गंगापार प्रस्तावित फोरलेन के लिए पांच गांव की जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगी थी. बाद में वाराणसी के चार गांवों से रोक हट गई. पांचों के ठीक बीच में स्थित चंदौली जनपद के गांव कटेसर में रोक थी. उसे भी हटा लिया गया. अब यहां जमीनों की खरीद-बिक्री हो सकेगी. श्री काशी विश्वनाथ धाम में सुगमता से दर्शन के लिए गंगापार फोरलेन सड़क योजना बनी.

वाराणसी (ब्यूरो)। गंगापार प्रस्तावित फोरलेन के लिए पांच गांव की जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगी थी। बाद में वाराणसी के चार गांवों से रोक हट गई। पांचों के ठीक बीच में स्थित चंदौली जनपद के गांव कटेसर में रोक थी। उसे भी हटा लिया गया। अब यहां जमीनों की खरीद-बिक्री हो सकेगी। श्री काशी विश्वनाथ धाम में सुगमता से दर्शन के लिए गंगापार फोरलेन सड़क योजना बनी। वहां पर्यटन की ²ष्टि से कई अन्य सुविधाएं विकसित की जानी थीं। इसके लिए गंगा पार के डोमरी, सूजाबाद, कटेसर, कोदोपुर व रामनगर ग्राम सभा से भूमि का अधिग्रहण का प्रस्ताव था। 2022 में पांचों गांवों की जमीनों की खरीद-बिक्री पर वाराणसी व चंदौली के जिलाधिकारियों ने रोक लगा दी थी। इसमें ठीक बीच में स्थित कटेसर चंदौली जनपद में था। योजना शुरू नहीं होने पर वाराणसी के चार गांव की खरीद-बिक्री पर रोक हटा दी गई। अब अगर प्रस्तावित फोरलेन पर राजघाट की तरफ से चलें तो पहले सूजाबाद व डोमरी फिर कटेसर पड़ेगा। फिर कोदोपुर और रामनगर ग्रामसभा है। अब फोरलेन के शुरू और अंत के दो-दो गांवों पर से रोक हट गई। बीच के कटेसर में रोक की स्थित बहुत ही हास्यास्पद थी। इसे लेकर अधिवक्ता गौतम ङ्क्षसह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पोर्टल पर शिकायत की। इसके बाद चंदौली के डीएम ने अधीक्षण अभियंता से पीडब्ल्यूडी से रिपोर्ट पर आदेश जारी कर कहा कि परियोजना के तहत कोई कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। वाराणसी के अंतर्गत आने वाले गांवों में कोई रोक नहीं है। इस कारण कटेसर में रोक का कोई औचित्य नहीं है।

क्या होना था परियोजना में

फोरलेन परियोजना में गंगापार गंगा पर तीन ङ्क्षफगर एवं जेटी निर्माण, धाम तक पेडेस्ट्रियल सस्पेंश ब्रिज, पांच हेलीपैड, हुनर हाट, फूड प्लाजा, किड्स प्ले जोन, योगा सेंटर, ग्रीन पार्क, तीन पार्किंग, सर्विस रोड आदि का प्रविधान किया गया था। पूरे कार्य के लिए 27.02 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना था।

अब गंगा किराने नहीं, रामनगर में बसेगी टेंट सिटी

वाराणसी में देशी व विदेशी पर्यटकों के लिए फिर टेंट सिटी बसाई जाएगी, जहां एसी कॉटेज, रिसेप्शन, गेमिंग जोन, रेस्टोरेंट, डायनिंग एरिया, कांफ्रेंस हॉल, योग सेंटर बनाया जाएगा। लाइब्रेरी व आर्ट गैलरी के साथ ही यहां बच्चों के लिए वाटर स्पोट्र्स की व्यवस्था रहेगी। ऊंट व घुड़सवारी का आनंद भी उठाने का मौका मिलेगा, लेकिन इस बार यह सारी व्यवस्थाएं गंगा नदी के किनारे अस्सी घाट के सामने नहीं होगी, बल्कि मैदानी इलाके में उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए पर्यटन विभाग ने गंगा से सटे रामनगर और सेवापुरी का चयन किया है। टेंट सिटी के साथ ही हॉट एयर बैलून शो का भी आयोजन कराया जाएगा।

लखनऊ निदेशालय भेजा प्रस्ताव

एनजीटी की सख्ती को देखते हुए पर्यटन विभाग ने इस बार टेंट सिटी का स्थान ही बदल दिया है। काशी में दोबारा टेंट सिटी बसाई जाएगी। साथ ही हॉट एयर बैलून शो का भी आयोजन कराया जाएगा। पर्यटन विभाग ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर लखनऊ निदेशालय को भेजा दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पर्यटक टेंट सिटी में ठहरने का आनंद उठाएंगे और आसमान से गंगा के मैदानी भाग का भ्रमण कर सकेंगे।

मैदानी भाग में बसेगी टेंट सिटी

इस बार टेंट सिटी गंगा के तटीय क्षेत्र की बजाय मैदानी भाग में बसाई जाएगी। इसके लिए वाराणसी में दो स्थानों का चयन किया गया है। इसमें रामनगर और सेवापुरी के क्षेत्र शामिल हैं। काशी में गंगा किनारे टेंट सिटी लोगों को भा रही थी। एनजीटी की रोक के बाद अब दूसरी जगह टेंट सिटी बसाई जाएगी। काशी में पिछले वर्ष हॉट एयर बैलून शो का सफल आयोजन किया जा चुका है।

टेंट सिटी में होगी आभासी गंगा आरती

प्रस्तावित टेंट सिटी में गंगा आरती भी कराने का प्रस्ताव है। यहां आभासी रूप से गंगा आरती भी होगी। टेंट सिटी की शुरुआत 100 कमरों से होगी। इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कमरे होंगे। ये कमरे तीन स्तरों वाले होंगे। लग्जरी कमरे पूरी तरह वातानुकूलित होंगे।

काशी के स्वादिष्ट जायके का उठा सकेंगे स्वाद

काशी आने वाले पर्यटकों को यहां स्वादिष्ट जायके परोसे जाएंगे। इसमें चाट से लेकर कचौड़ी ओर लस्सी आदि जायके परोटी जाएगी। इसके लिए देश की चार कंपनियों ने प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा है। इनवेस्ट को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने प्रस्ताव को शासन को भेज दिया है।

पिछली बार लग गया था ग्रहण

वाराणसी में पिछली बार अस्सी घाट के सामने गंगा पार रेत पर 100 हेक्टेयर में बसी टेंट सिटी पर्यटकों को खूब भाया था, लेकिन मलजल गंगा में जाने पर लोगों ने सवाल उठाया तो एनजीटी हरकत में आई। इसके बाद तीन सदस्यीय पीठ ने 17 मार्च 2023 को संयुक्त जांच समिति का गठन किया था। समिति ने दो मई को टेंट सिटी का स्थलीय निरीक्षण किया था। 24 मई को 161 पृष्ठों की रिपोर्ट एनजीटी की प्रधानपीठ को उपलब्ध कराई गई थी। इस रिपोर्ट में वीडीए की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। कहा गया कि मनमाने तरीके से टेंट सिटी बनाई गई। टेंट सिटी में सीवेज सिस्टम को भी संतोषजनक नहीं पाया गया था।

पर्यटकों की डिमांड को देखते हुए एक बार फिर बनारस में टेंट सिटी बसाने की योजना बनाई गई है। इस बार गंगा पार रेत पर नहीं, बल्कि मैदानी इलाके में इसे बसायी जाएगी। इसके लिए रामनगर व सेवापुरी का चयन किया गया। प्रस्ताव भी बनाकर निदेशालय भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

-आरके रावत, डिप्टी डॉयरेक्टर, पर्यटन

Posted By: Inextlive