नाइट बाजार के पानी ने बिगाड़ दी सड़क की सूरत
वाराणसी (ब्यूरो)। जी-20 सम्मेलन सिर पर है और नाइट मार्केट का यह हाल है। काफी जद्दोजहद के बाद दुकानदारों को नाइट बाजार में दुकानें मिल गयी लेकिन अब उनके सामने पानी निकासी की समस्या सता रही है। जी-20 को देखते हुए कैंट से लेकर लहरतारा तक की सड़क को चमाचम किया गया। सड़क बने अभी अभी एक हफ्ता का समय भी नहीं हुआ था कि दुकानदारों ने पानी गिराकर सड़क की सूरत ही बिगाड़ दी.
चाय-व्यंजन की दुकानों से गिर रहा पानी नाइट बाजार में में करीब तीन से चार चाय, कॉफी की दुकानें हैं इसके अलावा चार से पांच दुकानें फास्ट फूड की हैं। इन दुकानों पर प्रतिदिन बर्तन धोने से लेकर साग-सब्जी धोने का पानी गिराया जाता हैं जो सीधे सड़कों पर आकर जमा होता हैं। इसकी जानकारी सभी डिपार्टमेंट को हैं लेकिन कोई वैकल्पिक व्यवस्था न होने से समस्या बनी हुई हैं.एक हफ्ता पहले बनी सड़क
एक तरफ सड़क बनायी जा रही है तो दूसरी तरफ पानी गिराकर उसकी सूरत बिगाड़ी जा रही हैं। जी-20 सम्मेलन की तैयारियों को लेकर स्मार्ट शहर की सड़कों को लकदक बनाया जा रहा हैं। इसी क्रम में एक हफ्ता पहले ही कैंट से लेकर लहरतारा तक की सड़क को बनाया गया। सड़क बनते ही दुकानों का पानी गिरने लगा हैं। ऐसे में सड़क पर गड्ढा होने में समय नहीं लगेगा। जगह-जगह पाइप भी फट गया हैं.
नाइट बाजार बनाते समय नहीं की पानी निकासी की व्यवस्था नाइट बाजार बनाते समय अगर स्मार्ट सिटी डिपार्टमेंट के अफसर थोड़ा सा ध्यान दिए होते तो यह समस्या नहीं होती। अब दुकानें लगने के बाद दुकानदार कोई भी पानी का काम कर रहे हैं वह सीधे सड़क पर आकर जमा हो जा रहा हैं। अब सड़क पर पानी लगने लगा हैं तो स्मार्ट सिटी के अफसर समस्या का समाधान ढूंढने में जुट गए हैं। दुकान निर्माण के समय ही सड़क खोदकर पानी निकासी की व्यवस्था कर दी गयी होती तो जी 20 की तैयारियों में बाधा नहीं उत्पन्न होती. प्राइम लोकेशन के हिसाब से किराया कैंट से लेकर लहरतारा तक पुल के नीच बने दुकानों का किराया भी अजीबो-गरीब हैं। कैंट रोडवेज के सामने अगर दुकानें हैं तो किराया 20 से 22 हजार, उसी साइज की दुकानें अगर लहरतारा पुल के नीचे हैं तो उसका किराया करीब 12 हजार रुपए हैं। इतना अधिक किराया होने के बाद भी पानी की निकासी व्यवस्था नहीं की गयी.स्मार्ट सिटी के इंजीनियर को पानी निकासी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बोला गया है। वहां पर डे्रेनेज सिस्टम न होने की वजह से पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की गई। जो दुकानदार पानी का काम कर रहे हैं उनको भी वैकल्पिक व्यवस्था दी जाएगी.
शाकंभरी नंदन सोनथालिया, पीआरओ, स्मार्ट सिटी