सेना के एमपी-5 गन से फायरिंग का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप
वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में एमपी-5 गन (सब मशीनगन) से पांच राउंड फायरिंग करते हुए एक युवक का 50 सेकेंड का वीडियो सामने आते ही सनसनी फैल गई। जानकारी होते ही वाराणसी समेत पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। त्वरित एक्शन में आते ही कमिश्नरेट पुलिस ने भेलूपुर थाना के रेवड़ीतालाब इलाके से वीडियो के आधार पर उक्त युवक समेत दो को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में तथ्य सामने आते ही पुलिस ने राहत की सांस ली। यह वीडियो मौजूदा समय का नहीं है, बल्कि आठ साल पुराना 2014 का है। पुलिस ने युवक से पूछताछ करने के बाद एक रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी है। बावजूद इसके युवक आलम के अपराधियों से कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं।
2014 में बनाया गया था वीडियोपूछताछ में वीडियो में दिख रहे युवक की पहचान रेवड़ीतालाब के रहने वाले युवक आलम के रूप में हुई है। वह साड़ी छपाई से संबंधित काम से जुड़ा है। आलम ने बताया कि वह वर्ष 2014 में अपने दोस्त सिकंदर के साथ सूरत गया था। सूरत से वह मुंबई गया था। वहां एनएसजी में उन दिनों उसके आर्मी के एक कैप्टन दोस्त डेप्युटेशन पर तैनात थे। वह अपने साथियों और विभाग के कर्मचारियों के साथ शूटिंग रेंज में फायरिंग कर रहे थे। उन्हें देख कर उसकी भी फायरिंग की इच्छा हुई तो उसने उनसे कहा। उसके कैप्टन दोस्त आसानी से तैयार हो गए। इसके बाद उसने पांच राउंड फायरिंग की थी। उसके फायरिंग करने का वीडियो उसके दोस्त सिकंदर ने बना लिया था। वह वीडियो ना जाने अब कैसे वायरल हुआ है, उसे समझ में नहीं आ रहा है.
कैप्टन के खिलाफ भी कार्रवाई को लिखेंगे कमिश्नरेट पुलिस अधिकारी अभी इस मामले में खुलकर कुछ बोल नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि दोनों युवक के संबंध में गहराई से छानबीन की जा रही है। पता लगाया जा रहा है कि कहीं उनके कनेक्शन आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से तो नहीं हैं। दोनों युवक के बारे में पूरी तरह से तस्दीक करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। आर्मी के कैप्टन के संबंध में कार्रवाई के लिए उनके सीनियर अफसरों को लेटर भेजा जाएगा. एमपी-5 गन क्या हैएमपी-5 (मशीन पिस्टल-5) का मतलब है सब मशीन गन 5. यह एक 9 एमएम सब मशीन गन है, जिसे 1960 में जर्मनी के एक स्माल आम्र्स डेवलपर हेकलर एंड कोच ने डिजाइन और डेवलप किया था। इस वेपन में अब तक 100 से ज्यादा वैरिएंट उपलब्ध है। एमपी-5 गन दुनिया के कुछ एक उन हथियारों में शामिल हैं जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती हैं। एक जानकारी के अनुसार, अभी तक 40 से ज्यादा देशों के सुरक्षा जवान इसको इस्तेमाल करते हैं। यह एक क्लोज कॉम्बैट फायरिंग वेपन है। यह एक असाल्ट वेपन है, इसलिए यह सिविलियन यानी आम आदमी के लिए प्रतिबंधित है। इसमें 9 एमएम पिस्टल में लगने वाली गोली ही लगती है, यानी इस वेपन और 9 एमएम ऑटो पिस्टल और ग्लॉक पिस्टल दोनों में सेम गोली लगती है। यह शॉर्ट रेंज के लिए बेहतरीन वेपन में से एक माना जाता है.
वीडियो सामने आते ही पुलिस एक्टिव हो गई। रेवड़ी तालाब से हिरासत में लिया गया। वीडियो में दिख रहे युवक आलम से पूछताछ में कई चीजें सामने आई हैं। फिलहाल वीडियो आठ साल पुराना है। पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर ऊपर भेज दी गई है. ए सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर