बैठक में गहमागहमी के बीच पार्षद भईयालाल ने कहा कि मेयर ने सदन को मजाक बना कर रख दिया है. वार्ड में 16 माह में एक काम नहीं हुआ है. शर्म की बात यह है कि पिछले दस साल में सीवर की एक भी पाइपलाइन नहीं बदली गई. मध्यमेश्वर में करीब 70 साल पहले कांग्रेस के जमाने की पेयजल पाइप लाइन अब भी बिछी हुई है. उन्होंने मेयर को देख लेने की धमकी भी दी.

वाराणसी (ब्यूरो)। सीवर-पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर गुरुवार को नगर निगम के साधारण अधिवेशन (सदन की बैठक) का माहौल गरम रहा। इस दौरान मेयर अशोक तिवारी व मध्यमेश्वर वार्ड नंबर (66) के सपा पार्षद भईया लाल यादव के बीच जमकर बहस हुई। छह घंटे तक चली बैठक में चर्चा पूरी नहीं हो सकी। अब शुक्रवार को दोबारा बैठक होगी।

सपा सरकार आएगी तो आपको देख लेंगे

बैठक में गहमागहमी के बीच पार्षद भईयालाल ने कहा कि मेयर ने सदन को मजाक बना कर रख दिया है। वार्ड में 16 माह में एक काम नहीं हुआ है। शर्म की बात यह है कि पिछले दस साल में सीवर की एक भी पाइपलाइन नहीं बदली गई। मध्यमेश्वर में करीब 70 साल पहले कांग्रेस के जमाने की पेयजल पाइप लाइन अब भी बिछी हुई है। उन्होंने मेयर को देख लेने की धमकी भी दी। कहा कि सपा की सरकार आएगी तो आपको देख लेंगे।

इतना सुनते ही मेयर के तेवर भी तल्ख हो गए। उन्होंने कहा कि मेरे बारे में पहले अच्छी तरह जान लें। यदि कोई निगम से एक रुपये लेने का आरोप सिद्ध कर देगा तो मेयर का पद छोड़ देंगे। निगम को एक परिवार माना है। सभी पार्षद इसके सदस्य हैं। हर वार्ड में एक समान कार्य करा रहे हैं। उन्होंने भईया लाल को सदन की मर्यादा का पालन करने की हिदायत दी। इधर मेयर बोल रहे थे उधर सदन में भईया लाल माफी मांगो-माफी मांगे गूंजने लगा। भईया लाल के व्यवहार से पूरा सदन मेयर के पक्ष में एकजुट हो गया। करीब बीस मिनट तक हो-हल्ला होता रहा। शोर-गुल के बीच कोनिया वार्ड के सपा पार्षद व प्रतिपक्ष के नेता अमरदेव यादव ने सभी को समझाकर मामला शांत कराया। वह भईया लाल के कथन से क्षुब्ध होकर सदन छोड़कर जाने लगे। माहौल शांत होने के बाद मुख्य अभियंता मोईनुद्दीन ने बताया कि मध्यमेश्वर वार्ड में 15वें वित्त आयोग ने 63.33 करोड़ रुपये से कई कार्य कराए जा रहे हैं.15वें वित्त आयोग का आठ कार्य में से चार कार्य पूर्ण भी हो चुका है।

आज फिर बैठक

मैदागिन स्थित टाउनहाल भवन में गुरुवार को मेयर अशोक तिवारी की अध्यक्षता में सदन की हुई बैठक शाम छह बजे स्थगित कर दी गई। शेष मुद्दों पर 20 सितंबर को दोपहर 12 बजे चर्चा करने का निर्णय लिया गया। इस प्रकार निगम के इतिहास में पहली बार लगातार दो दिन तक सदन की बैठक होगी।

Posted By: Inextlive