Varanasi Crime News: साइबर ठगी लगभग दुनिया के हर देश की सरकार के लिए बड़ी दिक्कत बन चुकी है. ऐसे में विदेश में नौकरी ढूंढने वाले लोगों के लिए एक और परेशानी सामने आ रही है. दरअसल नौकरी ढूंढने वाले लोगों को जबरन साइबर गिरोह में शामिल किया जा रहा है जिनसे साइबर ठगी करवाई जा रही है.

वाराणसी (ब्यूरो) Varanasi Crime News: साइबर ठगी लगभग दुनिया के हर देश की सरकार के लिए बड़ी दिक्कत बन चुकी है। ऐसे में विदेश में नौकरी ढूंढने वाले लोगों के लिए एक और परेशानी सामने आ रही है। दरअसल नौकरी ढूंढने वाले लोगों को जबरन साइबर गिरोह में शामिल किया जा रहा है जिनसे साइबर ठगी करवाई जा रही है। वाराणसी के लोगों के साथ भी इस तरह की घटनाएं हुई। ये वो लोग थे जोकि विदेश में नौकरी की तलाश में गए थे। बाद में पता चला कि इन्हें साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया है। वाराणसी में भी ऐसे दो केस सामने आए हैैं, जिसमें नौकरी के लिए विदेश गए लोग वापस न आ सके। बाद में पता चला कि वह साइबर ठगों की चपेट में आ गए हैं। साइबर ठगों ने उनसे ही उनके रिश्तेदारों के साथ फ्रॉड कराया।

केस-1
भेलूपुर निवासी साकेत को अप्रैल में सोशल मीडिया के माध्यम से कंबोडिया में एक जॉब ऑफर मिला। कुछ समय बाद उसके परिवार को उसका फोन पहुंचा। कॉल पर साकेत ने अपनी मां से ओटीपी मांगा, जिसके बाद मां के अकाउंट से 17 लाख रुपये गायब हो गए। महिला ने ये पूरी वारदात साइबर थाने में बताई। कुछ समय बाद किसी दूसरे नंबर से साकेत ने अपनी मां को कॉल किया और पूरी घटना बताई कि कैसे नौकरी के नाम पर उससे गलत काम कराया जा रहा है।

केस-2
शिवपुर निवासी सुजीत को भी इसी तरह जॉब के लिए कॉल पहुंचा। बिना जानकारी जुटाए सुजीत जॉब करने के लिए कुछ दिन में कंबोडिया पहुंच भी गया। उसके परिवार वालों के पास तब सुजीत की कुछ भी जानकारी नहीं पहुंची तो उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उस ही नंबर पर सुजीत को कॉल करने का ट्राई किया, पर कॉल नहीं लगी। इसी दौरान एक दिन सुजीत का फोन उसके घर आया और उसने बताया कि जॉब के नाम पर यहां उससे इंडिया के नंबर पर कॉल कराया जाता है और साइबर क्राइम कराया जाता है।

ऐसे करवाते हैं फ्रॉड
साइबर स्लेवरी के तहत काम करने वाले लोगों को साइबर लुटेरों का गिरोह दवाब बना कर भारतीयों को कॉल कर विभिन्न तरह के स्कैंडल के माध्यम से ठगी करने पर मजबूर करता है। इंटरनेट पर मौजूद प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को टारगेट किया जाता है। भारतीय होने की वजह से कई लोग हिंदी और स्थानीय भाषा बोल सकते हैं। इस तरह के झांसे में कई लोग फंस जाते हैं, उसके बाद वे अपने लाखों-करोड़ो रुपये गंवा देते हैं.

साइबर क्राइम का गढ़ बना कंबोडिया
साइबर फ्रॉड करने वाले कंबोडिया में एक बड़ा गैंग चलाते हैं। इस गैंग में मलेशिया, चीन, वियतनाम, म्यांमार के लोग शामिल हैं। यह तमाम लोग मिलकर भारतीयों को नौकरी दिलाने के नाम पर ऑनलाइन भर्ती करते हैं। फिर जो भारतीय कंबोडिया में नौकरी करने जाता है उसको जबरदस्ती साइबर फ्र ॉड के लिए मजबूर किया जाता हैं।

साइबर ठग ले लेती हैं पासपोर्ट
कंपनियां पीडि़तों का पासपोर्ट ले लेती हैं और फिर उनसे घोटाला करने के लिए दिन में 12 घंटे काम करवाती हैं। अगर कोई ऐसा काम करने से इनकार करता है तो उसे शारीरिक रूप से प्रताडि़त किया जाता है। बिजली का झटका दिया जाता है या एकांत कारावास आदि दिया जाता है। कई भारतीय जो ऐसे घोटालों में शामिल होने के लिए तैयार नहीं होते हैं, वे वहां फंस जाते हैं।

बेहद अलर्ट रहें
बीएचयू साइबर एक्सपर्ट मृत्युंजय सिंह ने कहा कि साइबर स्लेवरी या साइबर गुलामी गंभीर समस्या है। भारतीय लोगों को उच्च वेतन वाली नौकरियों का झांसा देकर साइबर गुलामी के जाल में फंसाया जा रहा है। इसलिए जागरूक रहना जरूरी है। जिस देश जाना है, जिस कंपनी में जॉब करना है, जिस ट्रैवल एजेंट के माध्यम से आप बाहर जा रहे हैं, उनकी जांच पड़ताल कर लें तभी बाहर जाने की सोचें।

ठगों से सावधान रहने की जरूरत है। बाहर नौकरी की सोच रहे हैं तो कंपनी के बारे में पूरी जानकारी जुटा लें। वाराणसी से भी दो केस सामने आए हैैं।

मृत्युंजय सिंह, साइबर एक्सपर्ट, बीएचयू


साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इससे बचने के लिए खुद को अपडेट रखने की जरूरत है। साइबर ठगों से सावधान रहें।

टी सरवनन, प्रभारी, साइबर क्राइम

Posted By: Inextlive