Varanasi news: एसी बसों में सफर महंगा, लखनऊ के लगेंगे 602 रुपए
वाराणसी (ब्यूरो)। यूपी रोडवेज की एसी बसों में सफर एक अप्रैल से फिर महंगा पडऩे लगा है। ठंड के चलते जनरथ एसी बसों का 15 प्रतिशत किराया कम किया गया था, जिसे गर्मी शुरू होते ही फिर से लागू कर दिया गया है। मतलब पैसेंजर्स को बढ़ा हुआ फेयर देना होगा। इसके चलते वाराणसी डिपो से एसी जनरथ से कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज व शक्तिनगर समेत अन्य रूटों पर सफर करने वाले पैसेंजर्स को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। बता दें, रोडवेज ने 16 दिसंबर से 29 फरवरी तक एसी श्रेणी की बसों के किराये में 15 प्रतिशत की कटौती की थी। बाद में किराये में कटौती की सीमा को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया।
पशोपेश की स्थिति बनी रही
31 मार्च की रात 12 बजे से बढ़ा हुआ किराया लागू होना था, लेकिन टोल टैक्स में वृद्धि के कारण पशोपेश की स्थिति बनी रही। अगर टोल टैक्स में इजाफा किया गया होता तो सामान्य श्रेणी की बसों के किराये में इजाफा किया जाता। इसके अलावा एसी बसों के किराये में भी 10 के स्थान पर 15 फीसदी तक वृद्धि होती। इसके लिए कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज व शक्तिनगर रूटों के लिए किराया सूची तैयार की जाती रही। बाद में पता लगा कि टोल टैक्स में फिलहाल इजाफा नहीं किया गया है। ऐसे में एक अप्रैल से एसी बसों के किराये में वापस 15 फीसदी को फिर वृद्धि कर दिया गया.
एसी बसों का कराया बढ़ा दिया गया है। पर इसके साथ ही सुविधाओं को भी बढ़ाना चाहिए। बस में हेल्थ किट की भी सुविधा नहीं है। कुछ बसों में फायर एक्सटिंग्यूशर भी एक्सपायर है।
महेश गुप्ता, पैसेंजर
एसी बस में किराया फिर से बढ़ गया है, लेकिन सर्विस वही पुरानी है। एसी बस में गंदगी में तो बैठकर सफर करना ही पड़ता है। साथ ही इसमें लगे एसी से बेहतर तो फैन होता है।
आशुतोष रस्तोगी, पैसेंजर
ठंड को देखते हुए रोडवेज ने 16 दिसंबर से 31 मार्च तक एसी श्रेणी की बसों के किराये में 15 प्रतिशत की कटौती कर दी थी। गर्मी शुरू होते ही एक अप्रैल से पुराना किराया फिर से बहाल कर दिया गया है। ऐेसे में पैसेंजर से बढ़ा हुआ किराया लिया जा रहा है.
गौरव वर्मा, आरएम रोडवेज
जनरथ एसी बस का फेयर (रुपए में)
स्थान-पहले-अब
कानपुर-551-628
लखनऊ-527-602
प्रयागराज-219-249
गोरखपुर-438-522
शक्तिनगर-349-512
एसी बसों में ये खामियां
1. एसी प्रॉपर तरीके से काम नहीं करते। कुछ के पंखे भी वर्किंग में नहीं हैं.
2. फस्र्ट एड बाक्स गायब हैं या उनमें दवाएं ही नहीं हैं। फायर एक्सटिंग्यूशर एक्सपायर हैं।
3. सफाई का अभाव है। साथ ही कुछ बसों में सीटें भी खराब हो गई हैं.