बनारस के यंगस्टर्स में बढ़ रहा खून का रिश्ता
वाराणसी (ब्यूरो)। अगर आपको ब्लड की जरूरत है और परेशान हैं तो मत घबराएं। क्योंकि स्मार्ट सिटी बनारस के यंगस्टर्स में खून खून का रिश्ता निभाने के लिए बड़ी ही तेजी से आगे आ रहे हैं। सिर्फ एक यूनिट ब्लड न मिलने के खातिर किसी की जान न जाए, इसके लिए सिटी का ज्यादातर यूथ ब्लड डोनेट करने के साथ अन्य लोगों को भी स्वेच्छा से रक्तदान करने के साथ ये संदेश भी दे रहे हैं कि खून देने से हमारे स्वास्थ पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन जिसकी जिंदगी बचती है, उसे जीवन भर असर पड़ता है.
नए डोनर्स के लिए रोल मॉडलइन दिनों शहर में स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले यंगस्टर्स की बड़ी फौज काम कर रही है, जरुरत है तो बस उन तक जरुरतमंदों के पहुंचने की। इन लोगों में कई ऐसे भी है जिन्होंने एक दो नहीं दर्जनों बार रक्तदान कर लोगों की जान बचाई है। शायद यही वजह है शहर के ब्लड बैंकों में कभी किसी ब्लड की कमी नहीं रहती। आज ब्लड डोनर्स डे है, हर डोनर्स आज स्वेच्छा से रक्त दान करने के लिए निकला है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इन सभी युवाओं से बात की जो आज नए डोनर्स के लिए रोल मॉडल बन रहे हैं।
फीमेल डोनर्स भी आगे
सिटी में कई ऐसे डोनर्स है, जो लंबे समय से ब्लड डोनेट कर लोगों की जान बचा रहे है। ये खुद के साथ अपने सगे-संबधियों और दोस्तों को भी ब्डल डोनेट करने के लिए प्रेणित कर रहे हैं। खास बात ये भी है कि इनमें कई ऐसे लोग भी है जो पिछले 30-40 साल से रक्तदान करने में लगे हुए है। इसके साथ ही वे समय-समय पर कैंप लगाकर ब्लड बैंकों में भी रक्त जमा करने का काम कर रहें है। रक्ततदान करने वाले यंगस्टर्स में सिर्फ मेल ही नहंी अब फीमेल भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। उनके स्वास्थ पर क्या असर होगा इस बात से बेफिक्र लड़कियां स्वेच्छा रक्तदान कर रही है। मुझे मेरे फादर से से यह प्रेरणा मिली है कि मैं ब्लड डोनेट कर हर उस जरुरतमंद की मदद करू, जो ब्लड न मिलने से अपने पेशेंट की जान बचाने के लिए परेशान होते है। पिछले 8 साल में मैंने अब तक 22 यूनिट ब्लड डोनेट किया है। इसके साथ ब्लड डोनेशन कैंप में भी जाती रहतीं हूं। तुनिष्का इसरानी-ब्लड डोनरमैंने अपनी लाइफ का पहला ब्लड डोनेट 2016 में किया था। उसके बाद से ब्लड डोनेट करने जो सिलसिला चला वो आज भी जारी है। अब तक एसडीपी व ब्लड मिलाकर करीब 22 यूनिट डोनेट कर चुकी हूं। बनारसी इश्क संस्था की ओर से लगने वाले कैंप में भी रक्तदान करती रहती हूं।
अमिषा-ब्लड डोनर 25 साल की उम्र से ब्लड डोनेट करता आ रहा हूं। मेरे खून से अगर किसी की जान बच जाती है तो ये मेरे लिए फक्र की बात है। हम पिछले पांच साल से अपने संस्था की ओर से कैंप लगाकर भी ब्लड बैंक तक खून पहुंचाने का काम कर रहे हैं। वे रोहित साहनी, ब्डल डोनर व संस्थापक मेंबर-बनारसी इश्क फाउंडेशन ट्रस्ट मैं 1983 से लगातार ब्लड डोनेट करता आ रहा हूं। अगर उनके एक यूनिट ब्लड से किसी की जान बचती है तो इससे बड़ा पून्य का कोई काम नहीं हो सकता। मैं अब तक 172 बार ब्लड डोनेट कर चुका हूं। यूपी में सबसे ज्यादा रक्तादान करने के लिए सम्मानित भी किया गया है। प्रदीप इसरानी-ब्लड डोनर-फाउंडर काशी रक्तदान-नेत्रदान कुटुंभ1997 से स्वेच्छा से ब्लड डोनेट करता आ रहा हूं। मेरा ब्लड ग्रुप सबसे रेयर ओ निगेटिव है। अब तक करीब 65 बार रक्तादान कर चुका हूं। हर तीन महीने में एक बार रक्तदान करता हूं। हर जरुरतमंद को ब्लड आसानी से मिल जाए इसके लिए कैंप भी लगाते हैं।
प्रशांत गुप्ता- ब्लड डोनर-फाउंडर केआरके मैंने 1997 में पहली बार रक्तदान किया था। तब से आज तक साल में 4 बार इस उम्मीद से रक्तदान करता हूंं कि उनके खून से किसी की जान बच सकती है। अन्य लोगों को भी समझाता हूं कि रक्तदान करने से हमारे स्वास्थ में कोई कमी नहीं आती। डॉ। अनिल गुप्ता, ब्लड डोनर एसएसपीजी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में ब्लड की स्थिति 200 यूनिट ब्लड उपलब्ध 00 ए-निगेटिव 00 एवी निगेटिव 03 यूनिट बी पॉजिटिव 01 यूनिट ओ पॉजिटिव 200 प्लाज्मा 30 यूनिट प्लेटलेट्स