फरमान पर आरटीओ ने कंडम और अनफिट स्कूली बसों के खिलाफ 8 जुलाई से अभियान चलाया है। इसके तहत अब तक 50 ऐसी स्कूली बस मिलीं, जिनमें इंश्योरेंस ही नहीं है। इसी बस से बच्चे स्कूल और घर को जाते हैं। यही नहीं कई बस ऐसे भी मिली, जिनमें अलार्म सिस्टम नहीं है और न ही फस्र्ट एड बाक्स।

इंजन डैमेज, बॉडी खराब

आरटीओ में टोटल स्कूली बसों का रजिस्ट्रेशन 1938 है। इनमें से 500 ऐसी कंडम बस हैं, जिनके इंजन खराब हैं और बॉडी भी जर्जर है। 15 साल से अधिक समयसीमा भी पूरी हो चुकी है। ऐसे बसों को आरटीओ के अधिकारियों ने नोटिस जारी कर स्कूल संचालकों से न चलाने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी नोटिस की अनदेखी कर स्कूल संचालक कंडम बसों से स्कूली बच्चों को ले जाने और ले आने का काम करते मिले। इसे देखते हुए आरटीओ ने इन सभी बसों को थाने और स्कूल के परिसर में ही खड़ा करवा दिया है।

25 बसों के खिलाफ कार्रवाई

एआरटीओ श्यामलाल ने बताया कि अभियान के दौरान अब तक 25 बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इन स्कूल संचालकों को नोटिस जारी किया गया है कि जल्द से जल्द बसों का मेंटेनेंस करवा लें नहीं तो सीज कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई बसों में सीटें हिल रही थीं तो कई बसों में जरूरत के सामान फस्र्ट एड बाक्स तक नहीं पाए गए। कंडम बसों को नहीं चलाने का निर्देश दिया गया है।

फैक्ट एंड फीगर

1938 बस आरटीओ में रजिस्टर्ड

500 बस हैैं कंडम

50 वाहनों का इंश्यारेंस नहीं

200 स्कूल संचालकों को नोटिस जारी

स्कूली बसों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 25 बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कई स्कूल संचालकों को नोटिस भेजा गया है। स्कूल संचालकों के साथ बैठक भी की गई है और अनफिट बसों को मेनटेन करने का निर्देश दिया गया है।

श्यामलाल, एआरटीओ

Posted By: Inextlive