तबियत खराब है सुधारेगा कौन
वाराणसी (ब्यूरो)। सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का भले ही दावा किया जा रहा हो, पर हकीकत यह है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों का अभाव है। इसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। जिले में डॉक्टरों के 300 के सापेक्ष 117 पद खाली हैैं। बता दें कि जी-20 से पहले शहर के समस्त हास्पिटलों में बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में शहर के अंदर वर्तमान समय में डाक्टर्स की उपलब्धता और मेडिसिन पर मंथन किया गया। इसमें निकलकर सामने आया कि इस दौरान शहर में डाक्टर्स की भारी भरकम कमी है। साथ ही इस मुद्दे पर यह बात सामने निकलकर आई कि प्रशासन के पास इस भीषण समस्या से लडऩे और निपटने के लिए कोई माकूल शस्त्र नहीं है.
300 के सापेक्ष 117 पद खालीशहर के डीडीयू, मंडलीय और मानसिक चिकित्सालय को मिलाकर डाक्टरों के 300 पद हैं, जोकि अपने-अपने स्पेशलाइजेशन के अनुसार मरीजों की सेवा करते हैं। इन 300 पदों के सापेक्ष शहर के अंदर 117 पद डाक्टरों के खाली हैं, जिस कारण कई जगहों पर मरीजों को तमाम प्रकार की समस्याओं का सामना करना के बाद जनरल फिजीशियन के द्वारा हायर हास्पिटल में ट्रांसफर करना होता है। इसका सीधा असर मरीज और उसके तीमारदार पर आता है। ऐसे में शहर के अंदर सबसे ज्यादा एनेस्थेस्टि डाक्टरों की कमी है जिनकी कमी को कई वर्षों से प्रशासन पूरा नहीं कर पा रहा है.
दवाओं की उपलब्धता में भी फिसड्ड़ी शहर के समस्त हास्पिटल के अंदर प्रशासन के द्वारा मरीजों को उनके इलाज के लिए जेनेरिक प्रकार की दवाईयों को फ्री आफ कास्ट अवेलेबल कराया जाता है। इसमें से शहर के अंदर समस्त प्रकार के अस्पतालो को मिलाकर कुल 556 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता हर समय रहनी आवश्यक मानी जाती है। इनमें से बनारस शहर के समस्त अस्पतालों के अंदर महज 258 प्रकार की दवाओं की उपलब्धता है. डाक्टर्स नहीं तो बन गई रेफर की परंपरा शहर के अंदर प्रदेश सरकार के द्वारा बेहतरीन कायाकल्प वाले हास्पिटल का निर्माण करवाया गया है। परंतु इन अस्पतालों में डाक्टर्स की भारी भरकम कमी की वजह से इसका सीधा खामियाजा मरीजों को उठाना हो रहा है। स्पेशलिस्ट डाक्टर नहीं होने के कारण अन्य डाक्टर की मदद से सीधे मरीजों को मेडिकल कालेज या अन्य हायर हास्पिटल में भेजने के कारण जहां मरीज को भागदौड़ का सामना करना पड़ता है, वहीं उसे अपनी जान भी गंवानी पड़ती है. सत्र 2022-2023 में चिकित्सकों की उपलब्धता चिकित्सक-सृजित पद-रिक्त पद -फिजीशियन-20-14 -स्त्री रोग विशेषज्ञ-20-15 -एनेस्थेटिस्ट-25-20-बाल रोग विशेषज्ञ-19-11
-जनरल सर्जन-21-13 -कार्डियोलाजिस्ट-6-5 -चेस्ट फिजीशियन-4-2 -प्लास्टिक सर्जन-3-2 -नेत्र सर्जन-9-1 -आर्थो सर्जन-11-6 -चर्म रोग विशेषज्ञ-3-1 -पैथोलाजिस्ट-7-4 -ईएनटी सर्जन-6-1 -रेडियोलाजिस्ट-9-8 -ईएमओ-137-14 कुल -300-117 सत्र 2022-2023 में दवाओं की उपलब्धता अस्पताल-टारगेट-आपूर्ति जिलास्तरीय अस्पताल-258-206 सीएचसी-164-130 पीएचसी-58-40 स्वास्थ्य और परिवार कल्याण केंद्र-58-40 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर-99-72 स्वास्थ्य शाखा-99-72 सृजित पदों के सापेक्ष रिक्त पदों को भरने के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसके साथ ही समस्त हास्पिटलों में मेडिसिन की अवेलेबिलिटी के लिए अनवरत मानिटंिरग की जा रही है. संदीप चौधरी, सीएमओ