सोशल मीडिया पर पुरानी फोटो को नया बनाने का टे्रंड
वाराणसी (ब्यूरो)। सोशल मीडिया पर पिछले पांच दिनों से ज्ञानवापी के अंदर की फोटो खूब वायरल हो रही है। सबसे ज्यादा फेसबुक पर ज्ञानवापी की तस्वीर पोस्ट हो रही है। हर कोई इसे लेटेस्ट और एक्सक्लूसिव फोटो बताकर खूब शेयर कर रहा है। इसके चलते ज्ञानवापी का सर्व कर रही एएसआई टीम भी परेशान है। कोर्ट के आदेशानुसार सर्वे को गोपनीय रखा गया है। बावजूद इसके सोशल मीडिया पर तरह-तरह तस्वीर सामने आ रही है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है। पिछले बार सर्वे के दौरान कुछ तस्वीरें सामने आई थी। सोशल मीडिया पर उसी पुरानी फोटो को नया बनाने का ट्रेंड चल तेजी से चल रहा है.
स्तब्ध हूंप्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं, कोई बेशर्मी बतियाये तो बात अलग है देवश्री शांडिल्य मेरे बाबा इतने अद्भूत विशाल होंगे, किसी ने सोचा नहीं होगा। जय काशी विश्वनाथ जीतू केशरी रामीबम-बम भोले.यह तस्वीर बयां कर रही हैं, मंदिर को छिपाकर मस्जिद को शक्ल दे दिया गया है।
मनीष साहू जितनी बार सर्वे होगी, मंदिर ही मिलेगा। पूरी खुदाई होने पर स्वयं पूरा मंदिर ही सामने आ जाएगा। राजमंगल पांडेय तस्वीर से साफ हो चुका है कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, बल्कि मंदिर ही है। अब तो फैसले का इंतजार। दिनेश यादवकाशी के कण-कण में बाबा। मस्जिद की दीवारें भी चीख-चीख रही हैं। जय काशी विश्वनाथ
मनोज प्रजापति