Varanasi news: 'मल्हारÓ में दिखेगी इंडियन ट्रेडिशन व कल्चर की झलक
वाराणसी (ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने स्टूडेंट को नए सब्जेक्ट की आदत डालने और उन्हें छोटी क्लास से ही टेक्नोलॉजी की जानकारी देने के लिए क्लास सिक्स से ही नेशनल काउंसलिंग ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) से एक ब्रिज कोर्स को तैयार कराया था। जोकि न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के तहत तैयार हुआ था। इसमें सीबीएसई स्टूडेंट सिक्स क्लास से ही ऐसे कई सब्जेक्ट को पढ़ सकते हैैं जोकि वह नौवीं क्लास के बाद पढ़ते हैं। उसी नए सिलेबस की पहली हिंदी बुक एनसीईआरटी ने जारी कर दी है, जिसका नाम मल्हार है। ये बुक काफी खास है। क्योंकि इस बुक में स्टूडेंट भारतीय परंपरा को पढ़ेंगे और भारतीय संस्कृति को जानेंगे। वहीं सीबीएसई ने पूरे हफ्ते में हिंदी की एक स्पेशल क्लास चलाने का फैसला किया है। इसमें स्टूडेंट इन देश वीरों के बारे में जानकारी जुटा कर आएंंगे और फिर क्लास में उसे सुनाएंगे।
खास है मल्हार
एनसीईआरटी ने क्लास सिक्स के सीबीएसई स्टूडेंट के लिए मल्हार नाम की पुस्तक को जारी किया है। इस न्यू सेशन में स्टूडेंट भारतीय संस्कृति से रूबरू होंगे। इस बुक में भारत की परंपरा और संस्कृति को दर्शाया गया है, जिसकी क्लास अब शुरू होने वाली है। साथ ही एनसीईआरटी लगातार अपनी किताबों में बदलाव कर रहा है। एनसीईआरटी की ओर से बाकी सब्जेक्ट की बुक्स को भी तैयार करने का काम किया जा रहा है। एनसीईआरटी ने सीबीएसई की सिक्स क्लास की इंग्लिश बुक के बाद अब हिंदी की बुक तैयार कर पब्लिश कर दिया है। एनईपी 2020 पर आधारित इस बुक में कुल 13 चैप्टर को शामिल किया गया है।
सीबीएसई चलाएगा स्पेशल क्लास क्लास सिक्स के स्टूडेंट के लिए सीबीएसई ने एक स्पेशल क्लास चलाने का फैसला लिया है। हफ्ते के सारे दिन हिंदी के पीरियड में स्टूडेंट सिलेबस पढ़ेंगे, बस शनिवार के दिन बच्चे देश के वीरों और संस्कृति के बारे में जानकारी जुटा कर आएंगे और फिर पूरी कहानी क्लास में सुनाएंंगे। स्कूल का मानना है कि स्टूडेंट इससे जल्दी सिलेबस को समझेंगे। आसान भाषा में समझेंगे सिलेबसइस किताब के हर एक चैप्टर में भारत की परंपरा और संस्कृति को दर्शाया गया है। बुक में देश का नाम गौरव करने वाले लोगों की आत्मकथा के चैप्टर बुक में दिए गए हंै। बुक का कवर पेज भी काफी अट्रैक्टिव है। सीबीएसई कोऑडिनेटर गुरमीत कौर ने बताया कि मल्हार पुस्तक में साहित्य की प्रमुख विधाएं शामिल हैं। इसमें देशभक्ति, एंनवायरनमेंट, साइंस, आर्ट, हिस्ट्री, स्पोट्र्स और इंडियन कल्चर के अनुभवों पर आधारित रचनाएं हैं। बुक में आसान भाषा का प्रयोग किया गया है, जिससे स्टूडेंट को चैप्टर समझने में आसानी हो।
स्टूडेंट जानेंगे भारत का इतिहास मल्हार बुक में कई नए सिलेबस को रखा गया है, जिसके तहत स्टूडेंट कई नई रचनाएं भी पढ़ेंगे। इसमें भारतीय ब्रेल लिपि भारती का परिचय और तमिल कवि सुब्रमण्यम भारती की कविता का अनुवाद शामिल है। यह किताब भारतीय संस्कृति और परंपरा को दर्शाती है। मातृभूमि चैप्टर में भारत के इतिहास, भूगोल और विशेषताओं के बारे में बताया गया है। गोल पाठ में मेजर ध्यानचंद की आत्मकथा से भारतीय हॉकी टीम की बर्लिन ओलंपिक जीत को डिस्क्राइब किया गया है। ये चैप्टर हैैं शामिल यूनिट 1- मातृभूमि, पुष्प की अभिलाषा यूनिट 2- गोल, एक दौर ऐसा भी यूनिट 3- पहली बूंद यूनिट 4- हार की जीत यूनिट 5- रहीम के दोहे यूनिट 6- मेरी मां यूनिट 7- जलते चलो यूनिट 8- सत्य और हिंदु निरतिया यूनिट 9- मइया मैैं नहीं माखन खायो यूनिट 10- परीक्षा यूनिट 11- चेतक की वीरताएनसीईआरटी द्वारा जारी की गई हिंदी की मल्हार बुक काफी खास है। इसमें स्टूडेंट अपनी संस्कृति को समझेंगे। बच्चों की न्यू सेशन की क्लास भी शुरू हो गई है।
गुरमीत कौर, सीबीएसई कोऑर्डिनेटर बुक में देश का नाम रोशन करने वाले वीरों की आत्मकथा के बारे में बताया गया है। जोकि बच्चों को जानना जरूरी है। इसलिए स्टूडेंट के लिए स्पेशल क्लास भी चलाई जाएंगी। रचना श्रीवास्तव, डॉयरेक्टर, सिल्वर ग्रोव स्कूल मल्हार बुक भारतीय संस्कृति और परंपरा को दर्शाती है। इसमें शामिल मातृभूमि चैप्टर में भारत के इतिहास, भूगोल और विशेषताओं के बारे में बताया गया है। इससे स्टूडेंट अपने स्वर्ण युग के से भी रूबरू होंगे। सुधा सिंह, प्रिंसिपल, सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल देशभक्ति, एनवायरनमेंट, साइंस, आर्ट, हिस्ट्री, स्पोट्र्स और इंडियन कल्चर के अनुभवों पर आधारित ये बुक स्टूडेंट को काफी कुछ सिखाएंगी। बच्चों को भी भारत के इतिहास को जानना और समझना चाहिए। नीलम सिंह, प्रिंसिपल, संत अतुलानंद स्कूल