गंगा का जलस्तर काफी नीचे हो गया है. इसके चलते स्नान के लिए कई घाट खतरनाक हो गए हैं. इनमें स्नानार्थियों के डूबने की आशंका रहती है. ललिता घाट पर स्नान पर रोक-टोक तो पहले से थी लेकिन इसे अब पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है.

वाराणसी (ब्यूरो)। गंगा का जलस्तर काफी नीचे हो गया है। इसके चलते स्नान के लिए कई घाट खतरनाक हो गए हैं। इनमें स्नानार्थियों के डूबने की आशंका रहती है। ललिता घाट पर स्नान पर रोक-टोक तो पहले से थी लेकिन इसे अब पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। यहां लोगों को स्नान करने से रोकने के लिए जल पुलिस के दो जवानों को भी तैनात किया गया है।

जलस्तर हुआ नीचे

जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव के अनुसार गंगा का जलस्तर पिछले कई सालों के मुकाबले काफी कम हो गया है। कई घाटों पर पानी सीढिय़ों के दूर हो गया है। कई जगहों पर बड़े-बड़े पत्थर निकल आए। इससे घाटों की संरचना अनियमित हो गई है। कहीं पत्थर मिल रहा तो कहीं अचानक के पानी काफी गहरा हो जा रहा है।

गहरे पानी में जा रहे

जानकारी के अभाव में स्नानार्थी गहरे पानी में चले जा रहे और डूब जा रहे हैं। स्नान के लिए सबसे खतरनाक घाट ललिता घाट, असि, तुलसी घाट पर केदार घाट, गायघाट, त्रिपुरा भैरवी घाट, प्रह्लाद घाट हो गए हैं। यहां घाटों की संरचना सामान्य दिनों से काफी ज्यादा बदली है। इस वजह से डूबने की घटनाएं भी यहां ज्यादा हो रही हैं। हादसों को रोकने के लिए आठ घाटों पर फ्लेङ्क्षटग जेटी लगाई गई हैं। इसके साथ ही 12 घाटों पर फ्लोङ्क्षटग बैरिकेङ्क्षडग लगाई हैं। दशाश्वमेध घाट, प्रयाग घाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट पर स्नान करने वालों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किया गया है।

नौका संचालन का निर्देश

इसके साथ ही वर्तमान स्थिति को देखते हुए नाविकों संग बैठक करके उन्हें सतर्कतापूर्वक नौका संचालन का निर्देश दिया गया है। उनसे कहा गया है कि नावों को किराने से दूर चलाएं ताकि पानी कम होने की वजह से बाहर निकल आए पत्थर आदि से न टकराएं। तैरकर गंगा पार करने वालों को भी लाउड हेलर के जरिए चेतावनी दी जा रही है। उन्हें बताया जा रहा है कि सुबह व शाम जब बड़ी संख्या में नावों का संचालन होता है उस वक्त तैरने में सावधानी बरते हैं। ऐसा नहीं करने पर नावों की चपेट में आ सकते हैं।

Posted By: Inextlive