खोवा गली में हादसे के बाद जर्जर भवनों की संख्या 404 से बढ़कर 489 हो गई है लेकिन जर्जर मकानों को ध्वस्त कराने वालों की संख्या काफी कम है. पिछले 20 दिनों में जर्जर भवन को गिरवाने के लिए सिर्फ 25 लोगों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है

वाराणसी (ब्यूरो)। खोवा गली में हादसे के बाद जर्जर भवनों की संख्या 404 से बढ़कर 489 हो गई है, लेकिन जर्जर मकानों को ध्वस्त कराने वालों की संख्या काफी कम है। पिछले 20 दिनों में जर्जर भवन को गिरवाने के लिए सिर्फ 25 लोगों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है, जबकि 15 लोगों ने जर्जर भवन की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। वहीं, नगर निगम अधिकारी कोतवाली और दशाश्वमेध जोन में जर्जर भवन को ध्वस्त व मरम्मत कराने के लिए लोगों से अपील भी कर रहे हैं, ताकि कोई हादसा न हो।

6 अगस्त हो हुआ था हादसा

चौक क्षेत्र स्थित खोवा गली में 6 अगस्त को दो मकानों के भरभराकर गिरने से एक महिला की जान चली गई थी और करीब 9 लोग घायल हो गए थे। तब से नगर निगम जर्जर भवनों को लेकर काफी एक्टिव हो गया है। अब तक 60 से अधिक भवनों पर नोटिस चस्पा किया गया है। नगर निगम के अधिकारी लगातार कोतवाली व दशाश्वमेध जोन में जर्जर भवनों को गिराने और टूटे-फूटे भवनों की मरम्मत कराने के लिए भवन स्वामियों से अपील कर रहे हैं।

400 से अधिक मकान जर्जर

जिस हिसाब से घाट किनारे के मकान जर्जर हैं, उस हिसाब से एनओसी लेने वालों की संख्या काफी कम है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि 50 परसेंट से अधिक जर्जर भवन विवाद के कारण ऐसे ही पड़े हैं। विवाद अगर सुलझ जाए तो जर्जर भवनों को गिराने का लोगों को मौका मिल जाएगा और बड़ा हादसा भी नहीं होगा। लोग अपने मनमुताबिक भवनों और गेस्ट हाउस की मरम्मत करा सकेंगे।

लॉज-पीजी हो रहे अपडेट

घाट किनारे रहने वाले कई लॉज और गेस्ट हाउस संचालकों ने भवनों की मरम्मत कराना शुरू कर दिया है। नगर निगम की तरफ से मरम्मत कराने का मौका मिलने पर लोग आगे आकर लॉज की दीवार हो या फिर छत, या गाटर, पटिया सभी की मरम्मत करा रहे हैं। मानसरोवर गली स्थित लीला गेस्ट हाउस भी एकदम अपडेट हो गया है।

फैक्ट एंड फीगर

489 जर्जर मकान

25 ने नगर निगम से ली अनापत्ति प्रमाण पत्र

20 भवन स्वामी खुद करा रहे मकानों की मरम्मत

कोतवाली व दशाश्वमेध जोन में लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि अपने घरों की मरम्मत करा लें। जो जर्जर मकान हैं। उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दें, ताकि कोई बड़ा हादसा न होने पाए।

अभय कुमार, एई, नगर निगम

Posted By: Inextlive