Varanasi news: पांच पूर्व छात्रों के लिए बीएचयू के दरवाजे हमेशा के लिए बंद
वाराणसी (ब्यूरो)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय सिर्फ पढ़ाई के लिए है। इसके सिवाय अगर किसी ने यहां झगड़ा, लड़ाई या छात्र-छात्राओं की स्टडी को डिस्टर्ब करने की कोशिश की तो उसकी खैर नहीं है। बीएचयू ने अनुशासनहीनता और पढ़ाई बाधित करने के आरोप में यहां के पांच पूर्व छात्रों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इस तरह के छात्रों के लिए बड़ा संदेश दिया है। इन छात्रों पर कैंपस में हमेशा के लिए एंट्री बैन करने के साथ ही किसी कोर्स में एडमिशन लेने और किसी तरह की नौकरी पाने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही दो अन्य छात्रों पर एक साल के लिए इसी तरह का बैन लगाया गया है। इन पूर्व छात्रों पर अनुशासनहीनता के कुल 90 मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी 17 छात्रों पर कार्रवाई की गई थी.
वीसी की मंजूरी पर एक्शन
बीएचयू के डिप्टी रजिस्ट्रार (सामान्य प्रशासन) ने जानकारी दी है कि पूर्व छात्रों के इस मामले में गठित स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट वीसी प्रो। सुधीर जैन को दी थी, जिस पर वीसी ने मंजूरी दी। विवि प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अभिषेक राय पर अक्टूबर 2022 से जनवरी 2024 तक अनुशासनहीनता और कदाचार के 12 मामले दर्ज हैं, जबकि रौनक मिश्रा पर अप्रैल 2022 से फरवरी 2024 तक 20 मामले और अभिषेक उपाध्याय पर फरवरी 2019 से जनवरी 2024 तक 58 मामले दर्ज हैं। समिति की सिफारिशों के अनुसार बीएचयू के छात्र रहे अविनाश सिंह और अनूप यादव पर 12 महीने के लिए इस तरह का प्रतिबंध लगाया गया है। यह प्रतिबंध आधिकारिक आदेश जारी होने के बाद से प्रभावी हो चुके हैं.
8 पूर्व छात्रों को कैंपस में घुसना तक मना
बीएचयू कैंपस में 17 फरवरी को एक साइकिल सवार को स्कॉर्पियो से रौंदने और वीसी आवास में तोडफ़ोड़ के मामले में 17 छात्रों पर शुक्रवार को एक्शन लिया गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चीफ प्रॉक्टर ने 9 छात्रों और 8 पूर्व छात्रों की पहचान की थी, जिसके बाद विवि में पढ़ाई कर रहे 9 छात्रों को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया। इन्हें एग्जाम से लेकर हॉस्टल सुविधा से भी बेदखल कर दिया गया। वहीं, बाकी के 8 पूर्व छात्रों को कैंपस में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.