बस्ते के बोझ से दबे रहने वाले बच्चों को मिली काफी राहत 45 के बजाय 35 मिनट ही चल रही क्लास


वाराणसी (ब्यूरो)बस्ते के बोझ से दबे रहने वाले बच्चों को नई एजूकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद से काफी राहत मिली है। अब बच्चे कम प्रेशर के साथ स्कूल में अपनी पढ़ाई कर पा रहे हैं। नई एजूकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद स्कूलों में पढ़ाई के साप्ताहिक घंटे भी घटाकर 29 कर दिए गए थे। यानी स्कूलों में क्लास कम समय तक चलेंगी। केवल प्रमुख विषयों की कक्षाएं ही ज्यादा समय तक चलाई जाएंगी.

हफ्ते में 29 घंटे क्लास

स्कूल में एक हफ्ते में अधिकतम 29 घंटे ही क्लास चलाई जा रही हैं, वहीं सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना 5 से 5.30 घंटे तक ही पढ़ाई होती है। महीने के दो शनिवार को कक्षाएं ढाई घंटे ही चलाई जाती हैं। स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि न्यू एजूकेशन पॉलिसी से न सिर्फ बच्चों को बल्कि उनके पेरेंट्स को भी काफी फायदा हुआ है। अब कम प्रेशर में स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई कर सकते हैं, जिसके चलते पेरेंट्स को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। साथ ही महीने के बाकी बचे दोनों शनिवार को स्कूलों में छुट्टी रहती है, जिससे बच्चे को घर में रिवीजन करने का समय ंिमल जाता है। कक्षाओं में आम विषयों के पीरियड का समय 45 के बजाय 35 मिनट हो गया है। प्रमुख विषयों की कक्षाओं का समय 45 से बढ़ाकर 50 मिनट किया गया है.

साल के 10 दिन बिना बैग

साल में अलग-अलग तारीख के 10 दिनों के दौरान स्कूल में छात्र बिना बस्ते के आएंगे, उस दिन मौखिक और प्रैक्टिकल के जरिये पढ़ाई चलेगी, जोकि स्टार्ट भी हो गया है। टीचर्स का कहना है कि नई टाइम टेबल तैयार करने का मकसद छात्रों के ऊपर से पढ़ाई का बोझ घटाने के लिए उन्हें अधिक समय तक खेलने, रिक्रिएशन करने या अपनी रुचि के तहत दूसरा कोई काम करने का मौका देना है.

पॉलिसी के हिसाब से हो रही पढ़ाई

-न्यू एजूकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 पैटर्न फॉलो किया जा रहा है। इसमें 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी और 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा होगी.

-नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल में 5वीं तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में दी जा रही है.

-छठी कक्षा से बिजनेस इंटर्नशिप स्टार्ट कर दी गई है.

-अब छात्र कोई भी सब्जेक्ट चुन सकते हैं और फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आट्र्स का भी सब्जेक्ट पढ़ सकते हैं.

-छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाना भी शामिल है.

-सभी स्कूल डिजिटल इक्विटी किए जाएंगे.

-वर्चुअल लैब डेवलप किए गए हैं.

स्कूल में न्यू एजूकेशन पॉलिसी के तहत ही पढ़ाई कराई जा रही है। छठी क्लास से बिजनेस इंटर्नशिप स्टार्ट कर दी गई है.

विभा सहाय, प्रिंसिपल, हैप्पी मॉडल स्कूल

न्यू एजूकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 पैटर्न फॉलो किया जा रहा है। पॉलिसी लागू होने के बाद से ही स्टूडेंट्स का प्रेशर काफी कम हो गया है.

परवीन कैसर, प्रिंसिपल, सनबीम स्कूल

Posted By: Inextlive