सिगरा की रहने वाली युवती होटल इंडस्ट्री से जुड़ी है. अंजान नंबर से उनके मोबाइल पर आपत्तिजनक फोटो आती है. फोटो वायरल न करने के लिए ब्लैकमेल करने लगता है. कुछ देर के लिए युवती अवाक रह जाती है.

वाराणसी (ब्यूरो)। सिगरा की रहने वाली युवती होटल इंडस्ट्री से जुड़ी है। अंजान नंबर से उनके मोबाइल पर आपत्तिजनक फोटो आती है। फोटो वायरल न करने के लिए ब्लैकमेल करने लगता है। कुछ देर के लिए युवती अवाक रह जाती है। वह तुरंत परिचित पुलिस आफिसर से संपर्क करती है तो पता चलता है कि साइबर क्रिमिनल हैं, जो सेल्फी स्पूफिंग के जरिए फोटो लेकर उसे एआई के इस्तेमाल से आपत्तिजनक तस्वीर में तब्दील कर देते हैं। युवती ने अंजान नंबर भी शेयर कर दिया। इसके बाद उसका फोन आना बंद हो गया। यह सेल्फी आइडेंटिकेशन है। इसके तहत लड़कियों की फोटो लेकर फ्रॉड किया जाता है।

सेल्फी लेना फैशन बना

माडर्न कल्चर में सेल्फी लेना फैशन बन गया है। हर कोई दिनभर में अपने मोबाइल से दो या तीन बार अपनी सुंदर तस्वीर जरूर क्लिक करता है। मगर क्या हम जानते है कि हमारी यह आदत कभी नुकसान पहुंचा सकती है। मौजूदा समय में साइबर क्रिमिनल के टारगेट महिलाएं ज्यादा हैं, क्योंकि यह आसानी से शिकार हो जाती है। डिजिटल युग में गवर्नमेंट एजेंसियां, टेलीकॉम कंपनियां, आपकी आइडेंटिटी को वेरिफाई करने और अकाउंट की सिक्योरिटी के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं। इस प्रोसेस में ग्राहकों से अपने स्मार्टफोन में सेल्फी लेने के लिए कहा जाता है। हालांकि यह जितना आसान और सुविधाजनक है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। साइबर क्रिमिनल आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी चुरा रहे हैं।

लड़कियां बन रहीं ज्यादा शिकार

शॉपिंग एप के जरिए साइबर क्रिमिनल लड़कियों को ज्यादा शिकार बना रहे हैं। शॉपिंग एप्स का झांसा देकर पहले सेल्फी लेने को कहते हैं। वेरीफाई करने या मेकअप के प्रोडक्टस के नाम से फिर उन्ही सेल्फी का इस्तेमाल करके से सेल्फी स्पूफिंग के जरिए आपत्तीजनक तस्वीरों से बलैकमेल करते है। इस बारे में साइबर एक्सपर्ट मृत्युंजय सिंह बताते हैं कि सेल्फी स्पूफिंग एक साइबर क्राइम है। इसमें साइबर क्रिमिनल आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके आपकी पहचान चोरी करते हैं और आपके पर्सनल व फाइनेंशियल अकाउंट तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। इसमें साइबर क्रिमिनल एआई की मदद से आपकी सेल्फी में कुछ बदलाव कर देते हैं। इसके बाद आपको ब्लैकमेल करने लगते हैं।

यह भी तरीका है फोटो चोरी करने का

साइबर सेल के तैनात एक्सपर्ट विराट सिंह बताते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में किसी का भी डीपफेंक फोटो या वीडियो बनाया जा सकता है। साइबर क्रिमिनल आपकी सेल्फी चोरी करने के लिए पहले ईमेल या मैसेज के जरिए लिंक भेजते हैं। इस लिंक पर क्लिक करते ही आपका फोन हैक हो जाता है। इसके बाद फोन का पूरा कंट्रोल साइबर क्रिमिनल्स के हाथ में आ जाता है। इससे साइबर क्रिमिनल फोटो गैलरी से आपके पर्सनल फोटो, वीडियो या आपकी फाइनेंशियल जानकारी चुरा सकते हैं। स्कैमर्स सेल्फी ऑथेंटिकेशन स्कैम को अंजाम देने के लिए कई तरीके अपनाते हैं, इसके लिए वह कई ऐसे फर्जी एप का इस्तेमाल करते हैं, जो सेल्फी ऑथेंटिकेशन या फोटो को सुंदर बनाने का दावा करते हैं।

सेल्फी ऑथेंटिकेशन स्कैम से बचने के लिए यह है जरूरी

- किसी भी अंजान ई-मेल मैसेज के लिंक पर क्लिक ना करें

- किसी भी लोकल एप में अपनी फोटो अपलोड ना करें, न किसी फाइनेंशियल, शॉपिंग वाले छोटे एप में अपनी जानकारी और फोटो साझा न करें।

- बिना वजह किसी एप को अपने फोन गैलरी, और कॉटेंक्टस का ऐक्सेस ना दें

- फोन को हमेशा नए सॉफ्टवेयर में अपडेट करते रहें।

सेल्फी स्कैम का शिकार होने पर यह करें

सेल्फी स्कैम का शिकार होने पर सबसे पहले अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स और ऑनलाइन पेमेंट्स एप का पासवर्ड बदलें। साथ ही सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट करें, अपने बैंक अकाउंट्स को तुरंत फ्र ज कराएं, इसके अलावा नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

एआई नया टेक्नोलॉजी है। अब इसका गलत इस्तेमाल भी शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा साइबर क्रिमिनल इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। सेल्फी स्पूफिंग एक तरह से नया है। ऐसी स्थिति में अलर्ट रहने की जरूरत है।

-सरवणन टी, एडीसीपी साइबर क्राइम

Posted By: Inextlive