स्टाफ के नाम फर्म बना नकली दवाओं की सप्लाई
वाराणसी (ब्यूरो)। दवा सेक्टर में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। नकली और नारकोटिक्स की दवाओं से मालामाल होने के लिए दवा कारोबारियों ने हर पैंतरा पर दांव आजमाया। अपने भाई-भतीजा के नाम से तो फर्म बनाया ही, साथ ही अपने यहां के स्टाफ को कुछ रुपये का लालच देकर उनके नाम से भी फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का वारा-न्यारा किया। इसकी जांच जब ड्रग विभाग ने की तो उनके होश ही उड़ गए। दो महीने के अंदर करीब 70 फर्म ऐसे पाए गए, जो फर्जी तरीके से चल रहे थे। इन फर्मों का रजिस्ट्रेशन ड्रग विभाग ने निरस्त कर दिया है.
70 में से 50 स्टाफ के नाम फर्मदवा कारोबारियों ने पहले अपने नाम से लाइसेंस लेकर फर्म बनाया। उससे करोड़ों रुपए कमाई करने के बाद भी उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने अपने यहां के सबसे गरीब और लाचार स्टाफ को कुछ रुपए का लालच देकर उनका आधार और पैन लेकर फर्म बनाया और उस स्टाफ को पता ही नहीं चल पाया कि वह भी किसी फर्म का मालिक है। फर्जी फर्म बनाकर दवा कारोबारियों ने भी अरबों रुपए कमाया। ऐसे फर्मों की जांच जब डीआई विभाग ने की तो करीब 50 परसेंट फर्म स्टाफ के नाम मिले। इन फर्जी फर्मों को ड्रग विभाग ने निरस्त कर दिया है.
फर्म के अंदर फर्म जांच के दौरान कई ऐसे भी कारोबारी जो फर्म के अंदर फर्म बना रखे थे। एक फर्म से असली ड्रग का कारोबार करते थे तो दूसरे फर्म से नारकोटिक्स दवाओं की सप्लाई करते थे। नारकोटिक्स दवाओं की सप्लाई सिर्फ शहर तक सीमित नहीं थी। आसपास से लेकर पूर्वांचल के जिलों में धड़ल्ले से नारकोटिक्स दवाओं में सीरप, इंजेक्शन की सप्लाई करते थे। नारकोटिक्स दवाओं से कारोबारियों ने करोड़ों रुपए का कारोबार किया। अब इस कारोबार ड्रग विभाग ने नकेल कस दिया है. नकली दवाओं की सप्लाई में शामिल थे शहर व आसपास के कई दवा कारोबारियों ने दवाओं की सप्लाई के लिए फर्जी फर्में बनवाई थी। पिछले दिनों जो नकली इंजेक्शन और सीरप मिले थे, इन्हीं फर्जी फर्र्मों से ही इन दवाओं की सप्लाई की जा रही थी। नकली दवाओं का सच जानने के लिए ड्रग विभाग ने पकड़े गए नकली दवाओं की जांच करना शुरू किया तो यह सच उजागर हुआ. अभी और फर्मों की जांच जारीफिलहाल ड्रग विभाग का कहना है कि शहर व आसपास के क्षेत्र में जितने भी नर्सिंग होम हैं उनकी जांच की जा रही है। नकली दवाओं के नेक्सस में जितने लोग जुड़े, उनकी भी तलाश की जा रही है। क्योंकि शहर में लगातार नकली व नारकोटिक्स दवाओं का खेप मिलने से विभाग काफी अलर्ट है। अस्पताल से लेकर नर्सिंग होम, आसपास के क्षेत्र की दुकानों की जांच की जा रही है। सोमवार को ही पांच फर्म का लाइसेंस निरस्त किया गया है। यह भी फर्म के अंदर अपने स्टाफ के नाम से फर्म बनवाकर नारकोटिक्स दवाओं की सप्लाई करते पाए गए थे.
दवा सेक्टर में मोटी रकम कमाने के लिए दवा कारोबारियों ने अपने कर्मचारियों के नाम से फर्म बनवाकर कारोबार कर रहे हैैं। ऐसे लोगों की जांच जारी है। अभी तक 70 फर्मों को निरस्त किया गया है। आगे अभी और फर्मों की जांच जारी है. नरेश मोहन, ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी