सीबीएसई ने कक्षा 6 से 12 तक के बच्चों को दिया टास्क कार्टून देखने से लेकर ट्रैफिक जाम पर अध्ययन करेंगे स्टूडेंट


वाराणसी (ब्यूरो)समर वेकेशन में स्टूडेंट्स अपनी क्रिएटिविटी को ढूंढ सकें। इसके लिए शहर के स्कूलों ने स्टूडेंट्स को अलग-अलग पैटर्न का होमवर्क दिया है। इस बार स्टूडेंट्स को रिसर्च, रियल लाइफ और प्रैक्टिकल नॉलेज के आधार पर होमवर्क दिया गया है। ऐसे में स्टूडेंट्स से नए स्टार्टअप्स आइडियाज खोजना, होम ब्लॉगिंग करना, अलग-अलग राज्यों के ट्रेडिशन, क्यूजीन को समझना, अपने शहर की समस्याओं के नए हल ढूंढना, कम्युनिटी डेवलपमेंट पर फोकस करना समेत कई सब्जेक्ट पर असाइनमेंट्स बनवाए जा रहे हैं। शहर के विभिन्न सीबीएसई स्कूलों के टीचर्स का कहना है कि इन असाइनमेंट्स का उद्देश्य है कि स्टूडेंट्स का एकेडमिक के साथ-साथ मानसिक व सामाजिक रूप से भी विकास हो। यह एक्टिविटी काफी रोचक होती है। इन गतिविधियों में व्यस्त होने की वजह से बच्चे फोन का इस्तेमाल भी कम कर पाते हैं.

कॉर्टून देख कर बनाए असाइनमेंट

सीबीएसई टीचर्स ने बताया, बड़े बच्चों को जहां होमवर्क में असाइनमेंट दिए जा रहे हैं। वहीं, एलकेजी के छोटे बच्चों को भी कई टास्क दिए गए हैं। बच्चों को खूब एंजॉय करने और पसंदीदा कार्टून देखने के लिए कहा गया है। ऐसे में बच्चों को कहा गया है कि वे छुट्टियों को एंजॉय करें और उसी में अपना होमवर्क तलाशें। पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों को होमवर्क दिया गया है कि वे टीवी में अपने पसंदीदा कार्टून या अन्य कैरेक्टर जैसे शिनचैन, नोबिता, छोटा भीम या कोई भी जो उन्हें पसंद हो, उसकी कहानी लिखें। इस वर्ष उन्हें काफी रोचक होमवर्क दिया गया है.

असाइनमेंट में मिले स्टार्टअप आइडियाज

दसवीं क्लास के स्टूडेंट को स्कूल की ओर से स्टार्टअप आइडियाज, कंज्यूमर राइट्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स दिए गए हैं। यह विषय काफी रोचक हैं। इन असाइनमेंट को पूरा करने में स्टूडेंट को भी काफी मजा आएगा। टीचर्स ने बताया कि इससे उनकी नॉलेज और क्रिएटिविटी बढ़ेगी। उन्हें कंज्यूमर राइट्स से जुड़ी कई नई चीजों के बारे में भी पता लगेगा। स्टूडेंट को नए स्टार्टअप आइडियाज के बारे में भी सोचने को कहा गया है। हर साल की तुलना में इस बार काफी अलग और इंट्रेस्टिंग प्रोजेक्ट्स स्टूडेंट को दिए गए है। वहीं, बच्चों को होम-ब्लॉगिंग भी करने को कहा गया है.

क्रिटिकल थिंकिंग होगी इम्प्रूव

पेरेंट प्रतिभा अग्रहरि ने बताय, उनका बेटा विराट क्लास थर्ड में पढ़ाई करता है। विराट को स्कूल की तरफ से वोकैबलरी चैलेंज, कट आउट माय नेम जैसी इंट्रेस्टिंग गतिविधियां प्रोजेक्ट के रूप में दी गई है। यह सभी प्रोजेक्ट रियल लाइफ से जुड़े हैं। इस तरह के प्रोजेक्ट्स करने से कम उम्र से ही बच्चों की मल्टी-डाइमेंशनल ग्रोथ होती हैं। इससे बच्चों की क्रिटिकल थिंकिंग भी इम्प्रूव होती है.

नगालैंड के ऊपर बना रहीं प्रोजेक्ट

11वीं की छात्रा शिवांगी तिवारी ने कहा, इस बार वे नगालैंड के ऊपर प्रोजेक्ट बना रही हैं। वहां के क्यूजीन, टूरिज्म, ट्रेडिशन के बारे में लिख रही हैं। साथ ही वहां चल रहे मुद्दे और तकलीफों के बारे में भी समझ रही हैं। इस असाइनमेंट से उनकी दूसरे राज्य के बारे में नॉलेज काफी बढ़ी है। इसके अलावा वे शहर की बढ़ती समस्याएं जैसे ट्रैफिक, पानी, गंदगी के हल भी ढूंढने का प्रयास कर रही हैं.

बच्चों को दिए गए इन असाइनमेंट्स का उद्देश्य है कि स्टूडेंट्स का एकेडमिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी विकास हो।

गुरमीत कौर, सिटी कोऑर्डिनेटर सीबीएसई

स्टूडेंट समर वेकेशन में शहर की बढ़ती समस्याएं जैसे ट्रैफिक, पानी, गंदगी के ऊपर अध्ययन करेंगे, और इसका सॉल्यूशन भी खोजेंगे।

विभा सहाय, प्रिंसिपल हैप्पी मॉडल स्कूल

Posted By: Inextlive