दस हजार आबादी को काला पानी से आजादी
वाराणसी (ब्यूरो)। पांच साल की प्रॉब्लम जल निगम ने दो महीने में समाप्त कर दिया। हां, विश्वास नहीं होता है लेकिन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने यह सब कर दिखाया है। यह जटिल समस्या थी दो किलोमीटर के क्षेत्र में फैले कई मुहल्ले की। इन मुहल्ले की करीब दस हजार जनता पिछले पांच साल से काला पानी यानी सीवर की समस्या से जूझ रही थी। बारिश के सीजन में तो सीवर का पानी सभी के घरों में घुस जाता था। यही नहीं नलों से भी सीवर का पानी आने लगता था। जल निगम के अफसरों ने सिर्फ एक जगह खोदाई कर ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी से इस प्रॉब्लम को दूर कर दिया.
कबीरचौरा का पूरा मोहल्ला था परेशान
कबीरचौरा मोहल्ला काफी बड़ा है। इसमें छोटी पियरी, बड़ी पियरी, पिपलानी कटरा, औघडऩाथ का तकिया समेत कई मोहल्ले आते हैं। इनमें सबसे बड़ी समस्या यह थी कि गर्मी का सीजन हो या फिर जाड़े का, घरों में हमेशा बदबू भरा पानी आता था। हर घर का हर आदमी इस समस्या से परेशान था.
तैयारी पूरी करने के बाद कार्य शुरू
जल निगम ने इस कार्य के लिए सबसे पहले अपनी तैयारी की। इसके बाद पिपलानी कटरा क्षेत्र में 20 फीट की खोदाई की। खोदाई के रास्ते को वनवे कर दिया गया था। 20 फीट पाइप को डाला गया। इसके बाद माइक्रो टनलिंग सिस्टम से सबसे नीचे चैंबर तक गए। इसके बाद उसमें मिलाया गया फिर समस्या को दूर किया गया। इस कार्य में थोड़ा समय अधिक लगा, लेकिन प्रॉब्लम का सॉल्यूशन हमेशा के लिए हो गया.
60 दिन में परमानेंट सॉल्यूशन
दस हजार आबादी इस सीवर की समस्या से प्रभावित थी, जिसे दूर करने में जल निगम के अधिकारियों को 60 दिन का समय लग गया। अधिकारियों का कहना है कि थोड़ा ज्यादा समय लगा जरूर, लेकिन समस्या का समाधान हमेशा के लिए हो गया। पहले पांच-पांच सौ मीटर खोदाई करने के बाद समस्या को ढूंढना मुश्किल था। कबीरचौरा के कई मोहल्ले में खोदाई की गई लेकिन कहां से प्रॉॅब्लम थी, यह पता कर पाना मुश्किल हो जाता था। खासकर गर्मी के दिनों हजारों कंम्पलेन आ जाते थे। कई बार तो जनता धरना-प्रदर्शन भी करने लगी थी.
35 लाख से दूर हुई समस्या
जलकल के जीएम अरुणेन्द्र सिंह का कहना है कि थोड़ा समय भी ज्यादा लगा और बजट भी थोड़ा अधिक लगा, लेकिन क्षेत्र की समस्याओं का सॉल्यूशन अब परमानेंट कर दिया गया। समस्या का समाधान करने में 35 लाख रुपए लगे। अब वहां की जनता को हमेशा शुद्ध पानी मिलेगा। सीवर की समस्या से परेशान नहीं होना पड़ेगा।
क्या है ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी
ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी को मेट्रो सुरंगों, सड़कों के नीचे पैदल चलने वाले वाहनों, मलजल, जल शोधन प्रणाली, गैस आदि जैसे अधिक भूमिगत परियोजनाओं में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। कम गति उच्च टॉर्क ट्रांसमिशन तरीकों का उपयोग करके, कटर को काटने में सहायक होता है। एक ही जगह खोदाई करके पाइप को पुश कर जटिल से जटिल समस्या का समाधान कर सकते हैं।
कबीरचौरा क्षेत्र की जनता पिछले पांच साल से दूषित और काले पानी से परेशान थी। समस्या को दूर करने के लिए कई बार खोदाई की गई, लेकिन निस्तारण नहीं हो पा रहा था। इस बार ट्रेंचलेस सिस्टम से खोदाई कर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन हमेशा के लिए कर दिया गया.
अरुणेन्द्र कुमार सिंह, जीएम, जलकल