नगर निगम : सफाई संग कमाई
वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम ने अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए नया फंडा ढूंढ़ लिया है। विस्तारित 84 गांवों के मोहल्ले व कालोनियों की सफाई कर कमाई भी करेगा। इन एरिया से निकलने वाले मल-जल के निस्तारण के लिए छोटे-छोटे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कंचनपुर में 50 बाई 30 के एरिया में एसटीपी बनाकर गंदगी का निस्तारण किया जाएगा.
ताकि न हो कोई समस्या करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी शहर में सीवर की समस्या बरकरार है। थोड़ी सी बारिश होते ही जगह-जगह पानी भर जाता है। यह समस्या नवशहरी 84 गांवों में न हो इसे लेकर पहले ही जल कल विभाग एलर्ट है। इसलिए इन गांवों में पहले से एसटीपी बनाने की योजना चल रही है। विस्तारित क्षेत्रों की कालोनियों व मोहल्लों का मल-जल स्थानीय स्तर पर ही एसटीपी बनाकर निस्तारित हो इस पर काफी तेजी से कार्य चल रहा है।60 परसेंट पानी का इस्तेमाल
जलकल सचिव सिद्धार्थ ने बताया कि बड़े एसटीपी तक पाइप बिछाने की जरूरत न पड़े इसके लिए कंचनपुर में एसटीपी से गंदे पानी को शुद्ध करके 60 प्रतिशत पानी का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग खेती, बागवानी सहित अन्य कार्यों में किया जा सकता है। इसके अलावा वाहनों को धोने, सड़कों की सफाई, मोहल्ले की सफाई के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। इस जल को टैंकर के जरिए सप्लाई करके जलकल अपना रेवेन्यू के लक्ष्य को पूरा करेगा.
सिल्ट से होगी कमाई विस्तारित गांवों के मोहल्ले व कालोनियों से निकलने वाले सिल्ट को भी फिल्टर करके उसका प्रयोग खाद बनाने में किया जाएगा। कंचनपुर में 30 एमएलडी का छोटा प्लांट तैयार किया जा रहा है। प्लांट तैयार होने के बाद वहां के सभी घरों को जोड़ा जाएगा। इन घरों से निकलने वाले सीवर के पानी को यहां पर ट्रीट किया जाएगा। जायका का मिलेगा सहयोग जायका के सहयोग 50 बाई 30 मीटर एरिया में एसटीपी बनाया जाएगा। जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी यानी जायका के सहयोग से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की आधारशिला इसी महीने जून में कंचनपुर में रखी जाएगी। प्रयोग सफल होने पर शहरी सीमा में शामिल हुए सभी 84 गांवों में भी इसी तर्ज पर एसटीपी बनाए जाएंगे. मोहल्ले में बनेंगे एसटीपीजलकल सचिव सिद्धार्थ का कहना है कि 84 गांवों में एसटीपी की योजना सफल रहा तो शहर के मोहल्ले व कालोनियों में एसटीपी का कांसेप्ट लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले एसटीपी बनाने की योजना शहर की कालोनियों व मोहल्ले में था। नगर निगम सीमा में शामिल 84 गांवों में विकास न होना बड़ी समस्या है। जिसे दूर करने के लिए अब हर मोहल्ले हर गांव में छोटे-छोटे एसटीपी बनाकर यहां से निकलने वाले वेस्टेज वाटर को ट्रीट करके उसका इस्तेमाल किया जाएगा.
एसटीपी से फायदे - मोहल्ले व कालोनियों से निकलने वाले सिल्ट से बनेगा खाद - एसटीपी से 60 परसेंट पानी को शुद्ध करके कर सकते इस्तेमाल - वाहन धोने से लेकर, बागवानी, खेती बारी में पानी का कर सकते हैं इस्तेमाल - जल कल विभाग टैंकर से करेगा सप्लाई एसटीपी से गंदे पानी को शुद्ध करके 60 प्रतिशत पानी का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग खेती, बागवानी सहित अन्य कार्यों में किया जा सकता है। पहली बार ट्रायल के तौर पर कंचनपुर में एसटीपी बनाने का प्लान तैयार किया गया है। सिद्धार्थ, जलकल सचिव