हड़प्पावासी भी करते थे गेंहू, जौ, बाजरे की खेती
वाराणसी (ब्यूरो)। डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के तत्वावधान में बुधवार को संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी, दक्षिण कोरिया की असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पुरातत्वविद जेनिफर बेट्स ने हड़प्पा के वनस्पति अवशेषों पर विशिष्ट व्याख्यान दिया। उन्होनें पुरातनवादी अवशेषों के आलोक में हड़प्पावासियों के विविध पक्षों को उजागर किया।
वनस्पति के बारे में बतायाउन्होंने हड़प्पावासियों के कई सारे पौरस्थलो के उत्खनन से प्राप्त वनस्पति अवशेषो के आधार पर उनके वनस्पति ज्ञान के बारे में बताया जिसके आधार पर हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोटेश्वर, बाबरकोट, राखीगढ़ी आदि पुरास्थलों के निवासियो द्वारा खाने में इस्तेमाल किये जाने वाले अनाज का उल्लेख किया। उहड़प्पावासी गेहूँ, जौ, बाजरा यहाँ तक कि चावल की खेती मौसमानुसार करते थे और यही उनके प्रमुख खाद्यान भी थे। उन्होंने पीपीटी के जरिये जले हुए अनाज के दानों को प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया साथ ही उन्होंने पुरावनस्पति विज्ञान का इस्तेमाल पुरातत्व में किस प्रकार करते हैं इसका भी उल्लेख किया.
यह रहे मौजूदकार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर सत्यगोपाल व स्वागत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रशांत कश्यप ने किया। संचालन डॉ। मनीषा सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ। ओमप्रकाश कुमार ने दिया। इस अवसर पर डॉ। सीमा, डॉ। ज्योति सिंह, डॉ। मिश्री लाल, डॉ। शशिकांत सिंह, डॉ। इंद्रजीत मिश्रा, डॉ। विकास सिंह, डॉ। आरती चौधरी, डॉ। महिमा सिंह, डॉ। संजय सिंह साहित विभिन्न विभागों के अध्यापकगण एवं छात्र - छात्राएं मौजूद थीं.