पुलिस चौकी आशापुर में तैनात सिपाही रमेश कुमार की जिजीविषा के कारण पुरातत्व विभाग अधिकारी नीतिश मिश्रा की आटो में छूटी अटैची चार दिन बाद सुरक्षित मिल गई. ऐसे चमत्कार की उम्मीद खो चुके नीतिश ने रमेश कुमार का आभार जताया है.

वाराणसी (ब्यूरो)। पुलिस चौकी आशापुर में तैनात सिपाही रमेश कुमार की जिजीविषा के कारण पुरातत्व विभाग अधिकारी नीतिश मिश्रा की आटो में छूटी अटैची चार दिन बाद सुरक्षित मिल गई। ऐसे चमत्कार की उम्मीद खो चुके नीतिश ने रमेश कुमार का आभार जताया है। हुआ यूं कि नीतिश मिश्रा 27 सितंबर को वंदे भारत एक्सप्रेस से नई दिल्ली से चलकर रात में 11 बजे कैंट (वाराणसी) स्टेशन उतरे। उन्होंने सर्कुलेङ्क्षटग एरिया से सारनाथ जाने के लिए आटो किराए पर लिया। आरोप है कि आटो चालक उन्हें आशापुर चौराहे पर उतारकर आगे चलता बना। जल्दबाजी में नीतिश अपनी अटैची आटो में ही छोड़ दिए। उन्हें जब अटैची की याद आई तो आटो चालक आंखों से ओझल हो चुका था। नीतिश ने पुलिस चौकी में तहरीर दी तो कांस्टेबल रमेश उसकी तलाश में जुट गए। आशापुर चौराहे से लेकर कैंट तक के 65 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। जिसके बाद आटो का नंबर मिला। आटो नंबर के जरिए पैगंबरपुर निवासी चालक नरेश कुमार के बारे में जानकारी हुई। पुलिस ने आटो चालक के घर पहुंचकर बैग बरामद किया। बताया कि आटो चालक को अटैची पुलिस को सौंप देनी चाहिए थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

Posted By: Inextlive