एमआरआई इन बीएचयू: चार गुना बढ़ेगी टेस्टिंग क्षमता
वाराणसी (ब्यूरो)। अगर आप बीएचयू के सर सुंदरलाल (एसएस) अस्पताल में एमआरआई (मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेजिंग) कराने के लिए आ रहे हैं और लंबी वेटिंग की वजह से प्राइवेट लैब में जाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपकोराहत देने वाली है। काफी इंतजार के बाद यहां दो और एमआरआई मशीन की व्यवस्था कर दी गई है। इस मशीन के आ जाने से यहां एमआरआई जांच करने की क्षमता भी पहले से 4 गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। अब मरीज को एसएस हॉस्पिटल की ओपीडी में दिखाने के लिए 8 से 10 दिन में भी एमआरआई जांच की डेट मिल जाएगी.
4 से 6 माह तक करना पड़ता इंतजार
बता दें कि बीएचयू एसएस हॉस्पिटल में सिर्फ बनारस ही नहीं यूपी के अन्य जिलों के अलावा बिहार, झारखंड, एमपी और नेपाल तक के मरीज इलाज के लिए आते हैं। इससे हॉस्पिटल में लोड बहुत ज्यादा रहता है। लेकिन, अभी तक यहां सिर्फ एक एमआरआई मशीन से काम चलाया जा रहा है। इससे मरीजों को ओपीडी में जांच कराने के बाद एमआरआई के लिए 4 से 6 माह तक की लंबी डेट मिलती है। लेकिन, नई मशीन लगने के बाद मरीजों को काफी राहत मिल जाएगी.
दशहरा तक हो जाएगा इंस्टॉल
रेडियो डायग्नोसिस और इमेजिंग विभागाध्यक्ष प्रो। अमित नंदनधर द्विवेदी के मुताबिक अस्पताल में 3 टेस्ला की मशीन आ चुकी है, जिसे दशहरा तक इंस्टॉल करा दिया जाएगा। इसके अलावा शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में भी इतनी ही क्षमता वाली दूसरी एमआरआई मशीन और 128 स्लाइस की एक सिटी स्कैन मशीन भी लगाई जाएगी। फिलहाल एसएस हॉस्पिटल में डेढ़ टेस्ला की एक मशीन, जबकि दूसरी एक मशीन ट्रॉमा सेंटर में है। बता दें कि 3 टेस्ला की एमआरआई मशीन की लागत करीब 3 करोड़ और 138 स्लाइस की सिटी स्कैन मशीन की कीमत साढ़े 4 करोड़ आंकी जाती है.
बीएचयू में 2200 रुपए में जांच
एसएस हॉस्पिटल में डेढ़ टेस्ला की मशीन होने से मरीजों को काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसके चलते मरीज प्राइवेट लैब में जांच के लिए चले जाते हैं। जिससे मरीजों की जांच तो जल्दी हो जाती है, लेकिन उन्हें इसके लिए करीब 10 हजार रुपए चुकाने पड़ते हैं। जबकि, बीएचयू में यह जांच महज 2200 रुपए में ही हो जाती है। इस तरह से मरीजों के जेब पर उसी जांच के लिए 7800 रुपए ज्यादा देने होते हैं। ऐसे में जो लोग इस खर्च को अफोर्ड नहीं कर पाते। वे पैसे बचाने के लिए लंबा इंतजार करना ही ठीक समझते हैं.
छोटा मर्ज भी तुरंत पकड़ में आएगा
बताया जा रहा है कि वर्तमान मशीनों के मुकाबले यह नई मशीन तेजी से जांच कर सकती है। इससे मरीजों को पहले काफी बेहतर रिपोर्ट मिलेगी। 3 टेस्ला की एमआरआई मशीन में छोटे से छोटा मर्ज भी आसानी से पकड़ में आ जाएगा। बॉडी की छोटी हड्डियों, ब्रेन की छोटी नसों, मस्कुलोकेटल सिस्टम और न्यूरोलॉजिकल टेस्ट में काफी डिटेल रिपोर्ट निकलकर आएगी। उसकी इमेज और फिल्म भी काफी बेहतर क्वालिटी की प्रिंट होगी। इससे डॉक्टरों को मर्ज डायग्नोस में काफी सपोर्ट मिलेगी।
ट्रॉमा सेंटर और एसएस हॉस्पिटल में 2 एमआरआई मशीनें हैं। नई मशीनों का फंड स्वास्थ्य मंत्रालय और सीएसआर के तहत आ रहा है। यह यूपी का पहला ऐसा अस्पताल होगा, जहां 4 एमआरआई मशीनें होंगी.
प्रो। केके गुप्ता, एमएस, बीएचयू