शहर में धड़ल्ले से चल रहे पीजी और लॉज के रूम का किराया तय नहीं है. अपने मनमाफिक रूम का रेट तय कर रखे हैं लॉज संचालक. कोई एक रूम का किराया 2 हजार रुपए रखा है तो कोई 2500 तो कोई 1500 रुपए. रूम के किराये में एकरूपता न होने की वजह से इसका खामियाजा आम यात्री को भुगतना पड़ता है.

सीन-1

विशेश्वरगंज के संतोष कुमार दलालों से काफी परेशान हैं। उनको लॉज खोले एक साल का समय हो रहा है। लेकिन, अभी तक दलालों से उनको मुक्ति नहीं मिल पाई। दलाल के माध्यम से यात्री भी रूम का कम किराया सुनकर रूम में रहने के लिए चले आते हैं। जब लॉज संचालक रूम का किराया 3 हजार बताते हैं तो यात्री कहने लगते हैं कि हमको 2500 रुपए बताया गया है। इसको लेकर यात्री और लॉज संचालक में किचकिच होने लगती है।

सीन-2

गोदौलिया के रामू भी दलालों की एक्टिविटी से काफी परेशान रहते हैं। दलालों का जब मन करता है तो कभी 1500 तो कभी दो हजार रुपए में पैसेंजर्स को रूम दिलाने के नाम पर चले आते हैं। जब लॉज संचालक रूम का किराया अधिक बताता है तो दलाल भी इसको लेकर नाराज हो जाते हैं। कहने लगते हैं कि हमने किराया सही बताया है। आप किराया गलत बता रहे हैं। एक तो रूम भी इनका उठवाइए और नाराजगी भी झेलिए।

शहर में होटल और लॉज की संख्या बढऩे के बाद हर गली और हर मुहल्ले में दलालों की भी संख्या बढ़ गई है। इन दलालों से होटल संचालक तो परेशान हैं ही, साथ ही यात्रियों को भी भारी फजीहत झेलनी पड़ती है। हालात यह हो जाते हैं कि दलाल जो रेट तय करते हैं, उस पर यात्रियों को रूम लेना पड़ जाता है। यह सब होता है मोटी कमीशन के लिए। रूम का जितना अधिक रेट तय करेंगे, उतना अधिक दलाल को कमीशन मिलेगा।

रूम का रेट तय नहीं

शहर में धड़ल्ले से चल रहे पीजी और लॉज के रूम का किराया तय नहीं है। अपने मनमाफिक रूम का रेट तय कर रखे हैं लॉज संचालक। कोई एक रूम का किराया 2 हजार रुपए रखा है तो कोई 2500 तो कोई 1500 रुपए। रूम के किराये में एकरूपता न होने की वजह से इसका खामियाजा आम यात्री को भुगतना पड़ता है।

एक रूम का लेते 300 से 500 रु।

शहर के कई लॉज और पीजी संचालक रूम की बुकिंग के लिए दलालों को सेट कर रखे हैैं। इसके लिए एक रूम की बुकिंग पर 300 से 500 रुपए कमीशन देते हैं। ऐसे लॉज संचालकों के रूम की बुकिंग के लिए दलाल सक्रिय रहते हैं। लेकिन, इनमें कई ऐसे लॉज और होटल संचालक हैं जो दलालों से कोसों दूर रहते हैं।

लॉज और होटल संचालक अपने मनमाफिक रेट तय कर लेते हैं। रूम की बुकिंग कराने के लिए एजेंट को भी रखते हैं। होटल और लॉज की जांच चल रही है।

-आरके रावत, उपनिदेशक, टूरिज्म डिपार्टमेंट

सिटी में दलालों की संख्या बढ़ गई है। हर सेक्टर में एजेंट हावी हैं। कुछ होटल और लॉज संचालक हैं जो दलालों को सेट कर रखे हैं।

गोकुल शर्मा, अध्यक्ष, वाराणसी होटल एसोसिएशन

फैक्ट एंड फीगर

300

से 500 रुपए मिलता है कमीशन

02

से 03 हजार लॉज और होटल रूम का किराया

Posted By: Inextlive