चक्कर लगाकर थक गए पर नहीं बन पाए वोटर
वाराणसी (ब्यूरो)। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर शासन प्रशासन से लेकर चुनावी रणनीतिकारों के द्वारा चुनावी तैयारियां आखिरी चरण में है। ऐसे में लोगों के द्वारा अपने नामांकन से लेकर चुनावी जीत दर्ज कराने के लिए जोर आजमाईश की शुरुआत कर दी गई है। इसके बावजूद शहर के कई सारे ऐसे मतदाता हैं, जो अब भी मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने से चूक गए हैं। उनके द्वारा कई बार प्रयास करने के बावजूद भी मतदाता सूची में नाम नहीं जुड़ पाया है। अब उनको चुनावी समर की जानकारी मिली तो वे जोनल से लेकर निर्वाचन कार्यालयों तक के चक्कर लगा रहे हैं और अधिकारी से लेकर कर्मचारी भी उनकी किसी भी प्रकार की कोई मदद करते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं.
केस नंबर 1आदमपुर जोन के अंतर्गत रहने वाले अमित दिल्ली में रहकर अपना व्यवसाय करते हंै। मतदाता सूची में नाम जानने के लिए अपने स्थानीय पूर्व पार्षद से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि इनका नाम लिस्ट में नहीं है। इसके बाद आनन फानन में दिल्ली से बनारस आये और जोन कार्यालय में जाकर संपर्क किया तो इनका लिस्ट में नाम नहीं था। किसी ने इनको मृत्यु दिखाकर इनका नाम कटवा दिया था। तब तक मतदाता सूची का फाइनल प्रकाशन हो चुका था। इसके बाद इनका कहना था कि कुछ लोगों की मिलीभगत के कारण इस बार भी ये अपने वोट देने के अधिकार से वंचित रह गए.
केस नंबर 2 वरुणापार जोन के पांडेयपुर के रहने वाले कल्लू यादव मूलरूप से सोनभद्र के रहने वाले हैैं। वहीं से इनका परिवार आकर बनारस में बस गया। इसके बाद अपना मकान बनाकर यहीं पर शिफ्ट हो गए। इनके पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण इनका फायदा कुछ अराजक लोगों ने उठा लिया और इनका नाम मतदाता सूची से कटवा दिया। इनको अपने सोर्स के माध्यम से जानकारी हुई तो इन्होंने पता किया और देखा कि इनका नाम कट गया है। इतना ही नहीं इनके नाम को एड करने के लिए जोन कार्यालयों की तरफ से भी इनकी कोई मदद नहीं की गई. केस नंबर 3वरुणापार जोन के सिकरौल वार्ड के रहने वाले अभ्युदय अभी स्टूडेंट हंै। ये अपने घर से करीब 10 से 12 साल से बाहर रहकर अपनी अहमदाबाद में पढ़ाई कर रहे हैं। इनके परिवार के लोगों ने इन्हें भी वोट देने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद पिता रामबहादुर ने अपने बेटे के वोट देेने के प्रयास के लिए मतदाता सूची की जानकारी ली तो इनके बेटे का नाम ही मतदाता सूची में नहीं था। इसके बाद इन्होंने स्थानीय पूर्व पार्षद से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि इसके लिए आप एक बार जोन कार्यालय में संपर्क करते हुए नाम एड करा लीजिए। इनके द्वारा जोन कार्यालय का भी विजिट किया तो जोन से भी कोई मदद नहीं मिली। इसके उपरांत मतदाता सूची का प्रकाशन हो गया.
ज्यादातर यूथ हैं परेशान प्रशासनिक तौर पर अब मतदाता सूची में किसी भी व्यक्ति का नाम एड नहीं हो सकता है। इसके बावजूद लोगों के नाम नहीं जुडऩे के कारण रोजाना दर्जनों की संख्या में जोनल कार्यालयों के चक्कर लगाए जा रहे हंै। ऐसे में जोनल अधिकारी और कर्मचारी भी असमर्थ हो गए हंै। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि जब तक समय था तब तक लोगों की तरफ से इस बारे में खास पहल नहीं की गई और अब तक अपडेट करने के लिए कोई समय नहीं है। ऐसे में देखा जा रहा है कि मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण सबसे ज्यादा यूथ परेशान हैं, लेकिन अब उनकी परेशानी पर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं देने वाला है और न ही कोई भी कार्रवाई करने वाला है.मतदाता सूची का फाइनल प्रकाशन किया जा चुका है। अब उसमें चुनाव आयोग के गाइडलाइन के अनुसार कोई भी संशोधन नहीं किया जा सकता है। अब लोगों को अग्रिम चुनाव अपडेशन का इंतजार करना होगा.
रणविजय सिंह, एडीएम प्रशासन एवं चुनावी रजिस्ट्रीकरण अधिकारी