सुहाग को गिरवी रख बेटी के साथ घर जा सकी प्रसूता
वाराणसी (ब्यूरो)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ में स्टाफ नर्सों की मनमानी एक बार फिर हावी हो गई है। प्रसूता से पैसे लेने के लिए जच्चा-बच्चा दोनों को अस्पताल में रोक लिया गया। थक हारकर प्रसूता ने जब अपना मंगलसूत्र गिरवी रख पैसे दिए, तब जाकर स्टाफ नर्स ने घर जाने की छुट्टी दी। आहत होकर उसके परिवार वालों ने रविवार को इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई। इसके साथ ही एक लिखित शिकायती पत्र चिकित्सा अधीक्षक को भी दिया। इस पूरे प्रकरण से एक बार फिर जिले में स्वास्थ्य महकमे की जमकर किरकिरी हुई.
मायके आई थीतेंदुआ गांव में मंगल की पत्नी बबिता अपने मायके आई हुई थी। वह गर्भवती थी। शनिवार की सुबह जब उसे जब तेज दर्द होने लगा तो उसके पिता शिवपूजन प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ में एंबुलेंस से ले गए। वहां पर देर रात बबीता ने एक पुत्री को जन्म दिया। पुत्री के जन्म देने के बाद स्टाफ नर्स बबीता के घर वालों से पैसे की मांग करने लगी। बबिता के पास स्टाफ नर्स को देने के लिए 800 रुपये नहीं थे।
नहीं दी छुट्टीकाफी कहने के बावजूद स्टाफ नर्स नहीं मानी और पैसे लेने की जिद पर अड़ी रही। वह जच्च्चा-बच्च्चा को अस्पताल से छुट्टी भी नहीं दे रही थी। जब काफी मान मनौवल के बाद भी नर्स नहीं मानी तो थक हार कर बबिता ने अपने सुहाग की निशानी मंगलसूत्र को गिरवी रख पैसे का इंतजाम किया। हद तो ये कि पुत्री होने की खुशियां मनाने ससुराल आए मंगल को अपने ही हाथों से पत्नी के गले से मंगलसूत्र खोलना पड़ा और उसे ले जाकर उसने ज्वेलरी शॉप पर गिरवी रखा।
पैसे लेने के बाद छोड़ा मंगल ने बताया कि जब उसने पैसे लाकर स्टाफ नर्स को दिया इसके बाद ही उसने डिस्चार्ज का कागज बनाया। इसके पूर्व वह धमकी देती रही कि जब तक वह भर्ती व डिस्चार्ज कागज नहीं बनाएगी, तब तक च्च्चा-च्च्चा को सरकार की ओर से मिलने वाली कोई भी सुविधा नहीं मिलेगी। तब परेशान होकर उसे ये कदम उठाना पड़ा। मंगलसूत्र गले से खोलते वक्त पति-पत्नी दोनों की आंखें भर आई थीं. मामले की जानकारी नहीं थी। शिकायत मिली है। जांच कर स्टाफ नर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले से जिले के च्च्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा. अवधेश पटेल, चिकित्सा अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नौगढ़