Varanasi news: नये जमाने के सूदखोर से लुट रहे बच्चे, साइबर ठगों के दबाव में आ रहे बच्चे, बनारस में कई मामले आए सामने
केस-1
वाराणसी (ब्यूरो)। सुंदरपुर के 17 वर्षीय बच्चे ने लोन एप डाउनलोड कर पचास हजार रुपये का लोन उठा लिया। दोस्तों के साथ पार्टी कर ली। कुछ समय बाद वह पैसे चुका नहीं पाया और ठगों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। ठगों ने बच्चे के दोस्तों और रिश्तेदारों को धमकी भरे मैसेज भेजने शुरू कर दिए। केस-2 मंडुवाडीह के 16 वर्षीय बच्चे ने फेसबुक के जरिए एक लोन एप के वाट्सएप पर संपर्क किया। बातचीत के बाद 20 हजार रुपये का लोन उठा लिया। पैसा आईपीएल सट्टे में लगा दिया। कुछ समय बाद लोन वापसी के लिए ठगों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया। ठगों ने बच्चे के पेरेंट्स को धमकी भरे मैसेज भेजने शुरू कर दिए।लोन एप का खतरनाक जाल नया साइबर अपराध लेकर आया है। इसमें बड़े तो फंसकर अपना जीवन समाप्त कर चुके हैं, लेकिन अब बच्चे और युवा भी निशाने पर हैं। लोन एप के झांसे में आकर बच्चे छोटी-छोटी रकम उठा कर ब्याज के मकडज़ाल में फंस रहे हैं। ये लोन एप शुरुआत में आर्थिक मदद के रूप में काम आते हैं, लेकिन जल्द ही साइबर ठगों के जाल में ऐसे फंसते हैं कि निकलना मुश्किल भरा काम हो जाता है। राजधानी जयपुर में भी इस तरह के कई मामले सामने आ रहे हैं। दरअसल बैंक से लोन लेते समय काफी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती है। कई बार तो दस्तावेज पूरे नहीं होने से बैंक लोन देने से ही मना कर देते हैं, लेकिन ये एप लोगों की कम जांच-परख के ही लोन दे रहे हैं। छोटे मोटे खर्चों को पूरा करने के लिए बच्चे इनसे लोन उठा लेते हैं। समय पर लोन चुकाने में असमर्थता, बढ़ते ब्याज और साइबर ठगों के दबाव के कारण फिर से तनाव में आ जाते हैं।
अलर्टऐसे बचाएं अपने बच्चों को -बच्चों और युवाओं को समझाएं कि उधार लेना कब और कैसे सुरक्षित है। -साइबर सुरक्षा, इंटरनेट और एप के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। -लोन एप की सत्यता जांचें। -उन्हीं लोन एप का उपयोग करें, जो भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अनुमोदित और पंजीकृत हो। -ऐसे एप से बचें, जो अत्यधिक व अनावश्यक अनुमतियां मांगते हैं, जैसे कि कॉन्टेक्ट्स, लोकेशन आदि। -एप की प्राइवेसी पॉलिसी को ध्यान से पढ़े और समझें कि आपका डेटा कैसे इस्तेमाल किया जाएगा। -साइबर ठगी या ब्लैकमेलिंग की स्थिति में तुरंत साइबर अपराध शाखा को सूचित करें। -अनजान लिंक और मैसेज पर क्लिक करने से बचें और संदिग्ध मैसेज की रिपोर्ट करें।2200 से ज्यादा संदिग्ध लोन एप हटाया
गूगल ने पिछले साल 2200 से ज्यादा संदिग्ध लोन एप को हटाया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्यसभा में यह जानकारी दी थी। ये एप सितंबर 2022 से दिसंबर 2023 के बीच हटाए गए, जो लोगों के साथ ठगी कर रहे थे। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के मुताबिक लोन देेने वाले एप के खिलाफ शिकायतें की संख्या पिछले साल 1062 हो गई। देते हैं गाली देने की ट्रेनिंग चाइनीज लोन एप थर्ड पार्टी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को प्रताडि़त करवाते हैं। कॉल सेंटर में बकायदा गाली देकर बात करने की ट्रेनिंग दी जाती है। एप ऐसे प्रशिक्षित लोग संचालित करते हैं, जो गाली-गलौच से ही दबाव बनाने में कामयाब हो जाते हैं। साइबर अपराध बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं। बच्चों पर जब इस प्रकार का साइबर दबाव बनता है तो ये गहरे मानसिक तनाव और अवसाद में चले जाते हैं। इससे उनकी पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है और उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है। - डा। संजय गुप्ता, मनोचिकित्सकसाइबर की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लोन एप के जरिये साइबर ठग अब बच्चों को शिकार बना रहे हैं। ऐसे में पेरेट्स को अलर्ट रहने की जरूरत है। बच्चों की हर गतिविधियों पर नजर रखना बहुत जरूरी है।
सरवणन टी, प्रभारी साइबर क्राइम