काशी... धर्म व अध्यात्म की धरा महादेव की नगरी. काशी का इतिहास संस्कृति शिक्षा धर्म और कला में भी गहरा है. यहां बीएचयू संस्कृत विश्वविद्यालय और धार्मिक संस्थानों के कई प्रमुख केंद्र हैं. इसके अलावा काशी के घाटों का ऐतिहासिक महत्व भी है. गंगा के किनारे होने वाले धार्मिक आयोजन और उत्सव वाराणसी का वैभव और बढ़ाते हैं. आगे बात मॉर्डन हो रहे बनारस की. स्मार्ट सिटी बनारस दिन-प्रतिदिन नये कलेवर के साथ उभर रहा है

वाराणसी (ब्यूरो)। काशी धर्म व अध्यात्म की धरा, महादेव की नगरी। काशी का इतिहास संस्कृति, शिक्षा, धर्म, और कला में भी गहरा है। यहां बीएचयू, संस्कृत विश्वविद्यालय, और धार्मिक संस्थानों के कई प्रमुख केंद्र हैं। इसके अलावा, काशी के घाटों का ऐतिहासिक महत्व भी है। गंगा के किनारे होने वाले धार्मिक आयोजन और उत्सव वाराणसी का वैभव और बढ़ाते हैं। आगे बात मॉर्डन हो रहे बनारस की। स्मार्ट सिटी बनारस दिन-प्रतिदिन नये कलेवर के साथ उभर रहा है। रोपवे, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, वैदिक टाउनशिप समेत नए-नए प्रोजेक्ट बनारसी विकास को तेज गति दे रहे हैं। रिंग रोड, फुलवरिया फोरलेन, हरहुआ फ्लाईओवर, सिक्स लेन, इनडोर स्टेडियम सिगरा, मॉडर्न रेलवे स्टेशन, हाईटेक एयरपोर्ट, फाइव व थ्री स्टार होटल, टाउनशिप, मेडिएशन सेंटर स्र्ववेद मंदिर, रुद्राक्ष कनवेंशन सेंटर, श्री काशी विश्वनाथ कारिडोर, भव्य गंगा आरती, देव दीपावली, टेंट सिटी तमाम आधुनिक खूबियों के चलते वाराणसी देश के सबसे तेजी से उभरते 100 शहरों में शुमार हो गया है। रिंग रोड राजातालाब से लेकर सारनाथ तक ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर नया शहर बसाने की परिकल्पना को साकार करने के लिए सर्वे का काम चल रहा है।

2028 तक 8 करोड़ का लक्ष्य

रियल एस्टेट की सलाहकार फर्म कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में आवासीय, वेयर हाउस, डाटा सेंटर, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में सबसे अधिक संभावनाएं हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बड़े उद्यमियों की ओर से वाराणसी में 40 हजार करोड़ का निवेश भी वाराणसी को उभारने में मील का पत्थर साबित हुआ। वाराणसी से लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों तक की रेल और एयर कनेक्टिविटी काफी बेहतर हुई है। यही वजह है कि बदली हुई काशी में आने वाले पर्यटकों की संख्या जबर्दस्त वृद्धि भी हुई है। इससे पर्यटन से बढऩे वाली आय में भी वृद्धि हुई है।

15 करोड़ टूरिस्ट का टारगेट

पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में वाराणसी में आने वाले पर्यटकों की संख्या 8 करोड़ थी। बेहतर ब्रांडिंग के जरिये इसे वर्ष 2028 तक 15 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य है। इसी तरह इस सेक्टर से वर्ष 2016- 2017 में तीन हजार करोड़ रुपये की आय हुई थी, वर्ष 2028 तक इसे 7 हजार करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है। वाराणसी में 2023 की प्रथम छमाही (जनवरी-जून) के मुकाबले 2024 की प्रथम छमाही में पर्यटकों और बाबा विश्वनाथ धाम की आमदनी दोनों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। इस समयावधि में 2023 के सापेक्ष 2024 में धाम की आमदनी में 24.66 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं, श्रद्धालुओं की संख्या में 45.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

रिसॉर्ट और वेलनेस सेंटर स्टार्ट

काशी में पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। 13 दिसंबर 2021 को श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से अब तक 17 करोड़ से अधिक भक्तों ने बाबा के दर्शन किए। वहीं 2023 में 8.54 करोड़ से अधिक पर्यटक काशी पहुंचे। 2024 के छह महीने में भी यह संख्या लाखों में रही। इस दृष्ट से वाराणसी में बढ़ रहे पर्यटकों की संख्या के मद्देनजर काशी में होटल इंडस्ट्री भी स्वागत के लिए तैयार है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण, अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा और काशी के मूलभूल ढांचे के मजबूत होने से वाराणसी में पर्यटकों का रिकॉर्ड आगमन हो रहा है। वहीं, प्रयागराज में 2025- महाकुंभ के दौरान भी वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि की संभावना है। यहां हुए एमओयू में से 4 होटल, रिसॉर्ट और वेलनेस सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं।

काशी में पर्यटकों के लिए 11 और होटल

काशी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए काशी में होटल इंडस्ट्री तेजी से रुख कर रहा है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 में हुए एमओयू से करीब 449 करोड़ के निवेश से 4 होटल मेहमाननवाजी के लिए शुरू हो चुके हैं। इसमें रिसोर्ट और वेलनेस सेंटर भी हैं। इससे लगभग एक हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। वहीं, 838 करोड़ की लागत से 11 होटल जल्द शुरू होंगे। इनमें कई बड़े और नामचीन होटल भी हैं। इनके खुलने से रोजगार के हजारों अवसर सृजित होने की संभावना है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी और इंफ्र ास्ट्रक्टर में सुधार के लिए वाराणसी में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। इसी को देखते हुए वाराणसी में अपार्टमेंट व होटल के कई नये प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। काशी में प्रवास के दौरान अध्यात्म, धर्म, संस्कृति और विरासत के साथ ही प्राकृतिक चिकित्सा की सुविधा भी मिलेगी।

- अनुज डिडवानिया, बिल्डर

टाटा ग्रुप के होटल कंपनीज के साथ बनारस बीड्स ब्रांडेड बजट होटल लाने जा रहे हैं। यह करीब ढाई से तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा। यह वाराणसी में आने वाले पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करेगा। ये होटल देश के मध्यमवर्गीय परिवारों के जेब का पूरा ख्याल रखेगा।

- शिवानी गुप्ता, मैनेजिंग डायरेक्टर

2014 से काशी का सुनियोजित विकास हुआ है। वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में हो रहे वृद्धि को देखते पर्यटन क्षेत्र में आय की अपार संभावना है। पर्यटकों की सुविधा के लिए कई एयरलाइंस ने तमाम शहरों के लिए सेवा शुरू की है। होटल, रिजार्ट, मॉल भी खोलने का विचार चल रहा है। यह आज सफलतापूर्वक चल रहा है।

- राहुल मेहता, अध्यक्ष टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन

उभरने की वजह और संभावनाएं

1. वाराणसी से लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य शहरों तक की रेल और एयर कनेक्टिविटी काफी बेहतर हुई है।

2. काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण, काशी के मजबूत हुए इंफ्र ास्ट्रक्चर ने यहां आने वाले धार्मिक पर्यटकों की राह आसान कर दी है।

आवासीय, वेयर हाउस, डाटा सेंटर, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में सबसे अधिक संभावनाएं

Posted By: Inextlive