विकास प्राधिकरण कार्यालय में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब आउटसोर्सिंग पर तैनात एसोसिएट इंजीनियर अंकुर ङ्क्षसह अपने ऊपर पेट्रोल डालने लगा. यह देख वीडीए उपाध्यक्ष के गनर अजय द्विवेदी और उनके कार्यालय के कर्मचारी ने उसे पकड़ लिए.

वाराणसी (ब्यूरो)। विकास प्राधिकरण कार्यालय में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब आउटसोर्सिंग पर तैनात एसोसिएट इंजीनियर अंकुर ङ्क्षसह अपने ऊपर पेट्रोल डालने लगा। यह देख वीडीए उपाध्यक्ष के गनर अजय द्विवेदी और उनके कार्यालय के कर्मचारी ने उसे पकड़ लिए। वह जोर-जोर से चिल्लाने के साथ अनाप-शनाप बक रहा था। साथ ही वेतन नहीं देने का आरोप लगा रहा था। वीडीए सचिव डा। वेद प्रकाश मिश्रा उसे समझाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन वह बहकी-बहकी बातें करता रहा। कैंट थाने का फैंटम उसे पकड़कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले गई। शाम को उसे जमानत पर छोड़ दिया गया।

जोर-जोर से चिल्लाने लगा

अंकुर ङ्क्षसह वीडीए में आउटसोर्सिंग से एसोसिएट इंजीनियर (प्लाङ्क्षनग) के पद कार्यरत है। सुबह 11.13 बजे वीडीए उपाध्यक्ष से मिलने पहुंचा। कर्मचारियों ने उसे थोड़ा इंतजार करने को कहा था तो वह शोर मचाने लगा। शोर सुन वीडीए उपाध्यक्ष ने उसे बुलाया। वह बकाया वेतन की मांग करने के साथ जोर-जोर से चिल्लाने लगा। गनर और कर्मचारी उसे जाने को कहने लगे तो उनसे भी उलझ गया। करीब पांच मिनट तक कहासुनी करने और जहर खाकर जान देने की धमकी देने के साथ चला गया। करीब 23 मिनट बाद एसोसिएट इंजीनियर अंकुर ङ्क्षसह अपने हाथ में एक बोतल में पेट्रोल लेकर वीडीए उपाध्यक्ष कार्यालय पहुंचा और अपने शरीर पर पेट्रोल डालने लगा। यह देख गनर दौड़ पड़ा और उसके साथ दो कर्मचारी उसे पकड़ लिए लेकिन वह जोर-जोर से चिल्लाने के साथ जान देने की बात करता रहा। करीब आधे घंटे बाद पहुंची फैंटम उसे अपने साथ लेकर चली गई।

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कार्यालय में आने-जाने का कोई समय नहीं, नहीं दिया जवाब

वीडीए सचिव डा। वेद प्रकाश मिश्रा का कहना है कि जोन पांच में तैनात एसोसिएट इंजीनियर अक्सर कार्यालय में नहीं रहता था। आने-जाने कोई समय फिक्स नहीं था। कार्यों में लापरवाही बरतने पर जोनल अधिकारी ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया था लेकिन उसे कोई जवाब नहीं दिया। अप्रैल माह में तीन दिन बिना सूचना के गायब रहने पर जोनल अधिकारी ने रिपोर्ट दी थी। तीन दिन छोड़कर शेष अवधि का वेतन दिया गया था। जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश के क्रम में लोकसभा चुनाव के दौरान उसे 30 अप्रैल को आठों विधानसभा क्षेत्र का मानचित्र संकलित कर तैयार करने को कहा गया था। साथ ही विभागीय समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुआ और न ही कार्यालय में संपर्क किया। लगातार लापरवाही बरतने पर उसे चार मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। मई में 11 दिन और जून में 20 दिन और जुलाई में एक दिन भी कार्यालय नहीं आया।

आउटसोर्सिंग पर तैनात एसोसिएट इंजीनियर गलत तरीके से दबाव बनाकर वेतन की मांग कर रहा था। अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने पर उसे कई बार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, वह कोई जवाब नहीं दे रहा था।

-पुलकित गर्ग, उपाध्यक्ष, वीडीए

Posted By: Inextlive