नगर निगम का नोटिस मिलने के बाद अन्नपूर्णा मठ के महंत स्वामी शंकर पुरी महाराज ने इस भवन गिरवाने के लिए नगर आयुक्त को पत्र भी लिखा था. उन्होंने 30 अगस्त को नगर आयुक्त के अलावा पुलिस फोर्स के लिए भेलूपुर थाना प्रभारी को भी पत्र लिखा था. इसमें कहा गया है कि बारिश के कारण भवन का खाली हिस्सा आंशिक रूप से गिर गया है. टिका हुआ भवन का शेष भाग कभी भी गिर सकता है.

वाराणसी (ब्यूरो)। जर्जर भवन जान-माल के लिए खतरा बना हुआ है। बरसात में जर्जर भवनों के गिरने का भी क्रम जारी है। शुक्रवार रात हनुमानघाट स्थित भवन संख्या बी। 4/34-35 भरभरा का गिर गया। दो मंजिला भवन का करीब 50 प्रतिशत हिस्सा ध्वस्त हो गया है। यह संयोग ही था कि जानमाल की क्षति नहीं हुई।

नगर निगम का नोटिस मिलने के बाद अन्नपूर्णा मठ के महंत स्वामी शंकर पुरी महाराज ने इस भवन गिरवाने के लिए नगर आयुक्त को पत्र भी लिखा था। उन्होंने 30 अगस्त को नगर आयुक्त के अलावा पुलिस फोर्स के लिए भेलूपुर थाना प्रभारी को भी पत्र लिखा था। इसमें कहा गया है कि बारिश के कारण भवन का खाली हिस्सा आंशिक रूप से गिर गया है। टिका हुआ भवन का शेष भाग कभी भी गिर सकता है। इससे पहले जून 2019 में डीएम से भी जर्जर भवन गिरवाने का अनुरोध कर चुके हैं। इसके बाद भी खड़ा भवन जानमाल के लिए खतरा बना हुआ है।

ठीक भवनों को नोटिस, जर्जर को क्लीन चिट

वहीं निगम भी जर्जर भवनों को नोटिस देकर कोरम पूरा कर रहा है। पिछले दिनों निगम ने अन्नूर्णा मठ के भवन संख्या डी। 11/21 भवन को जर्जर बताते हुए नोटिस दिया था जबकि यह भवन ठीक-ठाक हैं। हो-हल्ला मचने के बाद निगम कुछ ही घंटों में नोटिस वापस ले लिया गया। वहीं भवन संख्या डी। 20/21 जर्जर होने के बाद भी निगम ने अब तक नोटिस नहीं दी है जो गुरुवार को गिर गया।

दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा 450 वर्ष पुराना भवन

नगर निगम ने शहर में 489 भवन जर्जर चिह्नित किया है। इसमें से चौक, कोतवाली व दशाश्वमेध जोन में करीब 100 से अधिक मकान काफी जर्जर हैं। सीके। 33/72 व 72 नेपाली खपड़ा जीर्णशीर्ण अवस्था में है। इस भवन में दर्जनभर दुकानें किराये पर है। भवन में मिठाई का कारखाना भी चल रहा है। करीब 450 वर्ष पुराना भवन कभी भी ध्वस्त हो सकता है। वर्ष 2021 में इस भवन का एक हिस्सा गिरजाने से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। चौक थाने की रिपोर्ट के बाद भी अब तक इस भवन को ध्वस्त नहीं किया गया।

Posted By: Inextlive