Varanasi news: राजपथ पर राम, बीएचयू में दिखी जी-20 की आभा
वाराणसी (ब्यूरो)। काशी हिंदू यूनिवर्सिटी के 109वें स्थापना दिवस पर बुधवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में वसंती बयार बही। विभिन्न संकायों, केंद्रों व संस्थानों ने विकसित भारत, श्रेष्ठ भारत की थीम पर झांकियां पेश कीं। इनमें बीएचयू की विशेषताओं, विविधता व समृद्ध विरासत के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों व वैश्विक पटल पर उभरते भारत की तस्वीर को प्रदर्शित किया गया। कुल 31 झांकियों में बीएचयू में राजपथ जैसा नजारा देखने को मिला। बता दें, वर्ष 1916 में वसंत पंचमी के दिन ही यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखी गई थी। समारोह की शुरुआत स्थापना स्थल पर हवन-पूजन के साथ हुई। वीसी प्रो। सुधीर कुमार जैन ने भी आहुति दीे।
मुख्य मंच पर प्रस्तुति
मालवीय भवन से गुजरती भव्य झांकियों में स्टूडेंट्स की प्रतिभा, उत्साह ने पूरे वातावरण में ऊर्जा भर दी। विद्यार्थियों ने प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा, सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक मोर्चे पर भारत की उपलब्धियों, भारत द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी, डिजिटल इंडिया, पर्यावरण संरक्षण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, नारी सशक्तिकरण आदि अनेक विषयों पर मुख्य मंच के समक्ष प्रस्तुतियां दीं.
शौर्य गाथा का प्रदर्शन
जहां सेंट्रल हिंदू बॉएज़ स्कूल ने एकता की भारत की तस्वीर को पेश किया। वहीं, रणवीर संस्कृत विद्यालय ने वैदिक ज्ञान से लेकर आधुनिक विज्ञान तक भारत की यश यात्रा को अपनी झांकी प्रस्तुत किया। महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने अपनी झांकी में कॉलेज की विकास यात्रा की बात की। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय ने प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा व चिकित्सा, योग, सनातन वैभव, तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की शौर्य गाथा का प्रदर्शन किया, तो दृश्य कला संकाय ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को चित्रों तथा भगवान राम की मूर्ति के प्रतिरूप के रूप में प्रस्तुत किया।
तकनीकों का प्रदर्शन
चिकित्सा विज्ञान संस्थान के विभिन्न अंगों की झांकियों में चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों, आईएमएस बीएचयू के योगदान, प्राचीन चिकित्सा पद्धति तथा आधुनिक चिकित्सा के समागम, कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के संघर्ष व सफलता, आधुनिक चिकित्सा उपकरणों व तकनीकों आदि का प्रदर्शन किया गया।
प्रस्तुत की लघु नाटिका
विधि संकाय ने विश्वविद्यालय की स्थापना, देश की आजादी से लेकर अब तक भारत की विकास यात्रा को झांकी के माध्यम से दिखाया। कला संकाय की झांकी में भगवान राम के जीवन के विभिन्न पहलुओं को एक लघु नाटिका के रूप में दर्शाया गया। सामाजिक विज्ञान संकाय ने अपनी झांकी में एक सशक्त लोकतंत्र के रूप में भारत के वैश्विक पटल पर स्थापित होने को दिखाया। विज्ञान संस्थान ने वैक्सीन विकास, चंद्रयान तथा वैज्ञानिक प्रगति के भारत के पक्षों को प्रदर्शित किया। शिक्षा संकाय ने गुरु शिष्य परंपरा तथा वैदिक काल से आधुनिक काल तक शिक्षा के विकास को दिखाया.
झांकी में दिखी उपलब्धियां
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बीएचयू ने अपनी नई खोजों व उपलब्धियों को अपनी झांकी में दिखाया। प्रबंध शास्त्र संस्थान, दक्षिणी परिसर, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, एनएसएस, एनसीसी, वैदिक विज्ञान केंद्र, उद्यान विभाग इकाई ने भी मनमोहक व महत्वपूर्ण संदेशों वाली झांकियां प्रस्तुत कीं। समारोह में वंदनीय मदन मोहन मालवीय के आदर्शों, मूल्यों व संघर्ष की झलक भी दिखाई दी।