सौंदर्यीकरण को बचाए रखना चुनौती
वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में जी-२० सम्मेलन की चार दौर की वार्ता प्रस्तावित है। पहले दौर की वार्ता के दौरान प्रशासन की तरफ से मेहमानों की आवभगत करने के लिए शहर को दुल्हन की तरह स्पेशल तरह से सजाया गया। इसके लिए प्रशासन ने ४९५ करोड़ रुपये खर्च कर दिए, जिसके लिए प्रशासन की तरफ से ग्रीनरी से लेकर लाइटिंग के साथ ही सड़कों की मरम्मत कार्य बहुत तेजी से करवाया गया। जैसे ही पहले दौर की वार्ता समाप्त हुई वैसे ही शहर के सौंदर्यीकरण को ग्रहण लगना शुरू हो गया है। अब तो कयास लगाये जा रहे हैं कि अगस्त तक शहर को पहले की भांति सुंदरता के साथ संजोकर रख पाना किसी चुनौती से कम नहीं है.
टूट रहे और सूख रहे गमलों के पौधेनगर निगम प्रशासन की तरफ से शहर को ग्रीन बनारस दिखाने के लिए भारी मात्रा में हार्टिकल्चर के कार्य कराये गए थे। जैसे ही शहर से पहले दौर की वार्ता को पूरा करके विदेशी मेहमान वापस अपने देश को लौटे हैं, वैसे ही हरे भरे गमलों के बुरे दिन शुरू हो गए हंै। शहर के अराजक तत्वों के द्वारा गमलों को तोड़ा जाना शुरू हो गया है। इसी के साथ ही गमलों में लगे पौधे अब सूखने शुरू हो गए हंै। देखने में आ रहा है कि इन गमलों को कोई पानी देने वाला नहीं है.
तोड़ कर फेंके जा रहे शोपीस पौधे प्र्रशासन की तरफ से शहर की सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए वरुणापुल के दोनों तरफ ब्यूीटिफिकेशन के कार्य करवाते हुए भारी मात्रा में पुल के दोनों तरफ फूल और पौधों के गुच्छे लगाए गए थे। ये आर्टिफिशयल होने के साथ ही वरुणापुल के आवागमन को काफी खूबसूरत बना रहे थे। लेकिन, अब समाज और शहर के अराजक तत्वों के द्वारा इन्हें तोड़ करके सड़कों पर फेंका जा रहा है और प्रशासन कार्रवाई करने के बजाय मौन है. शोपीस जानवरों की हालत खराब शहर के अंदर सेल्फी प्वाइंट को ध्यान में रखकर वरुणापुल के दोनो तरफ आर्टिफिशयल जानवरों को बनाया गया था। जबसे ये प्वाइंट शहर में बनाए गए थे तभी से सेल्फी लेने वालों की लाइन लग गई थी। अब तो देखने में आ रहा है कि इन जानवरों के परखच्चे उडऩे शुरू हो गए हैं। ऐसे में लोगों के द्वारा उम्मीद लगाई जा रही है कि आखिरी मीटिंग तक प्रशासन को इनको सुरक्षित बचा पाना किसी चुनौती से कम नहीं है. सुरक्षा का नहीं बन पाया मास्टर प्लानजी २० की पहली मीटिंग के पहले प्रशासन द्वारा आनन-फानन में शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर कार्य करवाये गए। इस जल्दीबाजी के दौरान नगर निगम प्रशासन के द्वारा इन ग्रीनरी और अन्य ब्यूटीफिकेशन के कार्यो को सुरक्षित रखने के लिए नगर निगम की तरफ से कोई भी मास्टर प्लान नहीं बनाया गया है और न ही किसी लोकेशन पर मानिटरिंग करने के लिए अन्य कर्मचारी की नियुक्ति की गई और ना ही किसी लोकेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए.
एक नजर वर्क पर डिवाइडर और हाईवे साइड पर- दो लाख पौधे फ्लाईओवर के नीचे- २ लाख पौधे खाली स्थानों पर- १ लाख शहर को सुंदर दिखाने के लिए भारी मात्रा में ब्यूटीफिकेशन के कार्य कराए गए थे। यदि कोई भी अराजक तत्व छेड़छाड़ करता है और हानि पहुंचाता है तो पहचान करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम