माला-फूल की दुकानों पर भी ठग हैं हावी मोबाइल व पर्स रखने तक का लेते हैं पैसा त्रिपुंड लगाने का लेते हैं 40 से 50 रुपए दस रुपए में नहीं बनती है बात


वाराणसी (ब्यूरो)बाबा विश्वनाथ दरबार के बाहर किस तरह से टूरिस्टों और श्रद्धालुओं के साथ ठगी का खेल चल रहा है, देख लेंगे तो हैरान हो जाएंगे। हालात यह है विश्वनाथ दरबार में कोई भी बाबा का भक्त दर्शन करने कि लिए आता है तो पहले ही लूट जाता है। जैसा यजमान वैसा दाम वसूलने से न तो हिचकते हैं और न ही चूकते हैं। सिनेरियो यह है कि जैसे ही मंदिर के गेट के सामने परिवार संग पहुंचता है तो चारों तरफ माला-फूल वाले पकड़ लेते हंै। फिर क्या शुरू होता है ठगी का खेल। आइए भाई साहब, यहां पर सामान रख दीजिए। मोबाइल है तो लॉकर में रख दीजिए। यह लीजिए प्रसाद, बड़ी डलिया 500 सौ रुपए, छोटी डलिया 300 रुपए है। डलिया का प्रसाद लेकर बाबा के भक्त ज्यों ही आगे वीवीआईपी गेट नं। चार के पास पहुंचते हैं तो हाथ में चंदन टीका लेकर घूम रहे तथाकथित पंडित धर लेते हंै। फिर क्या, बाबा का दर्शन करने आए हैं तो त्रिपुंड लगाकर जाइए। इतना कहते ही सभी परिवार के माथे त्रिपुंड लगाना शुरू होता है, इसके लिए भक्त दस रुपए देता है तो तुरंत भृकुटी तन जाती है। दस रुपए नहीं पचास रुपए दीजिए। नहीं तो बाबा को कष्ट होगा। बाबा विश्वनाथ मंदिर के बाहर इस तरह से टूरिस्टों और दर्शनाथियों के साथ ठगी हो रही है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 'बाबा की नगरी में बड़े-बड़े धोखेÓ अभियान के तहत बाबा विश्वनाथ मंदिर के बाहर पड़ताल की तो किस तरह से श्रद्धालु ठगे जा रहे हैं, यह सच सामने आया.

बारहोमास कारोबार

श्री काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद बाबा दरबार के बाहर के दुकानदारों की मानों लाटरी लग गई। दिन हो या रात, बस भक्तों की कतार। हालात यह है कि बारहोमास कारोबार बमबम है। जैसे-जैसे माला-फूल, दूध, त्रिपुंड का कारोबार बढ़ा है उसी तरह ठगी का कारोबार भी चढ़ गया है् सिनेरियो यह है कि दस रुपए का माला 50 रुपए और 50 रुपए का माला दौ सौ रुपए देकर श्रद्धालुओं को ठगा जा रहा है। वसूली को लेकर राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल भी अधिकारियों को आगाह कर चुके हैं.

बाबा भक्तों के साथ जमकर लूट

श्री काशी विश्वनाथ बाबा का दर्शन करने के लिए प्रतिदिन दो से ढाई लाख श्रद्धालुओं की भीड़ आती है। सभी श्रद्धालु माला-फूल लिए बगैर मंदिर में प्रवेश नहीं करते हंै। इसी का फायदा उठाकर दुकानदार खुलेआम ठग रहे हैं। इसके बारे में मंदिर प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन को जानकारी है फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता है.

हर दुकान में 4 से 5 ठग

हालात यह है कि कोई भी श्रद्धालु या फिर टूरिस्ट मंदिर के पास दर्शन के लिए पहुंचता है तो पहले से ही सड़कों पर टहल रहे ठग माला-फूल, मोबाइल रखने के लिए इतना अधिक परेशान कर देते हंै कि कई श्रद्धालु तो उनके इस व्यवहार को देखकर भाग जाते हैं। लेकिन, आगे भी जाते हैं तो वहीं सिनेरियो देखने को मिलता है। क्योंकि मंदिर के बारह बुलानाला से लेकर गोदौलिया तक माला-फूल की दुकानें लाइन से लगी रहती हैं.

40 परसेंट कमीशन

ठग इतने सक्रिय होते हैं कि उनके चंगुल में श्रद्धालु फंस ही जाते हैैं। बाबा के नाम पर इतना अधिक परेशान करते हैं कि अंत में श्रद्धालु उनके दुकान से सामान खरीदने को मजबूर हो जाते हैैं। फिर क्या, चुने हुए दुकान से प्रसाद सामग्री खरीदवाते हैं। इसमें दुकानदार से उनका 40 प्रतिशत कमीशन बंधा रहता है। श्रद्धालुओं को डलिया में भरकर दिये जाने वाले प्रसाद का रेट 151 रुपया, 251 रुपया, 501 रुपया, 1100 रुपया और 2100 रुपया तक रहता है.

वसलूते हैैं मनमाना रुपया

श्रद्धालुओं से पहले जूते, चप्पल, मोबाइल फोन एवं इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि लॉकर में रखवा लिया जाता है और इसे सुरक्षित रखने के नाम पर मनमाना रुपया वसूला जाता है.

घाट से ही लग जाते हैं ठग

काशी आने वाले श्रद्धालु सबसे पहले गंगा स्नान करते हैं। गंगा स्नान के बाद मंदिर आने वाले भक्त प्रसाद के रूप में माला फूल, गंगाजल, दूध व मेवा-मिठाई खरीदते हैं। यहीं से ठगने और लूटने का खेल शुरू हो जाता है। बाबा के भक्त जैसे-जैसे मंदिर की ओर बढ़ते हैं, वहां पहले से मौजूद लोग दर्शन कराने के नाम पर उनसे सम्पर्क करते हैं। फिर क्या इसके बाद ठगने का सिलसिला शुरू हो जाता है। दर्शन-पूजन कराने के नाम पर इतना अधिक रुपए ऐंठ लेते है कि श्रद्धालु परेशान हो जाता है।

श्रद्धालुओं और टूरिस्टों के लिए माला-फूल और पूजन सामग्री के जल्द ही रेटलिस्ट बोर्ड मंदिर के बाहर लगाए जाएंगे। मोबाइल वगैरह जो जमा करते हैैं, इसके लिए भी रेट निर्धारित होगा.

आरएस गौतम, डीसीपी काशी जोन

बाबा दरबार के बाहर जिस तरह से श्रद्धालुओं के साथ ठगी हो रही है, उस पर रोक लगनी चाहिए। शासन-प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.

प्रेम मिश्रा, अध्यक्ष, महानगर उद्योग व्यापार समिति

रेट लिस्ट लग जाए तो श्रद्धालुओं के साथ ठगी कम होने लगेगी। दूर-दराज से आए श्रद्धालु अपने शहर जाएंगे तो यहीं कहेंगे कि काशी में इस तरह से श्रद्धालुओं के साथ ठगी हो रही है.

मनोज मद्धेशिया, अध्यक्ष, करखियांव एग्रो पाक

टूरिस्टों और पर्यटकों के साथ दुकानदारों को ठगी नहीं करना चाहिए। माला-फूल दस रुपए का है तो 20 रुपए में देना चाहिए न की 50 से सौ रुपए में। शहर की छवि खराब होती है.

मनीष चौबे, अध्यक्ष, युवा व्यापार मंडल

Posted By: Inextlive