शहर में कलर से होगी इलाके की पहचान पिंक येलो और ग्रीन कलर से हो रही पेंटिंग जी-20 बैठक को लेकर शहर को लगातार संजाने की चल रही तैयारी

वाराणसी (ब्यूरो)जयपुर को पिंक सिटी के नाम से पूरी दुनिया जानती है। वल्र्ड की सांस्कृतिक राजधानी बनारस एक ऐसा शहर है, जहां पिंक ही नहीं, बल्कि क्रीम, ग्रीन और यलो कलर से इलाके की पहचान बन रही है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के आसपास मैदागिन से गोदौलिया, दशाश्वमेध तक पूरी बिल्डिंग पिंक कलर में दिखती है। इसी तरह कचहरी गोलघर के पास ग्रीन, अंधरापुल के पास क्रीम और लहरतारा रोड की बिल्डिंग येलो कलर में दिख रही है। हालांकि पूरे शहर को पिंक, क्रीम, येलो और ग्रीन कलर से पेंटिंग करने की योजना है। ऐसे में कलर आते आपको अहसास हो जाएगा कि यहां कौन सा इलाका है.

एरिया के हिसाब से कलर

जी-20 की बैठक को लेकर शहर की सड़कों के किनारे बिल्डिंग को एरिया के हिसाब से कलर किया जा रहा है। कचहरी से नदेसर तक ग्रीन, अंधरापुल से चौकाघाट और तेलियाबाग तक क्रीम, मैदागिन से श्री काशी विश्वनाथ धाम तक पिंक, धाम से गोदौलिया और दशाश्वेध तक पिंक, लहरतारा चौराहे से पुल तक येलो, कबीरचौरा से मैदागिन तक पिंक, चेतगंज को ग्रीन, गोलगड्डा से विशेश्वरगंज तक सड़क किनारे बिल्डिंग को येलो कलर दिया गया है। इसी तरह लक्सा, लहुराबीर, सिगरा, मलदहिया, रथयात्रा, कमच्छा, भेलूपुर, लंका, सामनेघाट को कलर करने की तैयारी है.

काशी की दीवारें भी बोल रहीं

काशी की दीवारें पहले से ही यहां की कला, संस्कृति और धरोहर से पर्यटकों को रूबरू करा रही हैं। भारत रत्न से लेकर काशी के कलाकार और महापुरुषों के चित्र दीवारों पर अपनी कहानी खुद कह रहे हैं। हृदय योजना के तहत अस्सी घाट, दुर्गाकुंड, कबीरचौरा, लहुराबीर, डीरेका, नरिया आदि जगहों पर बनी कलाकृतियों में कहीं गंगा घाट, विश्वनाथ मंदिर तो कहीं स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत, शिक्षा, संस्कृति से जुड़े चित्र हैं।

छात्रों की अहम भूमिका

बीएचयू, काशी विद्यापीठ सहित विभिन्न संस्थाओं के कलाकारों ने इन चित्रों को साकार किया है। लहुराबीर में क्वींस कॉलेज की दीवारों पर चरखा चलाते बापू, शहनाई बजाते भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, ककरमत्ता पुल पर गंगा घाट, मंदिर तो नरिया स्थित एनसीसी कालोनी की दीवार पर सीमा पर लड़ते जवान, शहादत को सलाम देने के साथ ही सबको समान शिक्षा, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत जैसे स्लोगन लिखे हैं.

पिंक कलर में गलियों की दीवारें भी

काशी देश और दुनिया में अपनी गलियों की बदौलत भी जानी जाती है। री-डेवलेपमेंट ऑफ ओल्ड काशी स्कीम के तहत कालभैरव, दशाश्वमेध, राजमंदिर और जंगमबाड़ी वार्ड के साथ गढ़वासी टोला की गलियों को सजाया और संवारा गया है। इन गलियों की दीवारें भी पिंक कलर में दिखती हैं। इसके साथ ही गलियों की दीवारों पर काशी की धर्म, कला और संस्कृति के अनुरूप पेंटिंग की गई है.

काशी धार्मिक शहर है। लगातार पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है। जी-20 को लेकर भी तमाम देशों से मेहमान आ रहे हैं। ऐसे में काशी को नया स्वरूप देने के लिए सड़क किनारे बिल्डिंग को विभिन्न कलर से रंगरोगन किया जा रहा है.

कौशलराज शर्मा, कमिश्नर

Posted By: Inextlive