जरूरत के मुताबिक बिजली की डिमांड पूरी करने में विभाग नाकाम शहर में बढ़ते होटलों ने बिगाड़ दी बिजली विभाग की गणित

वाराणसी (ब्यूरो)भीषण गर्मी के चलते बनारस में बिजली खपत का हर रोज रिकार्ड बन रहा है। कूलर, एसी, फ्रिज समेत शीतलता के लिए इंतजाम किए गए तमाम इलेक्ट्रिक संसाधनों के उपयोग के चलते इस माह लोड का आंकड़ा 1000 मेगावाट यानी 100 हजार किलोवाट तक पहुंच जा रहा है। यही वजह हैं कि निर्बाध पावर सप्लाई देने का दावा करने वाले बिजली विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा सी गई है। ऐसा कोई दिन नहीं है जब पावर कट नहीं हो रहा हो। सप्लाई की तुलना खपत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि बिजली विभाग पूरे शहर को प्रॉपर पावर सप्लाई करने में नाकाम हो गया है। इन सब के बीच अधिकारी तरह-तरह के बस दलील दे रहे हैं।

बढ़ते लोड से व्यवस्था हो रही फेल

वैसे बिजली के सर्वाधिक लोड का महीना मानसून का समय माना जाता है। उस समय उमस भरी गर्मी व आंधी-तूफान की स्थित होती है। पिछले साल भी अगस्त माह में सबसे अधिक 700 मेगावाट तक खपत पहुंची थी। अबकी तीन माह से लगातार गर्मी पड़ रही है। इसमें शाम 6 से रात 10 बजे तक बहुत अधिक लोड हो रहा है। इंजीनियर्स की माने तो जिस घर में एक से दो किलो या चार से पांच किलोवाट का लोड है, वहां इन दिनों लोड डबल हो गया है। इस वजह से फाल्ट और ट्रिपिंग के साथ ट्रांसफार्मर खराब होने की समस्या बढ़ रही है। सीधी बात करे तो गर कोई दो केवी के लोड पर एसी कूलर, फ्रिज चलाएगा तो समस्या आएगी ही। इलेक्ट्रिक उपकरण बढ़ाने के साथ कंज्यूमर लोड नहंी बढ़वा रहे हैं। इसकी वजह से हर फीडर पर समस्या आ रही है और पावर कट हो रहा।

होटल्स के चलते भी सिस्टम कोलैप्स बिजली विभाग के जानकारों की माने तो पिछले दो साल में बनारस में होटल्स की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। ऐसा कोई वर्तमान में यहां ढाई से तीन हजार छोटे-बड़े होटल संचालित हो रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा होटल कैंट से विद्यापीठ, सिगरा लेकर , महमूरगंज, लक्सा, गोदौलिया, दशाश्वमेघ घाट के अलावा सभी घाट किनारों का एरिया है। यहां बिजली की इतनी ज्यादा लोड बढ़ गई है, कि सब स्टेशन भी हांफने लग गए है। एक होटल में 8 से 10 एसी चल रहे हैं। छोटे होटलों में कुछ में एसी तो कुछ में दर्जनों कूलर चल रहे हैं। इनकी वजह से इन सभी एरिया में बत्ती गुल हो रही है। ऐसा सिर्फ दिन में नहीं रात में हो रहा है।

भीषण गर्मी व ओवरलोड भी मुसीबत

इस साल अप्रैल में ही सिटी के बिजली का लोड 800 मेगावाट तक पहुंच गया था। वहीं मई में यह आंकड़ा करीब 900 मेगावाट के पार चला गया। इससे बार-बार बिजली ट्रिप भी हो जा रही है। भीषण गर्मी व ओवरलोड के कारण तेल खौल जाने से ट्रांसफार्मर भी गरम हो जा रहे हैं। इससे बार-बार ट्रांसफार्मर खराब होने के साथ जल भी रहे हैं.

चोरों के भी हौसले बुलंद

सर्वाधिक समस्या चोरी से एसी चलाने वालों के कारण उत्पन्न हो रही है जिसकी मार आम उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ रही है। हालांकि विभाग ने चोरी से एसी चलाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयार की है। इसमें विभाग की ओर से विभिन्न मोहल्लों में पीक आवर में चेकिंग अभियान चलाए जाने का खाका तैयार किया जा रहा है। अगर कोई चोरी या बिना लोड बढ़ाए एसी चलाते पाया गया तो एफआइआर होने के साथ ही भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। बता दें कि खंड प्रथम और दिृतीय को मिलाकर करीब 90 सब स्टेशन है, लेकिन इन दिनों आधे से ज्यादा सब स्टेशन ओवरलोड की मार झेल रहे हैं।

सिटी में सप्लाई तंत्र 900 से 1000 मेगावाट तक का है। वर्तमान में बिजली खपत 900 से 1000 मेगावाट तक पहुंच जा रही है। यह समस्या वे लोग पैदा कर रहे हैं जो छोटा लोड लेकर बड़े लोड का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा शहर में होटल और प्रतिष्ठानों की बढ़ती संख्या ने भी लोड को डिस्टर्ब किया है।

अनूप सक्सेना, एससी-फस्र्ट

Posted By: Inextlive