Varanasi news: रिश्तों पर खून सवार ः पवित्र रिश्तों को कलंकित कर रहीं ये घटनाएं, पुलिस के लिए भी चुनौती
केस-1: प्रेमी के लिए बेटे की बलि दे रही थी मां
वाराणसी (ब्यूरो)। चंदौली जिले के बलुआ की महिला पति से अलग होकर बनारस के कोनिया में किराये के मकान में पांच वर्षीय बेटे के साथ रहती थी। तेलियाना निवासी अनन्य अग्रहरि उर्फ सोनू से उसका प्रेम संबंध था। महिला प्रेमी से शादी करना चाहती थी, लेकिन सोनू बच्चे को साथ रखने से इंकार कर रहा था। महिला को उसका बेटे प्यार में बाधा लगने लगा। मां ने अपने प्रेमी से बेटे की हत्या करने की इच्छा जताई। इस पर दोनों ने बच्चे को मारने की प्लानिंग की। महिला ने 28 जून 2019 की रात प्रेमी को कोनिया बुलाया और सो रहे बच्चे को सोनू के हवाले कर दिया। इसके बाद प्रेमी बच्चे को लेकर बसंत कॉलेज के पास सुनसान इलाके में ले गया, जहां बच्चे को मरने की कोशिश कर रहा था तभी पुलिस आ गई।केस-2
भाभी से देवर ने किया रेप
मई 2024 में सारनाथ में एक युवक ने अपनी भाभी से रेप किया। वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी भी दी। युवक के साथ लिवइन में रह रही उसकी पत्नी भी इस घटना में शामिल रही। कोर्ट के आदेश पर पुलिस मुकदमा दर्ज मामले की जांच कर रही है। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि जमीन विवाद में मेरे देवर ने मेरे साथ ऐसा किया, और बोल रहा था मेरा बदला पूरा हो गया। विरोध करने पर उसने मेरे साथ मारपीट भी की।
केस-3 बेटी से बाप कई साल करता रहा रेप बजरडीहा क्षेत्र के मुर्गिया टोला के रहने वाले 50 वर्षीय व्यक्ति पर उसकी 20 वर्षीय मैरिड बेटी ने उसके साथ लंबे समय तक रेप करने का आरोप लगाया। बेटी की शिकायत पर भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। पीडि़ता ने बताया कि उसका पिता उसके साथ कई साल से रेप कर रहा था। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देता था। कभी मायके बुलाकर तो कभी ससुराल में आकर भी वह ऐसा करता था।यह तीन केस बताने के लिए काफी हैं कि बनारस में रिश्ते बार-बार कलंकित हो रहे हैं। शुक्रवार को भी काशीराज अपार्टमेंट की टंकी में मिले किशोरी के शव मामले में भी करीबी का ही नाम सामने आया। काशीराज अपार्टमेंट भवन (नदेसर) की तीसरी मंजिल पर किशोरी की हत्या कर पानी की टंकी में शव छिपाने वाला उसका मुंहबोला भाई और पड़ोसी आशीष उर्फ गोलू निकला। समाजशास्त्रियों के अनुसार बदलती लाइफस्टाइल और एडवांस होते इस दौर में रिश्तों की विश्वसनीयता पर ग्रहण लगने लगा है। न पिता अपने रिश्तों की मर्यादा समझ रहा है और न ही मां। कहीं भाई-बहन तो कहीं देवर-भाभी का रिश्ता कलंकित हो रहा है। क्षणिक सुख व स्वार्थ के चलते लोग अब रिश्तों को भी कलंकित करने से नहीं चूक रहे। इसके अलावा हाल में कई ऐसे मामले भी पुलिस ने उजागार किए, जिसमें अपने ही अपनों के दुश्मन बनकर सामने आए। पुलिस की मानें तो सोच बदलेगी तभी अपराध में कमी आएगी।
------ फैक्ट एंड फीगर 30 कंप्लेन महिला सेल में रोजाना आ रहीं 50 से ज्यादा आरोपी चार महीने में पॉक्सो में अरेस्ट 100 से ज्यादा कंप्लेन वन स्टॉप सेंटर में अप्रैल व मई में आईं वन स्टॉप सेंटर में दर्ज कंप्लेन 2017-18 ---- 435 2018-19 ---- 816 2019-20 ---- 559 2020-21 ---- 457 2021-22 ---- 416 2022-23 ---- 517 2023-24 ---- 632जब कोई रिश्तों की अहमियत को नहीं समझता है और इस तरह के जघन्य वारदात को अंजाम देता है तो यह उनके आपराधिक मानसिकता को प्रदर्शित करता है। इसे विकृत मानसिकता का व्यक्ति कह सकते हैं। इसमें चाहे महिला हो या पुरुष दोनों हो सकते हैं। ऐसे लोग जब अपराध करते हैं तो न रिश्ते देखते है और उसकी मर्यादा।
ममता रानी, एडीसीपी, महिला अपराध कुटुंब बचाने के यह जरूरी - परिवार के सभी सदस्यों को अपनी बातें रखने का अवसर दिया जाए और उन्हें सुना जाए। - डेली एक समय ऐसा जरूर हो, जब परिवार के लोग एक साथ हंसी मजाक करें। - घर पर जाते ही पति या पत्नी मोबाइल को दूर रखें। - सीनियर्स को रोल मॉडल के रूप में आगे करें। - परिवार में बड़ों का आदर करें और बच्चों को भी सिखाएं। शादी से पहले लड़के और लड़की की रजामंदी को भी शामिल करें।