80 प्रतिशत दोहरीकरण और विद्युतीकरण पूरा झूंसी-रामनाथपुर रेलखंड को मिली स्वीकृति वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस परियोजना की रखी थी आधारशिला

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस-प्रयागराज रेलखंड पर ट्रेनें 160 किलो मीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ेगी। यह रेलखंड पूरे पूर्वांचल में सबसे तेज होगा। इस परियोजना का कार्य 80 फीसदी तक पूरा हो चुका है। पिछले दिनों सीआरएस (मुख्य संरक्षा आयुक्त) के निरीक्षण के बाद झूंसी-रामनाथपुर रेलखंड को भी स्वीकृति मिल चुकी है। सोमवार को रेलमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए सभी मंडल मुख्यालय से सर्वाधिक गति वाले कारिडोर चयनित करने का निर्देश दिया है। पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल में मौजूदा व्यवस्था के तहत बनारस-प्रयागराज रेलखंड पर ट्रेनों की सार्वाधिक गति सीमा 110 किलो मीटर प्रति घंटे निर्धारित है। यात्रियों को ट्रेन से प्रयागराज पहुंचने में तीन घंटे का समय लगता है। परियोजना मूर्तरूप लेने के बाद इस रूट पर महज ढाई घंटे में सफर पूरा हो जाएगा.

1293 करोड़ की लागत

बनारस - प्रयागराज रेलखंड पर विकसित दोहरीकरण व विद्युतीकरण परियोजना की लागत 1293 करोड़ रुपये है। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। कुल 120.2 किमी में 115 किमी तक दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। आने वाले समय में वाराणसी से दिल्ली दूर नहीं रहेगी.

हाईस्पीड ट्रेन मिलने की सम्भावना

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की मंशा के अनुरूप पूरे देश में 160 किमी प्रति घंटे क्षमता का कारिडोर तैयार करने की योजना है। बनारस-प्रयागराज रेलखंड की क्षमता इस मानक को पूरा करती है। लिहाजा, इस रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस सहित अन्य हाईस्पीड ट्रेनों की सौगात मिल सकती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस रेलखंड पर 160 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेन चलाने के बाबत रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

बनारस-प्रयागराज रेलखंड पर दोहरीकरण व विद्युतीकरण का कार्य गति से चल रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है.

अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे

Posted By: Inextlive