मेट्रो की स्पीड से तय होगा रोपवे का नया रूट
वाराणसी (ब्यूरो)। स्टाम्प मंत्री रविंद्र जायसवाल की पहल के बाद एक बार फिर बनारस में मेट्रो दौडऩे की चर्चा शुरू हो गई है, लेकिन बनारस में अभी तो रोपवे को ही प्राथमिकता दी जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से शिलान्यास होने के बाद इस पर काम भी शुरू हो गया है, जो कैंट से गोदौलिया तक प्रस्तावित है। प्रशासन की तमाम कवायद के बाद भी सड़कों का ट्रांसपोर्टेशन ट्रैक पर नहीं आ रहा है। इसलिए पर्यटकों की सुविधा के लिए रोपवे को ही आगे बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। पहले चरण में गोदौलिया तक रोपवे दौड़ेगा, लेकिन दूसरे चरण में नमो घाट से सारनाथ तक इस सेवा का विस्तार किया जाएगा.
रोपवे का होगा विस्तारपहले चरण में कैंट से गोदौलिया तक काम दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण का काम शुरू होगा, जिसमें चौक, मैदागिन, गोलगड्डा से नमो घाट तक एक लाइन दौड़ाई जाएगी। इसके बाद दूसरी लाइन नमो घाट से सरैया, पंचकोशी, आशापुर होकर सारनाथ जाएगी। इसकी सफलता के बाद अन्य रूट पर रोपवे का विस्तार होगा, जिसमें सेंटर पर गोदौलिया ही रहेगा। तीसरे चरण में गोदौलिया से बीएचयू तक दौड़ाने की तैयारी है, जो मदनपुरा, सोनारपुरा, ब्रॉडवे होटल, रविंद्रपुरी, रविदास गेट होते हुए बीएचयू परिसर तक ले जाने की योजना है.
वीडीए कर रहा सर्वे ट्रैफिक पुलिस के तमाम कवायद के बावजूद बनारस में जाम की समस्या खत्म नहीं हो रही है। ऐसे में वैकल्पिक ट्रैफिक सिस्टम को प्राथमिकता दी जा रही है। इसी कड़ी में सारनाथ और बीएचयू तक रोपवे चलाने के लिए सर्वे का काम विकास प्राधिकरण को दिया गया है। सर्वे के लिए एक समय निर्धारित किया गया है। जैसे ही सर्वे रिपोर्ट आएगी, उसे आगे बढ़ाते हुए नया प्रपोजल तैयार कर पीएमओ और शासन को भेजा जाएगा. सुविधाओं का विशेष ध्यानपीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट रोप-वे को धरातल पर उतार रही योगी सरकार यात्रियों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान दे रही है। रोप-वे में यात्री हर मौसम में आरामदायक सफर कर सकेंगे। दिव्यांगजनों को कार केबिन में बैठने के लिए विशेष व्यवस्था होगी। अर्बन ट्रांसपोर्ट के लिए देश के पहले रोप-वे के निर्माण के लिए काशी में काम शुरू हो चुका है। डबल इंजन सरकार की इस योजना से रेलवे स्टेशन से आने वाले यात्रियों को काशी विश्वनाथ मंदिर और दशाश्वमेध घाट तक जाना आसान हो जाएगा। भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी.
रोपवे में वेंटिलेशन की विशेष व्यवस्था काशी के विकास मॉडल की चर्चा पूरी दुनिया में है। काशी अपनी पुरातनता को कायम रखते हुए आधुनिक से तालमेल करती दिख रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए विश्व का तीसरा व भारत का पहला रोप वे काशी में संचालित होना है। डबल इंजन की सरकार रोप-वे से यातायात को सुचारू बनाने और यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान दे रही है। प्रत्येक रोप-वे में यात्रियों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। अत्यधिक गर्मी के समय रोप-वे में वेंटिलेशन की विशेष व्यवस्था है. सूर्य की किरणें हो जाएंगी रिफ्लेक्ट कार केबिन में लगी खिड़किया बेहद खास होंगी, जिससे सूर्य की तेज किरणें खिड़कियों में लगे विशेष मटेरियल से रिफ्लेक्ट हो जाएंगी। इसके कारण अंदर का तापमान नियंत्रित रहेगा। कार केबिन को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया गया है। दिव्यांगजन अपनी व्हीलचेयर के साथ इसमें बैठ सकते हैं। एक केबिन कार में 10 पैसेंजर बैठ सकते है। ये केबिन खास यूरोपियन डिजाइन की होंगी। रोपवे के विस्तार की योजना है। गोदौलिया के बाद सारनाथ और बीएचयू तक रोपवे को दौड़ाया जाएगा। इसके सर्वे का काम वीडीए को दिया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद पीएमओ को भेजा जाएगा.कौशल राज शर्मा, कमिश्नर