दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी काशी में कदम-कदम पर शिवालय हैं. मान्यता है कि भगवान शिव पूरे सावन भर सारनाथ स्थित अपनी ससुराल सारंगनाथ महादेव मंदिर में विराजमान रहते हैं. ऐसे में भगवान शिव भक्तों को दर्शन देकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन का फल देते हैं

वाराणसी (ब्यूरो)। दुनिया की सांस्कृतिक राजधानी काशी में कदम-कदम पर शिवालय हैं। मान्यता है कि भगवान शिव पूरे सावन भर सारनाथ स्थित अपनी ससुराल सारंगनाथ महादेव मंदिर में विराजमान रहते हैं। ऐसे में भगवान शिव भक्तों को दर्शन देकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन का फल देते हैं। इसी फल की लालसा में सारनाथ में पर्यटकों के साथ बाबा के भक्तों की संख्या अचानक बढ़ गई है। वल्र्ड बैंक सहायतित प्रो-पुअर प्रोजेक्ट के तहत 90.20 करोड़ की लागत से पूरे सारनाथ क्षेत्र को आधुनिक स्वरूप दिया गया है। सारनाथ स्थित बुद्ध सर्किट पूरी तरह से कम्प्लीट होने के बाद यह ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।

टूरिस्ट फ्रेंडली सारनाथ

तथागत की भूमि सारनाथ बौद्ध भिक्षुओं का तीर्थ स्थल माना जाता है। यहां विश्वभर से हर साल पांच लाख की तादात में पर्यटक आते हैं, जो संख्या लगातार बढ़ रही है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सारनाथ स्थित बुद्ध सर्किट में प्रो-पुअर प्रोजेक्ट के तहत 90.20 करोड़ की लागत से कार्य किया गया है। साथ ही विकास से रोजगार उपलब्ध कराने के कार्य को भी मूर्तरूप दिया गया है। सारनाथ में प्रो-पुअर योजना के तहत सारनाथ के पूरे क्षेत्र को टूरिस्ट फ्रेंडली बनाया गया है। योजना में पर्यटकों की सुविधा केंद्रों के अलावा स्थानीय लोगों के व्यापार का खास ध्यान रखा गया है ताकि यहां के लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठ सके।

पर्यटकों को मिलने वाली सुविधाएं और सौंदर्यीकरण

- सारनाथ और उसके आसपास के चौराहों और तिराहों का सौंदर्यीकरण किया गया है, जिसमें लास्ट माइल कनेक्टिविटी के साथ 29 स्मारकों को आपस में जोडऩा व जीर्णोद्धार का कार्य शामिल है।

- धर्मपाल मार्ग का सौंदर्यीकरण, इस सड़क पर स्ट्रीट पेडेस्ट्रियन प्रामिनाड व स्ट्रीट लाइटिंग का कार्य।

- ऋ षिपत्तन एवं अशोक मार्ग पर वेहिकुलर डेवलपमेंट का कार्य, डेवलपमेंट ऑफ क्रासिंग (मार्कर पिलर -ऐतिहासिक स्तंभ) हेरिटेज स्ट्रीट लाइट, फसाड लाइट, व्यवस्थित पार्किंग होगा।

-स्थानीय ठेलों खोमचे वालों का पुनर्वास किया जाएगा। इसके लिए खास कस्टमाइज्ड मोबाइल वेह्किल्स की व्यवस्था होगी।

- पूरे क्षेत्र में हेरिटेज लुक वाले कियोस्क भी लगाए गए हैं, जिसमें बनारसी समेत किसी भी देश के विशेष का खानपान की सुविधा होगी।

- बुद्ध सर्किट में सोविनियर, जीआई उत्पाद, ओडीओपी आदि की दुकानें भी होंगी।

-ख़ूबसूरत पैडेस्ट्रियल पथ को पर्यटकों के बैठने के लिए आरामदायक बनाया जा रहा। इसके अलावा प्लांटेशन -लैंड स्केपिंग, बुद्धिस्ट थीम पर साइनेज एवं इंटरप्रेटेशन वाल देखने को मिलेंगे।

- सारनाथ बुद्ध सर्किट सीसीटीवी, वाई-फाई एवं एलईडी स्क्रीन से लैस।

-दिव्यांगजनों एवं वृद्ध पर्यटकों की सुविधा के लिए गोल्फ कार्ट की व्यवस्था की योजना है।

- पूरे सारनाथ क्षेत्र में ओवरहेड तारों को अंडरग्राउंड किया गया है।

-आधुनिक जन सुविधाएं एवं पेयजल की सुविधाएं, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर्यटक सूचना केंद्र का कार्य एवं अन्य आवश्यक पर्यटक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के बराबर मिलेगा पुण्य

शहर से लगभग 10 किलोमीटर पूर्वोत्तर में तथागत की उपदेश स्थली सारनाथ में जमीन से लगभग 80 फीट से अधिक ऊपर सारंगनाथ महादेव विराजमान हैं। गर्भगृह में दो शिवलिंग के दर्शन होते हैं। एक शिवलिंग आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया है। मान्यता है कि एक भगवान भोलेनाथ हैं और एक उनके साले सारंगदेव महाराज हैं। मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ सावन में काशी छोड़कर यहीं निवास करते हैं। सावन में सारंगनाथ के दर्शन पूजन और जलाभिषेक से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन का है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सावन में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन नहीं कर पाता, वह एक दिन भी यदि सारंगनाथ के दर्शन कर ले तो उसे काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के बराबर पुण्य मिलेगा।

Posted By: Inextlive